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भाग 3 में आपने क्या सीखा?

भाग 3 में आपने क्या सीखा?

जो आपको बाइबल पढ़ा रहा है, उसके साथ आगे बताए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  1. नीतिवचन 27:11 पढ़िए।

    • आप क्यों यहोवा के वफादार रहना चाहेंगे?

      (पाठ 34 देखें।)

  2. जब किसी मामले में बाइबल में सीधे-सीधे आज्ञा नहीं दी गयी है, तो आप अच्छे फैसले कैसे कर सकते हैं?

    (पाठ 35 देखें।)

  3. आप सब बातों में ईमानदार कैसे रह सकते हैं?

    (पाठ 36 देखें।)

  4. मत्ती 6:33 पढ़िए।

    • काम और पैसों के मामले में आप परमेश्‍वर के राज को पहली जगह कैसे दे सकते हैं?

      (पाठ 37 देखें।)

  5. यहोवा जीवन को अनमोल समझता है। आप किन तरीकों से दिखा सकते हैं कि आप भी जीवन को अनमोल समझते हैं?

    (पाठ 38 देखें।)

  6. प्रेषितों 15:29 पढ़िए।

    • खून के बारे में आप यहोवा की आज्ञा किस तरह मान सकते हैं?

    • क्या आपको लगता है कि उसकी आज्ञा मानने में समझदारी है?

      (पाठ 39 देखें।)

  7. दूसरा कुरिंथियों 7:1 पढ़िए।

    • शारीरिक और नैतिक तौर पर साफ और शुद्ध रहने का क्या मतलब है?

      (पाठ 40 देखें।)

  8. पहला कुरिंथियों 6:9, 10 पढ़िए।

    • यौन-संबंध के बारे में बाइबल में क्या बताया गया है? क्या आप उससे सहमत हैं?

    • शराब पीने के बारे में बाइबल में क्या सलाह दी गयी है?

      (पाठ 41 और 43 देखें।)

  9. मत्ती 19:4-6, 9 पढ़िए।

    • शादी के बारे में परमेश्‍वर ने क्या स्तर ठहराया है?

    • शादी और तलाक को सरकार के नियम के मुताबिक रजिस्टर कराना क्यों ज़रूरी है?

      (पाठ 42 देखें।)

  10. किस तरह के त्योहार, जश्‍न और दिवस से यहोवा खुश नहीं होता और क्यों?

    (पाठ 44 देखें।)

  11. यूहन्‍ना 17:16 और प्रेषितों 5:29 पढ़िए।

    • आप निष्पक्ष कैसे रह सकते हैं?

    • अगर इंसान का कोई कानून परमेश्‍वर के कानून के खिलाफ है, तो आप क्या करेंगे?

      (पाठ 45 देखें।)

  12. मरकुस 12:30 पढ़िए।

    • आप कैसे दिखा सकते हैं कि आप यहोवा से प्यार करते हैं?

      (पाठ 46 और 47 देखें।)