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जब पृथ्वी परमेश्‍वर के ज्ञान से भर जाती है

जब पृथ्वी परमेश्‍वर के ज्ञान से भर जाती है

अध्याय १९

जब पृथ्वी परमेश्‍वर के ज्ञान से भर जाती है

१, २. यहोवा की सृष्टि कैसे क्षतिग्रस्त हो गयी?

मान लीजिए कि एक महान चित्रकार ने अभी-अभी एक शानदार चित्र बनाया है। वह उचित ही उसे बहुत अच्छा समझता है—एक उत्कृष्ट कलाकृति! लेकिन रातोंरात एक ईर्ष्यालु विरोधी उसे बिगाड़ देता है। स्वाभाविक है कि इस बात से चित्रकार को बहुत दुःख पहुँचता है। वह उस कलाकृति-ध्वंसक को क़ैद होते देखने के लिए कितना व्याकुल है! और आप कल्पना कर सकते हैं कि वह चित्रकार अपनी कृति को उसकी पहली सुन्दरता में फिर से देखने के लिए कैसे तरसता है।

उस चित्रकार की तरह, यहोवा ने पृथ्वी को तैयार करने और मानवजाति को उस पर रखने के द्वारा एक उत्कृष्ट कलाकृति बनायी। पुरुष और स्त्री की सृष्टि करने के बाद, उसने अपने सारे पार्थिव कार्य को “बहुत ही अच्छा” घोषित किया। (उत्पत्ति १:३१) आदम और हव्वा परमेश्‍वर के अपने बच्चे थे, और वह उनसे प्रेम करता था। उसने उनके लिए एक सुखी, शानदार भविष्य का सपना देखा था। यह सच है कि शैतान उनको विद्रोह की ओर ले गया, लेकिन परमेश्‍वर की अद्‌भुत सृष्टि को इतनी क्षति नहीं पहुँची थी कि उसे ठीक न किया जा सके।—उत्पत्ति ३:२३, २४; ६:११, १२.

३. “सत्य जीवन” क्या है?

परमेश्‍वर ने स्थिति को सुधारने का निश्‍चय किया है। उसकी हार्दिक इच्छा है कि हमें उस ढंग से रहते देखे जो उसने आरंभ में सोचा था। हमारा अल्पकालीन और संकटपूर्ण अस्तित्व “सत्य जीवन” नहीं है, क्योंकि वह उससे कहीं निम्न है जो यहोवा के मन में है। जो “सत्य जीवन” परमेश्‍वर हमारे लिए चाहता है वह है पूर्ण परिस्थितियों के अधीन “अनन्त जीवन।”—१ तीमुथियुस ६:१२, १९.

४, ५. (क) परादीस की आशा कैसे पूरी होगी? (ख) भविष्य के लिए अपनी आशा के बारे में हमें क्यों सोचना चाहिए?

परमेश्‍वर का ज्ञान यहोवा के प्रति ज़िम्मेदारी लाता है। (याकूब ४:१७) लेकिन उन आशिषों के बारे में सोचिए जिनका आनन्द आप उठाएँगे यदि आप उस ज्ञान को लागू करते हैं और अनन्त जीवन के लिए यत्न करते हैं। यहोवा परमेश्‍वर ने अपने वचन, बाइबल में इसका एक सुन्दर चित्र खींचा है कि जल्द आनेवाली परादीस पृथ्वी पर वह जीवन कैसा होगा। निःसंदेह, यहोवा के लोग होने के नाते हम परमेश्‍वर की सेवा मात्र प्रतिफल की इच्छा से नहीं करते। हम परमेश्‍वर की सेवा करते हैं क्योंकि हम उससे प्रेम करते हैं। (मरकुस १२:२९, ३०) इसके अलावा, हम यहोवा की सेवा करने के द्वारा जीवन कमाते नहीं हैं। अनन्त जीवन परमेश्‍वर की ओर से एक वरदान है। (रोमियों ६:२३) ऐसे जीवन पर मनन करने से हमको लाभ होगा क्योंकि परादीस की आशा हमें याद दिलाती है कि यहोवा किस क़िस्म का परमेश्‍वर है—वह जो प्रेमपूर्वक “अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।” (इब्रानियों ११:६) हमारे मन और हृदय में एक अति वास्तविक आशा हमें शैतान के संसार में संकटों का सामना करने में समर्थ करेगी।—यिर्मयाह २३:२०.

आइए अब अपना ध्यान भावी पार्थिव परादीस में अनन्त जीवन की बाइबल-आधारित आशा पर लगाएँ। जब पृथ्वी परमेश्‍वर के ज्ञान से भर जाती है तब जीवन कैसा होगा?

अरमगिदोन के बाद—परादीस पृथ्वी

६. अरमगिदोन क्या है, और मानवजाति के लिए इसका क्या अर्थ होगा?

जैसा पहले दिखाया गया है, यहोवा परमेश्‍वर जल्द ही वर्तमान दुष्ट रीति-व्यवस्था को नाश करेगा। संसार तीव्रता से उसकी ओर बढ़ रहा है जिसे बाइबल हर-मगिदोन, या अरमगिदोन कहती है। इस शब्द से शायद कुछ लोगों के मन में युद्धरत राष्ट्रों द्वारा लाए गए एक परमाणु विध्वंस का विचार आए, लेकिन अरमगिदोन ऐसा बिलकुल नहीं है। जैसा प्रकाशितवाक्य १६:१४-१६ दिखाता है, अरमगिदोन “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के उस बड़े दिन की लड़ाई” है। यह ऐसा युद्ध है जिसमें ‘सारे संसार [या राष्ट्रों] के राजा’ शामिल हैं। यहोवा परमेश्‍वर का पुत्र, नियुक्‍त राजा जल्द ही इस लड़ाई में प्रवेश करेगा। परिणाम बिलकुल निश्‍चित है। वे सभी जो परमेश्‍वर के राज्य का विरोध करते हैं और जो शैतान की दुष्ट व्यवस्था का भाग हैं मिटा दिए जाएँगे। केवल वे ही बचेंगे जो यहोवा के प्रति निष्ठावान हैं।—प्रकाशितवाक्य ७:९, १४; १९:११-२१.

७. मसीह के हज़ार वर्षीय शासन के दौरान शैतान और उसके पिशाच कहाँ होंगे, और इससे मानवजाति को कैसे लाभ होगा?

कल्पना कीजिए कि आप उस विनाश से बच गए हैं। परमेश्‍वर के प्रतिज्ञात नए संसार में पृथ्वी पर जीवन कैसा होगा? (२ पतरस ३:१३) हमें अनुमान लगाने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि बाइबल हमें बताती है, और जो यह कहती है वह रोमांचक है। हम सीखते हैं कि शैतान और उसके पिशाचों को निष्क्रिय कर दिया जाएगा, और उन्हें यीशु मसीह के हज़ार वर्षीय राज्य के दौरान निष्क्रियता के अथाह कुंड में क़ैद रखा जाएगा। फिर कभी वे दुष्ट, विद्वेषी जीव आफ़त खड़ी करने के लिए और हमें परमेश्‍वर से विश्‍वासघात के कार्य करने के लिए उत्तेजित करने की कोशिश में घात लगाए नहीं बैठे होंगे। क्या ही राहत!—प्रकाशितवाक्य २०:१-३.

८, ९. नए संसार में, पीड़ाओं, बीमारियों, और बुढ़ापे को क्या होगा?

समय आने पर, सभी क़िस्म की बीमारियाँ ग़ायब हो जाएँगी। (यशायाह ३३:२४) तब लँगड़े मज़बूत, स्वस्थ पैरों पर खड़े होंगे, चलेंगे, दौड़ेंगे, और नाचेंगे। अपनी ख़ामोशी की दुनिया में सालों के जीवन के बाद, बहरे अपने चारों तरफ़ आनन्दपूर्ण ध्वनि सुनेंगे। अन्धे रंगों और आकारों का सुन्दर संसार देखकर विस्मित हो जाएँगे। (यशायाह ३५:५, ६) तब जाकर, वे अपने प्रिय जनों के चेहरे देखेंगे! तब संभवतः पल-भर के लिए ख़ुशी के आँसुओं से उनकी नज़र धुँधली हो जाएगी।

ज़रा सोचिए! फिर कभी चश्‍मे नहीं, बैसाखी और छड़ी नहीं, दवाएँ नहीं, दन्त चिकित्सालय या अस्पताल नहीं! फिर कभी भावात्मक बीमारी और हताशा लोगों को सुख से वंचित नहीं करेगी। किसी का बचपन रोगग्रस्त नहीं होगा। बुढ़ापे के प्रकोप पलट दिए जाएँगे। (अय्यूब ३३:२५) हम ज़्यादा स्वस्थ और ताक़तवर हो जाएँगे। हर सुबह हम रात की स्फूर्तिदायक नींद के बाद नयी शक्‍ति के साथ जागेंगे, ओजपूर्ण जीवन और संतोषप्रद कार्य के एक नए दिन के लिए उत्साह से भरे और उत्सुक होंगे।

१०. अरमगिदोन के उत्तरजीवी क्या कार्यभार संभालेंगे?

१० अरमगिदोन के उत्तरजीवियों के पास करने के लिए काफ़ी आनन्दपूर्ण कार्य होगा। वे पृथ्वी को परादीस में परिवर्तित करेंगे। दूषित पुरानी व्यवस्था का कोई भी अवशेष हटा दिया जाएगा। गन्दी बस्तियों और बरबाद भूमि की जगह पर उद्यान और वाटिकाएँ आ जाएँगी। सभी जन आरामदेह, सुखद आवास का आनन्द लेंगे। (यशायाह ६५:२१) समय के साथ-साथ, पृथ्वी के वे परादीसीय भाग बढ़ेंगे और साथ मिल जाएँगे जब तक कि पूरी पृथ्वी सुन्दरता के उस स्तर पर न पहुँच जाए जो सृष्टिकर्ता ने अदन की वाटिका में स्थापित किया था। पुनःस्थापना के उस कार्य में हिस्सा लेना कितना संतोषप्रद होगा!

११. पृथ्वी के पर्यावरण और पशु-जीवन के साथ मानवजाति का भावी सम्बन्ध क्या होगा?

११ यह सब ईश्‍वरीय मार्गदर्शन के अधीन होगा ताकि पर्यावरण को हानि न पहुँचे। मनुष्य जानवरों के साथ शान्ति में रहेंगे। निर्दयता से उनकी हत्या करने के बजाय मनुष्य पृथ्वी पर अपना ज़िम्मेदार परिचारक-कार्य फिर से शुरू करेगा, और उनकी अच्छी देखरेख करेगा। कल्पना कीजिए कि भेड़िये और मेम्ने, सिंह और बछड़े एक साथ चर रहे हैं—और घरेलू जानवर पूरी तरह सुरक्षित हैं। एक छोटे बच्चे को भी जंगली जानवरों से डरने का कोई कारण नहीं होगा, न ही नए संसार की प्रशान्ति क्रूर, खूँखार लोगों से भंग होगी। (यशायाह ११:६-८) वह क्या ही शान्तिपूर्ण नया संसार होगा!

मानवजाति परिवर्तित

१२. आज यशायाह ११:९ की पूर्ति कैसे हो रही है, और यह परादीस में कैसे पूरी होगी?

१२ यशायाह ११:९ हमें बताता है कि पूरी पृथ्वी पर क्यों कोई हानि नहीं की जाएगी। वह कहता है: “पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।” यह लोगों के बारे में है क्योंकि जानवर ‘यहोवा का ज्ञान’ लेकर बदलाव नहीं कर सकते, क्योंकि वे सहजवृत्ति द्वारा नियंत्रित होते हैं। लेकिन हमारे सृष्टिकर्ता का ज्ञान लोगों को ज़रूर बदलता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि अपने जीवन में परमेश्‍वर का ज्ञान लागू करने के फलस्वरूप आप स्वयं भी कुछ बदलाव कर चुके हैं। लाखों लोगों ने ऐसा किया है। इसलिए, इस भविष्यवाणी की पूर्ति यहोवा की सेवा करनेवालों में शुरू हो चुकी है। फिर भी, यह उस समय की ओर भी संकेत करती है जब संसार-भर में लोग किसी भी पाशविक या हिंसक लक्षणों को छोड़ देंगे और हमेशा के लिए शान्तिमय बन जाएँगे।

१३. पृथ्वी पर कैसा शैक्षिक कार्यक्रम चलाया जाएगा?

१३ वह समय कितना अद्‌भुत होगा जब पृथ्वी परमेश्‍वर के ज्ञान से भर जाएगी! राजा यीशु मसीह और उसके १,४४,००० सहशासकों के निर्देशन में एक विस्तृत शैक्षिक कार्यक्रम होगा। तब नयी “पुस्तकें” काम में लायी जाएँगी। प्रत्यक्षतः ये परमेश्‍वर के लिखित उपदेश हैं जो पृथ्वी के निवासियों को शिक्षा देने के लिए आधार के रूप में कार्य करेंगे। (प्रकाशितवाक्य २०:१२) मानवजाति युद्ध नहीं, बल्कि शान्ति सीखेगी। सभी विनाशक शस्त्र हमेशा के लिए मिट गए होंगे। (भजन ४६:९) नए संसार के निवासियों को अपने संगी मनुष्यों के साथ प्रेम, आदर, और गरिमा के साथ व्यवहार करना सिखाया जाएगा।

१४. जब मानवजाति एक संयुक्‍त परिवार होगी तब संसार कैसे भिन्‍न होगा?

१४ मानवजाति एक संयुक्‍त परिवार बन जाएगी। एकता और भाईचारे के लिए कोई रुकावटें नहीं होंगी। (भजन १३३:१-३) चोरों को दूर रखने के लिए किसी के घर को ताला लगाने की ज़रूरत नहीं होगी। हर हृदय में, हर घर में, पृथ्वी के हर भाग में शान्ति राज करेगी।—मीका ४:४.

हर्षपूर्ण पुनरुत्थान

१५. पृथ्वी पर कौन-से दो समूहों का पुनरुत्थान होगा?

१५ उस सहस्राब्दि के दौरान पुनरुत्थान होगा। जिन्होंने बिना पश्‍चाताप किए परमेश्‍वर की पवित्र आत्मा, या सक्रिय शक्‍ति की अभिव्यक्‍ति या मार्गदर्शन के विपरीत कार्य करने के द्वारा जानबूझकर पवित्र आत्मा के विरुद्ध पाप किया, उनका पुनरुत्थान नहीं होगा। (मत्ती २३:१५, ३३; इब्रानियों ६:४-६) निःसंदेह, परमेश्‍वर निर्णय करेगा कि किसने इस रीति से पाप किया। लेकिन दो भिन्‍न समूहों का पुनरुत्थान होगा—“धर्मी और अधर्मी।” (प्रेरितों २४:१५) चूँकि सही क्रम होगा, यह निष्कर्ष निकालना तर्कसंगत है कि पृथ्वी पर फिर से जीवन के लिए पहले उनका स्वागत किया जाएगा जो धर्मी थे, जिन्होंने निष्ठापूर्वक यहोवा की सेवा की।—इब्रानियों ११:३५-३९.

१६. (क) पृथ्वी पर “धर्मी” पुनरुत्थित लोगों में कौन होंगे? (ख) प्राचीन समय के ख़ासकर कौन-से विश्‍वासी जनों से आप मिलना चाहते हैं, और क्यों?

१६ युद्धों, विपत्तियों, और मृत्यु के समाचार सुनने के बजाय यहोवा के सेवकों को पुनरुत्थान की अद्‌भुत रिपोर्टें मिलेंगी। हाबील, हनोक, नूह, इब्राहीम, सारा, अय्यूब, मूसा, राहाब, रूत, दाऊद, एलिय्याह, और एस्तेर जैसे विश्‍वासी पुरुषों और स्त्रियों की वापसी के बारे में जानना उत्तेजक होगा। वे क्या ही उत्तेजक ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करेंगे जब वे अनेक बाइबल वृत्तान्तों के पृष्ठभूमि विवरण देंगे! इसमें कोई संदेह नहीं कि वे और अन्य धर्मी जन जो हाल ही के समय में मरे हैं शैतान की व्यवस्था के अन्त के बारे में जानने के लिए और यह जानने के लिए कि कैसे यहोवा ने अपने पवित्र नाम को पवित्रीकृत किया और अपनी सर्वसत्ता को दोषनिवारित किया, उतने ही उत्सुक होंगे।

१७. विश्‍वासी जन अन्य पुनरुत्थित जनों को क्या सहायता देंगे?

१७ पुनरुत्थान के अगले चरण में ये विश्‍वासी जन कितने सहायक होंगे, जब अरबों “अधर्मी” मृत्यु के बंधन से मुक्‍त किए जाते हैं! अधिकांश मानवजाति के पास यहोवा को जानने का अवसर नहीं था। शैतान ‘उनकी बुद्धि को अन्धी कर रहा था।’ (२ कुरिन्थियों ४:४) लेकिन इब्‌लीस के कार्य को निष्फल कर दिया जाएगा। अधर्मी एक सुन्दर और शान्तिपूर्ण पृथ्वी पर लौटेंगे। उनका स्वागत एक ऐसे लोग करेंगे जो उन्हें यहोवा और उसके सत्तारूढ़ पुत्र, यीशु मसीह के बारे में सिखाने के लिए सुसंगठित होंगे। जैसे-जैसे अरबों पुनरुत्थित जन अपने सृष्टिकर्ता को जानेंगे और उससे प्रेम करेंगे, वैसे-वैसे पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से अपूर्व रीति से भर जाएगी।

१८. आपके विचार से पुनरुत्थित प्रिय जनों का स्वागत करते समय आपको कैसा महसूस होगा?

१८ पुनरुत्थान हमारे हृदय को क्या ही आनन्द पहुँचाएगा! कौन हमारे शत्रु मृत्यु के कारण पीड़ित नहीं हुआ है? सचमुच, किसने पूरी तरह से टूटा हुआ महसूस नहीं किया है जब बीमारी, बुढ़ापे, दुर्घटना, या हिंसा से किसी प्रिय जन की जान जाने के कारण प्रेम या मित्रता का कोई बंधन टूट गया? तो फिर, परादीस में पुनर्मिलन के हर्ष की कल्पना कीजिए। माता-पिता, पुत्र-पुत्रियाँ, साथी-सम्बन्धी, दौड़कर एक दूसरे की बाँहों में जाएँगे, हर्ष के मारे हँसेंगे और रोएँगे।

आख़िरकार परिपूर्णता!

१९. सहस्राब्दि के दौरान क्या चमत्कार होगा?

१९ पूरी सहस्राब्दि के दौरान, एक अद्‌भुत चमत्कार हो रहा होगा। मानवजाति के लिए, यह संभवतः मसीह के हज़ार वर्षीय शासन का सबसे उत्तेजक पहलू होगा। यहोवा अपने पुत्र को निर्देशित करेगा कि हरेक विश्‍वासी और आज्ञाकारी पुरुष और स्त्री पर छुड़ौती बलिदान के लाभों को लागू करे। उस रीति से, सारा पाप मिटाया जाएगा और मानवजाति परिपूर्णता पर उन्‍नत की जाएगी।—१ यूहन्‍ना २:२; प्रकाशितवाक्य २१:१-४.

२०. (क) परिपूर्ण होने का क्या अर्थ होगा? (ख) अरमगिदोन उत्तरजीवी और पुनरुत्थित जन कब पूर्ण अर्थ में जीना शुरू करेंगे?

२० परिपूर्णता! इसका क्या अर्थ होगा? इसका अर्थ होगा ऐसे जीवन को वापसी जिसका आनन्द आदम और हव्वा ने यहोवा परमेश्‍वर के विरुद्ध पाप करने से पहले उठाया था। शारीरिक, मानसिक, भावात्मक, नैतिक, आध्यात्मिक—हर कल्पनीय रीति से—परिपूर्ण मनुष्य पूरी तरह से परमेश्‍वर के स्तरों पर ठीक बैठेंगे। लेकिन क्या तब सभी लोग एक समान होंगे? बिलकुल नहीं! यहोवा की सृष्टि—पेड़, पुष्प, पशु—सभी हमें सिखाते हैं कि उसे विविधता से प्रेम है। परिपूर्ण मनुष्यों के भिन्‍न व्यक्‍तित्व और भिन्‍न प्रतिभाएँ होंगी। हर व्यक्‍ति जीवन का आनन्द वैसे ही उठाएगा जैसे परमेश्‍वर ने चाहा था। प्रकाशितवाक्य २०:५ कहता है: “जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तब तक शेष मरे हुए न जी उठे।” अरमगिदोन उत्तरजीवियों की बड़ी भीड़ की तरह, पुनरुत्थित जन भी तब पूर्ण रूप से जीवित होंगे जब वे पापरहित परिपूर्णता प्राप्त कर लेंगे।

२१. (क) मसीह के हज़ार वर्षीय शासन के अन्त में क्या होगा? (ख) अन्त में शैतान और उसका साथ देनेवाले सभी जनों का क्या होगा?

२१ परिपूर्ण मनुष्य एक अन्तिम परीक्षा का सामना करेंगे। सहस्राब्दि के अन्त में, शैतान और उसके पिशाचों को थोड़े समय के लिए अथाह कुंड से छोड़ा जाएगा और उन्हें लोगों को यहोवा से दूर करने का अन्तिम प्रयास करने की अनुमति दी जाएगी। कुछ लोग ग़लत अभिलाषाओं को परमेश्‍वर के प्रति प्रेम से आगे रखेंगे, लेकिन इस विद्रोह को जल्द ही समाप्त कर दिया जाएगा। यहोवा शैतान और उसके सभी पिशाचों के साथ-साथ इन स्वार्थी लोगों को मार डालेगा। तब सभी कुकर्मी हमेशा के लिए मिट गए होंगे।—प्रकाशितवाक्य २०:७-१०.

आप क्या करेंगे?

२२. परादीस में आप क्या करने की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं?

२२ जो यहोवा परमेश्‍वर से प्रेम करते हैं और परादीस पृथ्वी पर रहते हैं उनके सामने अनन्तता होगी। हमारे लिए तो उनके हर्ष की कल्पना करना भी मुश्‍किल है, और आप भी इसमें भाग ले सकते हैं। संगीत, कला, शिल्प—परिपूर्ण मानवजाति की उपलब्धियाँ इस पुराने संसार के सर्वश्रेष्ठ गुरुओं की सर्वोत्तम कृतियों से भी बढ़कर होंगी! आख़िरकार, मनुष्य परिपूर्ण होंगे और उनके सामने असीम समय होगा। कल्पना कीजिए कि परिपूर्ण मनुष्य के रूप में आप क्या-क्या करने में समर्थ होंगे। यह भी सोचिए कि आप और संगी मानव यहोवा की सृष्टि—विश्‍व की अरबों मंदाकिनियों से लेकर अतिसूक्ष्म उप-परमाणवीय कणों तक—के बारे में क्या-क्या सीखेंगे। मानवजाति की हर उपलब्धि हमारे प्रेममय स्वर्गीय पिता, यहोवा के हृदय को और अधिक प्रसन्‍न करेगी।—भजन १५०:१-६.

२३. परादीस में जीवन क्यों कभी उबाऊ नहीं होगा?

२३ तब जीवन उबाऊ नहीं होगा। समय के साथ-साथ वह और अधिक रुचिकर होता जाएगा। देखा आपने, परमेश्‍वर के ज्ञान का कोई अन्त नहीं है। (रोमियों ११:३३) पूरे अनन्तकाल के दौरान, हमेशा सीखने के लिए और भी बातें होंगी, और खोज करने के लिए नयी चीज़ें होंगी। (सभोपदेशक ३:११) और जैसे-जैसे आप यहोवा परमेश्‍वर के बारे में सीखना जारी रखेंगे, आप जीते रहेंगे—मात्र कुछ सालों तक नहीं बल्कि सर्वदा तक!—भजन २२:२६.

२४, २५. अभी आपको क्यों परमेश्‍वर के ज्ञान के सामंजस्य में जीना चाहिए?

२४ क्या परादीस पृथ्वी पर आनन्दपूर्ण भविष्य आपके द्वारा किए गए किसी भी प्रयास या बलिदान के योग्य नहीं है? जी हाँ, निश्‍चित ही है! यहोवा ने उस शानदार भविष्य की कुंजी आपके सामने बढ़ायी है। वह कुंजी है परमेश्‍वर का ज्ञान। क्या आप उसे प्रयोग करेंगे?

२५ यदि आप यहोवा से प्रेम करते हैं, तो आप उसकी इच्छा पर चलने में प्रसन्‍नता पाएँगे। (१ यूहन्‍ना ५:३) जब आप उस मार्ग पर चलते हैं तो आपको क्या ही आशिषों का अनुभव होगा! यदि आप परमेश्‍वर के ज्ञान को लागू करते हैं, तो यह आपको इस संकटपूर्ण संसार में भी ज़्यादा सुखी जीवन दे सकता है। और भावी प्रतिफल प्रचुर हैं, क्योंकि यह वह ज्ञान है जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है! आपके पास क़दम उठाने के लिए अभी अनुकूल समय है। परमेश्‍वर के ज्ञान के सामंजस्य में जीने के लिए दृढ़-संकल्प रहिए। यहोवा के लिए अपने प्रेम को प्रदर्शित कीजिए। उसके पवित्र नाम को सम्मान दीजिए और शैतान को झूठा साबित कीजिए। क्रमशः, सच्ची बुद्धि और ज्ञान का स्रोत, यहोवा परमेश्‍वर अपने बड़े और प्रेममय हृदय में आपके कारण आनन्दित होगा। (यिर्मयाह ३१:३; सपन्याह ३:१७) और वह सर्वदा आपसे प्रेम करेगा!

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“सत्य जीवन” क्या है?

अरमगिदोन के बाद, पृथ्वी पर क्या होगा?

पृथ्वी पर किन लोगों का पुनरुत्थान होगा?

मानवजाति कैसे परिपूर्ण बनेगी और अन्त में परखी जाएगी?

परादीस के सम्बन्ध में आपकी आशा क्या है?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 188,189 पर तसवीर]

क्या आप परादीस में रहने की आशा करते हैं, जब पृथ्वी परमेश्‍वर के ज्ञान से भर जाती है?