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तसवीरों की सूची

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पेज नंबर के मुताबिक

  • किताब के आगे-पीछे: पौलुस, तबीता, गल्लियो, लूका, प्रेषितों के साथ मंदिर का एक अधिकारी, एक सदूकी, पौलुस को कैसरिया ले जाया जा रहा है और लाउडस्पीकरवाली गाड़ी और ग्रामोफोन की मदद से गवाही दी जा रही है।

  • पेज 1 पौलुस और लूका, रोम जानेवाले एक जहाज़ पर हैं। पौलुस ज़ंजीरों में है।

  • पेज 2, 3 शासी निकाय के भाई बार और भाई जारज़ दुनिया का नक्शा देख रहे हैं।

  • पेज 11 गलील के एक पहाड़ पर यीशु अपने 11 वफादार प्रेषितों और दूसरे चेलों को एक ज़िम्मेदारी सौंपता है।

  • पेज 14 यीशु आसमान की तरफ उठा लिया जाता है। प्रेषित उसे देखते रहते हैं।

  • पेज 20 पिन्तेकुस्त के दिन अलग-अलग जगहों से लोग आए हुए हैं। चेले उनकी भाषा में उनसे बात करने लगते हैं।

  • पेज 36 प्रेषित, कैफा के सामने खड़े हैं जो गुस्से से आग-बबूला है। मंदिर के अधिकारी तैयार खड़े हैं कि कब महासभा हुक्म देगी और वे प्रेषितों को गिरफ्तार कर लेंगे।

  • पेज 44 नीचे: दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद, पूर्वी जर्मनी की अदालत में साक्षियों पर झूठा इलज़ाम लगा और उन्हें अमरीकी जासूस बताकर सज़ा दी गयी।​—3 अक्टूबर, 1950 नॉइ बर्लिनार इलसत्रिएता  पत्रिका।

  • पेज 46 महासभा स्तिफनुस को दोषी ठहराती है। पीछे अमीर सदूकी बैठे हैं और आगे फरीसी बैठे हैं जो परंपराओं को बहुत मानते हैं।

  • पेज 54 पतरस एक नए चेले पर हाथ रखता है; शमौन, हाथ में पैसों की थैली लिए खड़ा है।

  • पेज 75 पतरस और उसके साथी, कुरनेलियुस के घर में कदम रखते हैं। कुरनेलियुस के बाएँ कंधे पर एक खास कपड़ा है जो उसके शतपति होने की निशानी है।

  • पेज 83 एक स्वर्गदूत पतरस को जेल से छुड़ाकर ले जा रहा है। पतरस शायद एन्टोनिया गढ़ में कैद था।

  • पेज 84 नीचे: सन्‌ 1945 में क्युबेक के मोंट्रियाल के पास साक्षियों का सामना गुस्से से पागल भीड़ से होता है।​—जुलाई 1956, वीकेंड मैगज़ीन।

  • पेज 91 पौलुस और बरनबास को पिसिदिया के अंताकिया से भगा दिया जाता है। पीछे एक नया पुल है जिससे शहर में पानी लाया जाता है। इसे शायद पहली सदी की शुरूआत में बनाया गया था।

  • पेज 94 पौलुस और बरनबास लुस्त्रा के लोगों को मना कर रहे हैं कि हमारी पूजा मत करो। लुस्त्रा में बलिदान चढ़ाने की रस्म गाने-बजाने के साथ धूम-धाम से मनायी जाती थी।

  • पेज 100 ऊपर: सीलास और यहूदा, सीरिया के अंताकिया की मंडली का हौसला बढ़ाते हैं। (प्रेषि. 15:30-32) नीचे: युगांडा की एक मंडली में एक सर्किट निगरान भाषण दे रहा है।

  • पेज 107 यरूशलेम की मंडली एक मसीही के घर इकट्ठा हुई है।

  • पेज 124 पौलुस और तीमुथियुस, रोम के एक व्यापारी जहाज़ पर सफर कर रहे हैं। काफी दूरी पर एक लाइटहाउस दिखायी दे रहा है।

  • पेज 139 एक घर के बाहरवाले दरवाज़े पर गुस्से से पागल भीड़ खड़ी है। पौलुस और सीलास उनसे बचकर भाग रहे हैं।

  • पेज 155 गल्लियो विरोधियों को डाँट रहा है। वह अपनी पदवी के हिसाब से सफेद पोशाक पहने हुए है जिसका किनारा बैंजनी रंग का है और उसके पैरों में कैल्सीआई  नाम की खास जूतियाँ हैं।

  • पेज 158 इफिसुस में देमेत्रियुस, एक दुकान में कारीगरों को भड़का रहा है। यहाँ अरतिमिस देवी के छोटे-छोटे चाँदी के मंदिर बेचे जाते हैं जिन्हें लोग यादगार के लिए खरीदते हैं।

  • पेज 171 पौलुस और उसके साथी एक जहाज़ पर चढ़ रहे हैं। पीछे ‘महान बंदरगाह स्मारक’ दिखाया गया है जो ईसा पूर्व पहली सदी में बनाया गया था।

  • पेज 180 नीचे: सन्‌ 1940 के दशक में कनाडा में बाइबल प्रकाशनों पर रोक लगी थी। उस दौरान एक जवान भाई छिपकर प्रकाशन पहुँचा रहा है। (यह सच्ची घटना का एक प्रदर्शन है।)

  • पेज 182 पौलुस प्राचीनों की गुज़ारिश मानता है। लूका और तीमुथियुस पीछे दिखाए गए हैं, जो दान पहुँचाने में उसकी मदद करते हैं।

  • पेज 190 एन्टोनिया गढ़ में पौलुस का भाँजा, क्लौदियुस लूसियास से बात कर रहा है। शायद यहीं पर पौलुस कैद था। पीछे वह मंदिर दिखाया गया है जिसे हेरोदेस ने बनवाया था।

  • पेज 206 एक मालवाहक जहाज़ के अंदर पौलुस थके हुए यात्रियों के लिए प्रार्थना कर रहा है।

  • पेज 222 पौलुस रोम शहर की एक बस्ती देख रहा है। उसके हाथ ज़ंजीरों में हैं जो एक सैनिक के हाथ से बँधी हैं।