पाठ 39
खून के बारे में परमेश्वर क्या कहता है?
खून हमारे लिए बहुत ज़रूरी है। इसके बिना हममें से कोई भी ज़िंदा नहीं रह सकता। यहोवा हमारा सृष्टिकर्ता है, इसलिए उसके पास यह बताने का हक है कि हमें खून का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। तो फिर उसने खून के बारे में हमें क्या बताया है? क्या हम खून खा सकते हैं या इसे चढ़वा सकते हैं? इस मामले में हम अच्छे फैसले कैसे कर सकते हैं? आइए जानें।
1. खून के बारे में यहोवा का क्या नज़रिया है?
पुराने ज़माने में यहोवा ने अपने सेवकों से कहा था, “हरेक जीवित प्राणी का खून ही उसका जीवन है।” (लैव्यव्यवस्था 17:14) यहोवा की नज़र में खून जीवन की निशानी है। जैसे वह जीवन को पवित्र समझता है, वैसे ही वह खून को भी पवित्र समझता है। ये दोनों ही यहोवा की देन हैं।
2. खून के बारे में यहोवा ने क्या आज्ञा दी है?
जलप्रलय के कुछ समय बाद, यहोवा ने अपने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम खून मत खाना। आगे चलकर उसने इसराएल राष्ट्र को भी यही आज्ञा दी। (उत्पत्ति 9:4 और लैव्यव्यवस्था 17:10 पढ़िए।) जब मसीही मंडली बनी, तब भी खून के बारे में परमेश्वर की आज्ञा नहीं बदली। शासी निकाय के ज़रिए मंडलियों को हिदायत दी गयी कि वे ‘खून से हमेशा दूर रहें।’—प्रेषितों 15:28, 29 पढ़िए।
खून से दूर रहने का क्या मतलब है? मान लीजिए, डॉक्टर आपसे कहता है कि शराब से दूर रहो। तो आप क्या करेंगे? आप शराब नहीं पीएँगे। पर क्या आप ऐसा सोचेंगे, ‘ठीक है, मुझे शराब तो नहीं पीनी, पर मैं इसे खाने में मिलाकर ले लेता हूँ या मैं इसे नसों से चढ़वा लेता हूँ?’ आप ऐसा बिलकुल नहीं सोचेंगे। उसी तरह, जब परमेश्वर ने कहा कि खून से दूर रहो, तो इसका मतलब है कि हमें न तो खून खाना या पीना चाहिए और न ही ऐसे जानवर का माँस खाना चाहिए जिसका खून बहाया न गया हो। यही नहीं, हमें ऐसा कोई खाना नहीं खाना चाहिए जिसमें खून मिलाया गया हो।
इलाज में खून का इस्तेमाल करने के बारे में क्या? इलाज के कुछ तरीके सीधे-सीधे परमेश्वर के नियम के खिलाफ हैं। जैसे, खून चढ़वाना या खून के चार खास तत्वों में से कोई एक चढ़वाना। ये चार खास तत्व हैं, लाल रक्त कोशिकाएँ (रेड सेल्स), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (वाइट सेल्स), प्लेटलेट्स और प्लाज़मा। लेकिन इलाज के कुछ तरीके ऐसे भी हैं जो शायद सीधे-सीधे परमेश्वर के नियम के खिलाफ न हों। जैसे, इलाज के कुछ तरीकों में खून के छोटे अंश (ब्लड फ्रैक्शन) इस्तेमाल होते हैं जो खून के किसी तत्व में से ही निकाले जाते हैं। कुछ मामलों में मरीज़ का अपना ही खून इलाज में इस्तेमाल होता है और वह भी इस तरह जो यहोवा के नियम के खिलाफ न हो। ऐसे में हम इलाज का कौन-सा तरीका अपनाएँगे? यह फैसला हममें से हरेक को खुद करना होगा और वह भी सोच-समझकर। a—गलातियों 6:5.
और जानिए
आप कैसे तय कर सकते हैं कि आप इलाज का कौन-सा तरीका अपनाएँगे? आइए जानें।
3. ऐसे फैसले कीजिए जिससे यहोवा खुश हो
आप इलाज के मामले में किस तरह ऐसे फैसले कर सकते हैं जिससे यहोवा खुश हो? वीडियो देखिए। फिर चर्चा कीजिए कि आगे बताए सुझावों को मानना क्यों ज़रूरी है।
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समझ और बुद्धि के लिए प्रार्थना कीजिए।—याकूब 1:5.
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खोजबीन कीजिए और इस विषय पर बाइबल सिद्धांत ढूँढ़िए।—नीतिवचन 13:16.
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पता लगाइए कि आपके यहाँ इलाज के कौन-से तरीके उपलब्ध हैं।
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इनमें से जो तरीके आपको बिलकुल स्वीकार नहीं हैं, उन्हें अलग कर दीजिए।
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इस बात का ध्यान रखिए कि आप जो भी फैसला करेंगे, उससे आपका ज़मीर साफ रहे।—प्रेषितों 24:16. b
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जब आपको ज़मीर के हिसाब से फैसला लेना होता है, तो याद रखिए कि कोई और आपके लिए फैसला नहीं ले सकता, फिर चाहे वह आपका पति या पत्नी हो, मंडली का कोई प्राचीन हो या आपको बाइबल पढ़ानेवाला हो।—रोमियों 14:12.
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फैसला लेने के बाद उसे लिख लीजिए।
4. यहोवा के साक्षी सबसे बढ़िया इलाज चाहते हैं
खून के बारे में यहोवा की आज्ञा मानने के साथ-साथ सबसे बढ़िया इलाज पाना मुमकिन है और वह भी बगैर खून के। वीडियो देखिए।
तीतुस 3:2 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
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हमें डॉक्टरों के साथ क्यों आदर से बात करनी चाहिए और उन्हें सहयोग देना चाहिए?
स्वीकार नहीं |
खुद का फैसला |
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1. प्लाज़मा |
प्लाज़मा के अंश |
2. श्वेत रक्त कोशिकाएँ |
श्वेत रक्त कोशिकाओं के अंश |
3. प्लेटलेट्स |
प्लेटलेट्स के अंश |
4. लाल रक्त कोशिकाएँ |
लाल रक्त कोशिकाओं के अंश |
5. जब खून के अंश लेने की बात आए
खून चार खास तत्वों से मिलकर बना होता है: लाल रक्त कोशिकाएँ, श्वेत रक्त कोशिकाएँ, प्लेटलेट्स और प्लाज़मा। इन तत्वों से खून के छोटे-छोटे अंश (ब्लड फ्रैक्शन) निकाले जाते हैं। c खून के कुछ अंशों से दवाइयाँ बनायी जाती हैं जो बीमारियों से लड़ने में या खून को बहने से रोकने में मदद करती हैं।
तो क्या इलाज के लिए एक मसीही खून के अंश ले सकता है? यह फैसला हर मसीही को खुद करना होगा और वह भी बाइबल से ढाले गए अपने ज़मीर के आधार पर। कुछ मसीही शायद यह फैसला करें कि वे फलाँ इलाज के लिए खून के अंश नहीं लेंगे। वहीं दूसरी तरफ, कुछ मसीहियों का ज़मीर शायद उन्हें ये अंश लेने की इजाज़त दे।
इस बारे में फैसला करते वक्त आगे बताए सवाल के बारे में सोचिए:
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मुझे क्यों खून के कुछ अंश लेना मंज़ूर है या मंज़ूर नहीं है, क्या मैं इसकी वजह डॉक्टर को समझा पाऊँगा?
शायद कोई पूछे: “खून चढ़वाने में या रक्तदान करने में क्या बुराई है?”
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इस बारे में आप क्या सोचते हैं?
अब तक हमने सीखा
यहोवा चाहता है कि हम खून को पवित्र समझें, इसका गलत इस्तेमाल न करें।
आप क्या कहेंगे?
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यहोवा खून को पवित्र क्यों समझता है?
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हम क्यों कह सकते हैं कि खून से दूर रहने के बारे में परमेश्वर ने जो आज्ञा दी है, वह खून चढ़वाने पर भी लागू होती है?
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इलाज के मामले में अच्छा फैसला लेने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
ये भी देखें
क्या आप उन तरीकों से अपना इलाज करवाएँगे जिनमें आपका अपना ही खून इस्तेमाल किया जाता है? यह फैसला करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए जानें।
क्या आप अपने इलाज में खून के अंश लेंगे? आइए जानें कि यह फैसला करते वक्त आपको किन बातों के बारे में सोचना चाहिए।
आइए जानें कि एक डॉक्टर को कैसे यकीन हुआ कि खून के बारे में यहोवा का नज़रिया सही है।
“खून के बारे में मैंने परमेश्वर की सोच अपनायी” (सजग होइए! लेख)
जानिए कि अस्पताल संपर्क समितियों में सेवा करनेवाले प्राचीन किस तरह भाई-बहनों की मदद करते हैं।
b मुद्दा 5 “जब खून के अंश लेने की बात आए” और ज़्यादा जानकारी 3 “खून से जुड़ी इलाज की प्रक्रियाएँ” देखें।
c कुछ डॉक्टर खून के चार तत्वों को भी खून के अंश मानते हैं। इसलिए जब आप अपने डॉक्टर से बात करते हैं, तो शायद आपको साफ-साफ बताना पड़े कि आप न तो खून लेंगे, न ही लाल रक्त कोशिकाएँ, श्वेत रक्त कोशिकाएँ, प्लेटलेट्स या प्लाज़मा लेंगे।