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अध्याय 8

बहाल करने की शक्ति—यहोवा “सब कुछ नया कर” रहा है

बहाल करने की शक्ति—यहोवा “सब कुछ नया कर” रहा है

1, 2. आज इंसानों को कैसे-कैसे नुकसान झेलने पड़ रहे हैं और इनका हम पर क्या असर होता है?

जब एक बच्चे का सबसे प्यारा खिलौना गुम हो जाता है या उसके हाथों से टूट जाता है, तो वह बिलख-बिलखकर रोने लगता है। उसका बिलखना देखकर कलेजा मुँह को आता है! लेकिन फिर जब माँ या बाप बच्चे का खिलौना ढूँढ़कर लाते हैं या फिर टूटे खिलौने को जोड़ देते हैं, तो कैसे उसका चेहरा खिल उठता है? माँ-बाप के लिए खिलौने को ढूँढ़ना या उसे जोड़ना कोई बड़ा काम नहीं। मगर बच्चे के लिए तो मानो उसकी खुशियाँ लौट आती हैं। खिलौने का जुड़ जाना उसे हैरानी में डाल देता है। जो उसे लगता था कि हमेशा के लिए खो गया है, वह फिर से बहाल कर दिया जाता है!

2 यहोवा जो दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पिता है, उसके पास उन सभी चीज़ों को बहाल करने की ताकत है जो इस धरती पर उसके बच्चों की नज़र में हमेशा के लिए खो चुकी हैं। बेशक, हम खिलौनों की बात नहीं कर रहे। इस “कठिन समय” में हमें ऐसे नुकसान झेलने पड़ते हैं जो खिलौनों के नुकसान से कहीं ज़्यादा भारी और दर्दनाक हैं। (2 तीमुथियुस 3:1-5) जो कुछ लोगों को प्यारा है वह सब खतरे में जान पड़ता है। जैसे घर, धन-संपत्ति, नौकरी, यहाँ तक कि सेहत। हम यह भी देखकर निराश हो जाते हैं कि वातावरण दिनों-दिन नष्ट हो रहा है और इसकी वजह से पशु-पक्षियों की कई प्रजातियाँ आज खत्म हो चुकी हैं। लेकिन सबसे बड़ा सदमा हमें तब पहुँचता है जब हमारे किसी अपने की मौत हो जाती है। उसके चले जाने और हमारी लाचारी से कलेजा फटने लगता है।—2 शमूएल 18:33.

3. प्रेरितों 3:21 में क्या आशा दी गयी है, और यहोवा इसे पूरा करने के लिए किसे इस्तेमाल करेगा?

3 ऐसे में यह जानकर कितनी तसल्ली मिलती है कि यहोवा के पास सबकुछ बहाल करने की शक्ति है! परमेश्वर धरती पर अपने बच्चों के लिए क्या कुछ बहाल कर सकता है और करनेवाला है, इसकी कोई सीमा नहीं। और आगे हम यही देखनेवाले हैं। दरअसल, बाइबल कहती है कि यहोवा का मकसद है कि “सब बातों का सुधार” करे। (तिरछे टाइप हमारे; प्रेरितों 3:21) इस मकसद को पूरा करने के लिए यहोवा अपने मसीहाई राज्य को इस्तेमाल करेगा जिसका राजा उसका बेटा यीशु मसीह होगा। सबूत दिखाते हैं कि सन्‌ 1914 में इस राज्य ने स्वर्ग में अपना शासन शुरू कर दिया। * (मत्ती 24:3-14) यह राज्य क्या-क्या बहाल करेगा? आइए सबसे पहले हम यहोवा के बहाली के कुछ महान कामों पर चर्चा करें। इनमें से एक काम तो हम आज होता हुआ देख रहे हैं और उसका अनुभव कर रहे हैं। दूसरे काम, आनेवाले दिनों में बड़े पैमाने पर किए जाएँगे।

शुद्ध उपासना का बहाल होना

4, 5. सा.यु.पू. 607 में परमेश्वर के लोगों के साथ क्या हुआ, और यहोवा ने उन्हें क्या आशा दी?

4 एक चीज़ जो यहोवा पहले ही बहाल कर चुका है वह है, शुद्ध उपासना। इसका मतलब क्या है, यह जानने के लिए आइए हम यहूदा राज्य के इतिहास पर एक नज़र डालें। इससे हम अच्छी तरह समझ पाएँगे कि यहोवा बहाल करने की अपनी शक्ति आज तक कैसे इस्तेमाल करता आ रहा है।—रोमियों 15:4.

5 ज़रा कल्पना कीजिए कि जब सा.यु.पू. 607 में यरूशलेम का नाश हुआ तब वफादार यहूदियों के दिल पर क्या बीती होगी। उनकी प्यारी नगरी बरबाद कर दी गयी और उसकी शहरपनाह ढा दी गयी। इससे भी बुरा यह हुआ कि सुलैमान का बनाया आलीशान मंदिर, जो कभी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना की जगह थी, उसे खंडहर बना दिया गया था। (भजन 79:1) जो लोग बच गए थे, उन्हें बँधुआ बनाकर बाबुल ले जाया गया और उनका वतन उजड़कर जंगली जानवरों का अड्डा बन गया। (यिर्मयाह 9:11) इंसान की नज़र से देखा जाए तो सबकुछ खत्म हो चुका था। (भजन 137:1) लेकिन यहोवा जिसने इस विनाश की बहुत पहले भविष्यवाणी कर दी थी, उसी ने भविष्य में इसके फिर से बहाल होने की आशा दी।

6-8. (क) इब्रानी भविष्यवक्ताओं की किताबों में किस विषय के बारे में बार-बार बताया गया है, और इन भविष्यवाणियों की पहली पूर्ति कैसे हुई? (ख) हमारे ज़माने में, परमेश्वर के लोगों ने बहाली की बहुत-सी भविष्यवाणियों की किस पूर्ति को देखा है?

6 दरअसल, इब्रानी भविष्यवक्ताओं ने बहाली के विषय पर बार-बार भविष्यवाणी की थी। * उनके ज़रिए यहोवा ने बताया था कि देश को बहाल किया जाएगा, वह लोगों से आबाद होगा, उपजाऊ होगा और जंगली जानवरों और दुश्मनों के हमले से उसकी हिफाज़त की जाएगी। उसने कहा कि बहाल होने के बाद मानो उनका देश सचमुच का फिरदौस बन जाएगा! (यशायाह 65:25; यहेजकेल 34:25; 36:35) लेकिन सबसे बढ़कर, शुद्ध उपासना दोबारा बहाल होगी और उनका मंदिर एक बार फिर बनाया जाएगा। (मीका 4:1-5) इन भविष्यवाणियों ने अपने वतन से दूर रहनेवाले यहूदियों को एक आशा दी, जिसकी मदद से वे बाबुल में 70 साल की कैद काट सके।

7 आखिरकार बहाली का वक्‍त आ पहुँचा। यहूदी बाबुल से आज़ाद होकर यरूशलेम लौटे और वहाँ यहोवा का मंदिर दोबारा बनाया। (एज्रा 1:1, 2) वे जब तक शुद्ध उपासना में लगे रहे, यहोवा ने उन्हें आशीष दी और उनके देश को उपजाऊ और खुशहाल बनाया। उसने न सिर्फ दुश्मनों से उनकी हिफाज़त की बल्कि ऐसे जंगली जानवरों से भी उनकी रक्षा की, जो लंबे अरसे से उनके देश में अड्डा जमाए हुए थे। यहोवा की बहाल करने की शक्ति का सबूत देखकर, उन्हें कितनी खुशी हुई होगी! इन घटनाओं से बहाली की भविष्यवाणियों की पहली और छोटे पैमाने पर पूर्ति हुई। लेकिन बड़े पैमाने पर इनकी पूर्ति “अन्त के दिनों में” यानी हमारे दिनों में होनी थी, जब भविष्यवाणी में बताए गए दाऊद के वारिस को राजगद्दी पर बिठाया जाता।—यशायाह 2:2-4; 9:6, 7.

8 सन्‌ 1914 में, स्वर्गीय राज्य का राजा बनने के थोड़े ही समय बाद, यीशु ने धरती पर परमेश्वर के वफादार लोगों की आध्यात्मिक ज़रूरतों पर ध्यान दिया। ठीक जैसे सा.यु.पू. 537 में फारसी विजेता, कुस्रू ने बचे हुए यहूदियों को बाबुल की कैद से रिहा किया, उसी तरह यीशु ने आध्यात्मिक यहूदियों के बचे हुओं को आज के बाबुल यानी दुनिया भर में फैले झूठे धर्म की बेड़ियों से आज़ाद करवाया। ये यीशु के नक्शे-कदम पर चलनेवाले उसके चेले थे। (रोमियों 2:29; प्रकाशितवाक्य 18:1-5) सन्‌ 1919 से, सच्चे मसीहियों की ज़िंदगी में शुद्ध उपासना को उसकी सही जगह पर बहाल किया गया है। (मलाकी 3:1-5) तब से, यहोवा के लोगों ने परमेश्वर के शुद्ध किए गए आत्मिक मंदिर में यानी शुद्ध उपासना के लिए उसके इंतज़ाम के मुताबिक उसकी उपासना की है। यह बहाली आज हमारे लिए क्या अहमियत रखती है?

आध्यात्मिक बहाली​—यह क्यों ज़रूरी है

9. प्रेरितों के दिनों के बाद, ईसाईजगत के गिरजों ने परमेश्वर की उपासना के साथ क्या किया, लेकिन यहोवा ने हमारे ज़माने में क्या कार्यवाही की है?

9 गौर कीजिए कि जिन हालात में हमारे ज़माने में आध्यात्मिक बहाली हुई, उसका क्या महत्त्व रहा है। पहली सदी के मसीहियों को कई आध्यात्मिक आशीषें मिली थीं। लेकिन यीशु और उसके प्रेरितों ने भविष्यवाणी की थी कि आनेवाले दिनों में सच्ची उपासना भ्रष्ट होकर गुम हो जाएगी। (मत्ती 13:24-30; प्रेरितों 20:29, 30) प्रेरितों के दिनों के बाद, ईसाईजगत ने पनपना शुरू किया। इसके पादरियों ने गैर-ईसाई धर्मों की शिक्षाएँ और रीति-रिवाज़ अपना लिए। उन्होंने सिखाया कि परमेश्वर एक त्रिएक है जिसे कोई नहीं समझ सकता, और इस तरह उसके करीब आना नामुमकिन कर दिया। उन्होंने लोगों को शिक्षा दी कि वे पादरी के सामने अपने पापों का अंगीकार करें, यहोवा से प्रार्थना करने के बजाय मरियम या अलग-अलग “संतों” से प्रार्थना करें। सदियों तक शुद्ध उपासना के भ्रष्ट होने के बाद यहोवा ने क्या कदम उठाया? आज की दुनिया में, जहाँ धर्म के मामले में हर तरफ झूठ फैला हुआ है और घिनौने रीति-रिवाज़ माने जाते हैं, ऐसे में यहोवा ने आगे आकर कार्यवाही की और शुद्ध उपासना को फिर से बहाल किया! बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहे बिना यह कहना सही होगा कि शुद्ध उपासना का बहाल किया जाना आज के ज़माने की सबसे बड़ी और अहम घटना है।

10, 11. (क) आध्यात्मिक फिरदौस के दो खास पहलू क्या हैं, और इनका आप पर क्या असर हुआ है? (ख) यहोवा ने इस आध्यात्मिक फिरदौस में किस तरह के लोगों को इकट्ठा किया है, और उन्हें क्या देखने का सुनहरा मौका मिलेगा?

10 इसलिए सच्चे मसीही आज आध्यात्मिक फिरदौस का आनंद ले रहे हैं। इस फिरदौस में क्या-क्या शामिल है? इसके दो खास पहलू हैं। पहला, सच्चे परमेश्वर यहोवा की शुद्ध उपासना। यहोवा ने हमें उपासना करने का वह तरीका सिखाया है जो झूठ और गलत शिक्षाओं से आज़ाद है। उसने हमें आध्यात्मिक भोजन की भी आशीष दी है। इसकी मदद से हम स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता को जान सकते हैं, उसे प्रसन्न कर सकते हैं और उसके करीब आ सकते हैं। (यूहन्ना 4:24) इस आध्यात्मिक फिरदौस का दूसरा पहलू है, इसके लोग। यशायाह की भविष्यवाणी के मुताबिक, “अन्त के दिनों में” यहोवा ने अपने उपासकों को शांति के मार्ग पर चलना सिखाया है। उसने हमारे बीच युद्धों को मिटाया है। हमारी असिद्धता के बावजूद ‘नया मनुष्यत्व’ धारण करने में वह हमारी मदद करता है। वह अपनी पवित्र आत्मा से हमारी कोशिशों पर आशीष देता है, जो हमारी ज़िंदगी में मनभावने फल पैदा करती है। (इफिसियों 4:22-24; गलतियों 5:22, 23) जब आप परमेश्वर की आत्मा के मार्गदर्शन पर चलते हैं, तब आप सही मायनों में इस आध्यात्मिक फिरदौस का हिस्सा बनते हैं।

11 यहोवा ने इस आध्यात्मिक फिरदौस में उन लोगों को इकट्ठा किया है जिनसे वह प्यार करता है यानी वे लोग जो उससे और शांति से प्रेम करते हैं और जो अपनी “आध्यात्मिक ज़रूरत के प्रति सचेत” हैं। (मत्ती 5:3, NW) ऐसे लोगों को और भी बड़ी और शानदार बहाली देखने का सुनहरा मौका मिलेगा। जी हाँ, वे इंसानों की और इस पूरी धरती की बहाली देख पाएँगे।

“देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं”

12, 13. (क) बहाली की भविष्यवाणियों की एक और पूर्ति होना ज़रूरी क्यों है? (ख) जैसा अदन के बाग में साफ-साफ बताया गया था, यहोवा का इस धरती के लिए क्या मकसद है, और यह हमें भविष्य के लिए आशा क्यों देता है?

12 बहाली के बारे में की गयी बहुत-सी भविष्यवाणियाँ सिर्फ आध्यात्मिक बहाली के बारे में नहीं बतातीं। उदाहरण के लिए, यशायाह ने उस समय के बारे में लिखा जब बीमार, लंगड़े, अंधे और बहरे चंगे हो जाएँगे, यहाँ तक कि मौत भी हमेशा के लिए मिट जाएगी। (यशायाह 25:8; 35:1-7) परमेश्वर की ये प्रतिज्ञाएँ प्राचीन इस्राएल में सचमुच पूरी नहीं हुईं। और हालाँकि हमने अपने दिनों में इन भविष्यवाणियों की आध्यात्मिक पूर्ति देखी है, लेकिन हमारे पास यह मानने का ठोस आधार है कि आनेवाले दिनों में यह भविष्यवाणी बड़े पैमाने पर और शब्द-ब-शब्द पूरी होगी। हम यह कैसे जानते हैं?

13 अदन के बाग में, यहोवा ने इस धरती के लिए अपना मकसद साफ-साफ बताया था: इस धरती को खुशहाल, सेहतमंद और एकता के बंधन में बंधे इंसानों से आबाद होना था। आदम और हव्वा को इस धरती की और इसके सभी जीव-जन्तुओं की देखभाल करनी थी और इस पूरे ग्रह को एक फिरदौस बनाना था। (उत्पत्ति 1:28) लेकिन आज की धरती को फिरदौस हरगिज़ नहीं कहा जा सकता। फिर भी यकीन रखिए, यहोवा के मकसदों को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता। (यशायाह 55:10, 11) यीशु, जिसे यहोवा ने मसीहाई राजा ठहराया है, इस धरती को ज़रूर फिरदौस बनाएगा।

14, 15. (क) यहोवा कैसे “सब कुछ नया कर” देगा? (ख) फिरदौस में ज़िंदगी कैसी होगी, और कौन-सी बात खास तौर पर आपको आकर्षित करती है?

14 कल्पना कीजिए जब पूरी पृथ्वी एक फिरदौस बन जाएगी तब कैसा लगेगा! उस वक्‍त के बारे में यहोवा कहता है: “देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं।” (प्रकाशितवाक्य 21:5) ज़रा सोचिए कि इसका क्या मतलब है। जब यहोवा इस पुराने दुष्ट संसार के खिलाफ विनाश करने की अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर चुका होगा, तब एक ‘नया आकाश और नयी पृथ्वी’ बची रहेगी। इसका मतलब है कि स्वर्ग से एक नयी सरकार, धरती पर इंसानों के ऐसे नए समाज पर राज करेगी जो यहोवा से प्यार करते हैं और उसकी इच्छा पूरी करते हैं। (2 पतरस 3:13) शैतान और उसके दूतों को कैद कर दिया जाएगा, जहाँ वे कुछ नहीं कर पाएँगे। (प्रकाशितवाक्य 20:3) हज़ारों सालों में पहली बार, इंसान उस दुष्ट के भ्रष्ट, नफरत भरे और विनाशकारी असर से आज़ाद होंगे। यह राहत देखकर एक पल को हमें विश्वास नहीं होगा!

15 आखिरकार, हमें इस खूबसूरत ग्रह की देखभाल करने का मौका मिलेगा, जो परमेश्वर का हमारे लिए मकसद था। इस धरती में खुद को बहाल करने की कुदरती शक्ति है। अगर प्रदूषण फैलानेवाले कारणों को ही मिटा दिया जाए, तो झीलें और नदियाँ खुद-ब-खुद स्वच्छ हो जाएँगी; अगर युद्ध खत्म हो जाएँ, तो इनकी वजह से बंजर हो चुकी ज़मीन में फिर से जान आ जाएगी। जब हम धरती के कुदरती नियमों को मानकर इसे अदन की वाटिका की तरह एक खूबसूरत बगिया बनाने में हाथ बँटाएँगे, जिसमें अलग-अलग किस्म के पौधे और जीव-जंतु होंगे, तो हमें क्या ही खुशी मिलेगी! जानवरों और पेड़-पौधों की प्रजातियों को अंधाधुंध खत्म करने के बजाय इंसान धरती की सारी सृष्टि के साथ शांति से रहेंगे। यहाँ तक कि बच्चों को भी जंगली जानवरों से कोई खतरा नहीं होगा।—यशायाह 9:6, 7; 11:1-9.

16. फिरदौस में हर इंसान किस तरह की बहाली का अनुभव करेगा?

16 हम खुद अपने मामले में बहाली का अनुभव करेंगे। हरमगिदोन के बाद, बचनेवाले लोग पूरी दुनिया में चंगाई के बड़े-बड़े चमत्कार होते देखेंगे। जैसे यीशु ने इस धरती पर रहते वक्‍त किया था, तब भी वह परमेश्वर की शक्ति से अंधों की आँखों की रोशनी लौटा देगा, बहिरों के कान खोलेगा, लंगड़ों और बीमारों को चंगा कर देगा। (मत्ती 15:30) बूढ़े लोग दोबारा जवानी, अच्छी सेहत और चुस्ती-फुर्ती पाकर खुशी से झूम उठेंगे। (अय्यूब 33:25) झुर्रियाँ गायब हो जाएँगी, मुड़े हुए हाथ-पैर सीधे हो जाएँगे और हमारी माँस-पेशियों में नया दम आ जाएगा। सभी वफादार इंसान महसूस कर सकेंगे कि पाप और असिद्धता का असर धीरे-धीरे कम होकर गायब होता जा रहा है। यहोवा की बहाल करने की यह अद्‌भुत शक्ति देखकर हम उसका कितना एहसान मानेंगे! आइए अब हम बहाली के इस रोमांचकारी दौर के एक खासकर आनंददायक पहलू पर ध्यान दें।

मुरदों का जिलाया जाना

17, 18. (क) यीशु ने सदूकियों को क्यों फटकारा? (ख) किन हालात में एलिय्याह ने यहोवा से पुनरुत्थान करने की बिनती की?

17 पहली सदी के कुछ धर्मगुरु जिन्हें सदूकी कहा जाता था, पुनरुत्थान पर विश्वास नहीं करते थे। यीशु ने उन्हें फटकारते हुए यह कहा: “तुम भूल करते हो क्योंकि तुम शास्त्रों को और परमेश्वर की शक्ति को नहीं जानते।” (मत्ती 22:29, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) जी हाँ, शास्त्र से हम जान सकते हैं कि यहोवा के पास ज़िंदगी बहाल करने की शक्ति है। यह हम कैसे कह सकते हैं?

18 एलिय्याह के दिनों में जो हुआ था, उसकी कल्पना कीजिए। एक विधवा अपने एकलौते बेटे की लाश उठाए हुई थी। लड़का मर चुका था। भविष्यवक्ता एलिय्याह को, जो कुछ समय से उस स्त्री के घर मेहमान था, यह देखकर भारी सदमा पहुँचा होगा। इससे पहले, उसने अकाल के समय में इस बच्चे को भूखों मरने से बचाया था। एलिय्याह को ज़रूर उस लड़के से लगाव होगा। माँ तो पूरी तरह टूट चुकी थी। यह बच्चा उसके मरहूम पति की एकलौती निशानी था। उसने सोचा होगा कि उसका लाल बड़ा होकर उसके बुढ़ापे की लाठी बनेगा। वह विधवा यह सोच-सोचकर बावली हो चली थी कि उसे ज़रूर किसी पिछले पाप की सज़ा मिल रही है। उस दुखियारी स्त्री की हालत देखकर एलिय्याह से रहा नहीं गया। उसने माँ की गोद से बहुत सँभालकर बच्चे की लाश उठायी और ऊपर अपनी कोठरी में ले गया। वहाँ उसने यहोवा परमेश्वर से बिनती की कि उस बच्चे की ज़िंदगी लौटा दे।—1 राजा 17:8-21.

19, 20. (क) इब्राहीम ने कैसे दिखाया कि उसे यहोवा की बहाल करने की शक्ति पर भरोसा था, और इस विश्वास की बुनियाद क्या थी? (ख) यहोवा ने एलिय्याह के विश्वास का उसे कैसे प्रतिफल दिया?

19 पुनरुत्थान में विश्वास करनेवाला एलिय्याह पहला आदमी नहीं था। एलिय्याह से सदियों पहले जीनेवाला इब्राहीम भी यह विश्वास करता था कि परमेश्वर के पास मुरदों को ज़िंदा करने की शक्ति है और उसके पास यह मानने की ठोस बुनियाद भी थी। जब इब्राहीम 100 साल का था और उसकी पत्नी सारा 90 साल की, तब यहोवा ने चमत्कार करके उनके शरीर में संतान पैदा करने की शक्ति को बहाल कर दिया। इस चमत्कार की वजह से सारा के एक बेटा हुआ। (उत्पत्ति 17:17; 21:2, 3) जब वह जवान हो गया, तब यहोवा ने इब्राहीम से उसे बलि चढ़ाने के लिए कहा। इब्राहीम ने इस आज्ञा का पालन किया, क्योंकि उसे पूरा विश्वास था कि यहोवा इसहाक को दोबारा ज़िंदा कर सकता है। (इब्रानियों 11:17-19) इब्राहीम के इतने पक्के विश्वास को देखकर पता चलता है कि क्यों उसने पहाड़ पर चढ़ने से पहले अपने सेवक से यह कहा था कि वह और इसहाक दोनों बलिदान करके लौट आएँगे।—उत्पत्ति 22:5.

“देख तेरा बेटा जीवित है”!

20 यहोवा ने इसहाक को बलि होने से बचा लिया, इसलिए वहाँ पुनरुत्थान की ज़रूरत ही नहीं पड़ी। लेकिन, एलिय्याह के मामले में विधवा के बेटे की मौत हो चुकी थी। मगर ऐसा ज़्यादा देर तक नहीं रहा। यहोवा ने भविष्यवक्ता के विश्वास का प्रतिफल देते हुए उस बच्चे को ज़िंदा कर दिया! उसके बाद एलिय्याह ने बच्चे को उसकी माँ के हवाले करते हुए ये यादगार शब्द कहे: “देख तेरा बेटा जीवित है”!—1 राजा 17:22-24.

21, 22. (क) बाइबल में पुनरुत्थान की घटनाएँ लिखवाने का क्या मकसद था? (ख) फिरदौस में किस पैमाने पर पुनरुत्थान होगा, और यह कौन करेगा?

21 बाइबल में यह पहली घटना है जिसमें हमने देखा कि यहोवा ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके एक इंसान को दोबारा ज़िंदा किया। उसके बाद यहोवा ने एलीशा, यीशु, पौलुस और पतरस को भी मुरदों को ज़िंदा करने की शक्ति दी। यह सच है कि इस तरह जीवन पानेवाले लोग बाद में दोबारा मर गए। फिर भी बाइबल की ये घटनाएँ हमें आनेवाले समय की एक बढ़िया झलक दिखाती हैं।

22 फिरदौस में, यीशु “पुनरुत्थान और जीवन” होने की अपनी भूमिका निभाएगा। (यूहन्ना 11:25) वह अनगिनित लोगों को ज़िंदा करके इस धरती पर फिरदौस में हमेशा तक रहने का मौका देगा। (यूहन्ना 5:28, 29) ज़रा कल्पना कीजिए कि जो हमारे प्यारे दोस्त और रिश्तेदार मरकर हमसे जुदा हो गए हैं, उन्हें दोबारा ज़िंदा देखकर और गले लगाकर हम किस कदर खुशी से झूम उठेंगे! सारी मानवजाति यहोवा की बहाल करने की शक्ति के लिए उसकी महिमा करेगी।

23. यहोवा की शक्ति का सबसे ज़बरदस्त सबूत क्या था, और यह भविष्य की आशा की गारंटी कैसे है?

23 यहोवा की गारंटी पत्थर की लकीर है यानी वह जो आशाएँ देता है, वे सौ-फीसदी पक्की हैं। अपनी शक्ति का सबसे ज़बरदस्त सबूत देते हुए उसने अपने बेटे यीशु का एक शक्तिशाली आत्मिक प्राणी के रूप में पुनरुत्थान किया है। यहोवा के बाद सारे जहान में सिर्फ वही महान है। पुनरुत्थान पाने के बाद यीशु सैकड़ों लोगों को दिखायी दिया। (1 कुरिन्थियों 15:5, 6) यहाँ तक कि शक करनेवाले भी इतने सबूतों को झुठला नहीं सकते। यहोवा के पास ज़िंदगी बहाल करने की शक्ति है।

24. हम क्यों विश्वास रख सकते हैं कि यहोवा मरे हुओं को जिलाएगा, और हममें से हरेक को क्या आशा सँजोकर रखनी चाहिए?

24 यहोवा मुरदों की ज़िंदगी बहाल करने की सिर्फ शक्ति ही नहीं रखता बल्कि वह ऐसा करने की इच्छा भी रखता है। वफादार अय्यूब ने प्रेरित होकर कहा कि दरअसल यहोवा में मरे हुओं को ज़िंदा करने की अभिलाषा है। (अय्यूब 14:15) क्या आप हमारे परमेश्वर के और करीब महसूस नहीं करते, जो बहाल करने की अपनी शक्ति को ऐसे प्यार भरे तरीके से इस्तेमाल करने के लिए बेताब है? लेकिन याद रखिए कि पुनरुत्थान बहाली के उस महान काम का सिर्फ एक पहलू है, जिसे यहोवा भविष्य में करने जा रहा है। जैसे-जैसे आप यहोवा के करीब आते हैं, हमेशा इस अनमोल आशा को दिल में सँजोकर रखिए कि जब यहोवा “सब कुछ नया” करेगा तब आप भी यह देखने के लिए वहाँ मौजूद हों।—प्रकाशितवाक्य 21:5.

^ पैरा. 3 “सब बातों का सुधार” करने का समय तब शुरू हुआ, जब मसीहाई राज्य स्थापित हुआ और उसके सिंहासन पर वफादार राजा दाऊद के वंश का वारिस बैठा। यहोवा ने दाऊद से वादा किया था कि उसके वंश से एक वारिस पैदा होगा जो हमेशा तक राज्य करेगा। (भजन 89:35-37) लेकिन सा.यु.पू. 607 में, जब बाबुल ने यरूशलेम का सर्वनाश किया, तो उसके बाद दाऊद के वंशजों में से कोई भी परमेश्वर के सिंहासन पर नहीं बैठा। यीशु को, जो इस धरती पर दाऊद के वंश से पैदा हुआ था, स्वर्ग में राजगद्दी पर बिठाया गया और इस तरह वह बरसों पहले भविष्यवाणी में बताया गया राजा बना।

^ पैरा. 6 मिसाल के तौर पर मूसा, यशायाह, यिर्मयाह, यहेजकेल, होशे, योएल, आमोस, ओबद्याह, मीका और सपन्याह ने इसी विषय को लेकर भविष्यवाणी की।