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ऊँचे और विशाल पेड़ का भेद प्रकट करना

ऊँचे और विशाल पेड़ का भेद प्रकट करना

छठा अध्याय

ऊँचे और विशाल पेड़ का भेद प्रकट करना

1. राजा नबूकदनेस्सर के साथ क्या होता है, और इससे क्या सवाल उठते हैं?

राजा नबूकदनेस्सर बाबुल का महाराजा था, इतना ही नहीं यहोवा ने उसे इस दुनिया का सम्राट बनने दिया था। उसके खज़ाने भरे हुए थे, उसकी शाही मेज़ पर खाने-पीने की बहुतायत थी, रहने के लिए आलीशान महल था और ऐशो-आराम के लिए वह सब कुछ था जिसकी वह ख्वाहिश कर सकता था। लेकिन अचानक उसका मान-सम्मान उससे छीन लिया जाता है। वह बुद्धि खो बैठता है और जानवरों की तरह बर्ताव करने लगता है! वह शाही मेज़ पर बैठने के लायक नहीं रहता ना ही वह अपने आलीशान महल में रह पाता, उसे बाहर निकाल दिया जाता है। वह मैदानों में रहता है और बैल की तरह घास चरने लगता है। लेकिन उसके साथ ऐसा क्यों हुआ? और इससे हमारा क्या सरोकार है?—अय्यूब 12:17-19; सभोपदेशक 6:1, 2 से तुलना कीजिए।

राजा परमप्रधान की बड़ाई करता है

2, 3. बाबुल का राजा अपनी प्रजा पर क्या प्रकट करना चाहता था और वह खुद, परमप्रधान परमेश्‍वर के बारे क्या कबूल करता है?

2 जो कुछ भी हुआ था आइए हम उसके बारे में जानने के लिए नबूकदनेस्सर के शानदार संदेश पर ध्यान दें, जिसका ऐलान उसने अपना पागलपन ठीक होने के कुछ ही समय बाद पूरे साम्राज्य में करवाया था। इसका एकदम सही-सही ब्यौरा आज हमारे पास मौजूद हैं क्योंकि यहोवा परमेश्‍वर ने दानिय्येल भविष्यवक्‍ता के ज़रिए इसे लिखवाया। यह संदेश था: “नबूकदनेस्सर राजा की ओर से देश-देश और जाति-जाति के लोगों, और भिन्‍न-भिन्‍न भाषा बोलनेवाले जितने सारी पृथ्वी पर रहते हैं, उन सभों को यह वचन मिला, तुम्हारा कुशल क्षेम बढ़े! मुझे यह अच्छा लगा, कि परमप्रधान परमेश्‍वर ने मुझे जो जो चिन्ह और चमत्कार दिखाए हैं, उनको प्रगट करूं। उसके दिखाए हुए चिन्ह क्या ही बड़े, और उसके चमत्कारों में क्या ही बड़ी शक्‍ति प्रगट होती है! उसका राज्य तो सदा का और उसकी प्रभुता पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।”—दानिय्येल 4:1-3.

3 इस आयत में बताया गया है कि नबूकदनेस्सर की प्रजा “सारी पृथ्वी पर” रहती थी, जिसका मतलब है कि उसका साम्राज्य बाइबल में बताए गए ज़्यादातर देशों में फैला हुआ था। लेकिन वह खुद दानिय्येल के परमेश्‍वर के बारे में यह कहता है: “उसका राज्य तो सदा का” है। इस ऐलान से पूरे बाबुल साम्राज्य में यहोवा की क्या ही बड़ाई हुई! यह दूसरी बार था जब नबूकदनेस्सर को दिखाया गया कि सिर्फ परमेश्‍वर का राज्य ही अविनाशी है और सिर्फ उसी का राज्य “सदा” तक स्थिर रहेगा।—दानिय्येल 2:44.

4. यहोवा परमेश्‍वर ने जो “चिन्ह और चमत्कार” नबूकदनेस्सर को दिखाए वे उस पर कब बीतने शुरू हुए?

4 “परमप्रधान परमेश्‍वर” ने उसे क्या-क्या “चिन्ह और चमत्कार” दिखाए थे? ये चिन्ह और चमत्कार खुद राजा नबूकदनेस्सर पर बीते थे और वह उनके शुरू होने के बारे में बताता है: “मैं नबूकदनेस्सर अपने भवन में चैन से और प्रफुल्लित रहता था। मैं ने ऐसा स्वप्न देखा जिसके कारण मैं डर गया; और पलंग पर पड़े पड़े जो विचार मेरे मन में आए और जो बातें मैं ने देखीं, उनके कारण मैं घबरा गया था।” (दानिय्येल 4:4, 5) इस डरावने सपने को देखकर नबूकदनेस्सर ने क्या किया?

5. नबूकदनेस्सर, दानिय्येल को क्या मानता था, और किस वज़ह से?

5 सपने का मतलब जानने के लिए नबूकदनेस्सर ने बाबुल के सारे पंडितों को बुलाकर उन्हें यह सपना बताया। लेकिन ये सारे-के-सारे पंडित बेकार निकले! उनमें से एक भी उस सपने का मतलब नहीं बता सका। आगे क्या हुआ नबूकदनेस्सर खुद बताता है: “निदान दानिय्येल मेरे सम्मुख आया, जिसका नाम मेरे देवता के नाम के कारण बेलतशस्सर रखा गया था, और जिस में पवित्र ईश्‍वरों की आत्मा रहती है; और मैं ने उसको अपना स्वप्न . . . बता दिया।” (दानिय्येल 4:6-8) राजा नबूकदनेस्सर, दानिय्येल को इसलिए बेलतशस्सर पुकारता है क्योंकि यह उसका दरबारी नाम था, और राजा जिसे ‘मेरा देवता’ कहता है वह शायद बेल या नबो या मरोदक देवता था। नबूकदनेस्सर कई देवी-देवताओं की पूजा करता था इसलिए वह समझता था कि दानिय्येल में “पवित्र ईश्‍वरों की आत्मा रहती है।” और दानिय्येल बाबुल के सभी पंडितों पर मुख्य प्रधान था तो राजा उसे “सब ज्योतिषियों [तान्त्रिकों] का प्रधान” कहकर बुलाता था। (दानिय्येल 2:48; 4:9. दानिय्येल 1:20 से तुलना कीजिए।) लेकिन दानिय्येल हमेशा यहोवा का ही वफादार रहा। उसने कभी-भी सच्ची उपासना को छोड़कर तंत्र-मंत्र की विद्या नहीं सीखी।—लैव्यव्यवस्था 19:26; व्यवस्थाविवरण 18:10-12.

एक विशाल और ऊँचा पेड़

6, 7. आप बताइए कि नबूकदनेस्सर ने क्या सपना देखा?

6 बाबुल के इस राजा ने जो डरावना सपना देखा था वह आखिर क्या था? वह खुद बताता है: “जो दर्शन मैं ने पलंग पर पाया वह यह है: मैं ने देखा, कि पृथ्वी के बीचोबीच एक वृक्ष लगा है; उसकी ऊंचाई बहुत बड़ी है। वह वृक्ष बड़ा होकर दृढ़ हो गया, और उसकी ऊंचाई स्वर्ग तक पहुंची, और वह सारी पृथ्वी की छोर तक देख पड़ता था। उसके पत्ते सुन्दर, और उस में बहुत फल थे, यहां तक कि उस में सभों के लिये भोजन था। उसके नीचे मैदान के सब पशुओं को छाया मिलती थी, और उसकी डालियों में आकाश की सब चिड़ियां बसेरा करती थीं, और सब प्राणी उस से आहार पाते थे।” (दानिय्येल 4:10-12) कहा जाता है कि नबूकदनेस्सर लबानोन के बड़े-बड़े देवदारों का इतना दीवाना था कि वह उन्हें देखने लबानोन गया और बाबुल में इन पेड़ों की लकड़ी भी लेकर आया। लेकिन जो पेड़ उसने इस सपने में देखा था, वैसा पेड़ उसने अपनी ज़िंदगी में कभी देखा ही नहीं था। यह पेड़ “पृथ्वी के बीचोबीच” था और वह इतना ऊँचा था कि दुनिया के किसी भी कोने से उसे देखा जा सकता था। उसमें इतने फल थे कि संसार का हर प्राणी उससे आहार पाता था।

7 लेकिन यह सपना इतना ही नहीं था क्योंकि नबूकदनेस्सर आगे बताता है: “मैं ने पलंग पर दर्शन पाते समय क्या देखा, कि एक पवित्र पहरुआ स्वर्ग से उतर आया। उस ने ऊंचे शब्द से पुकारकर यह कहा, वृक्ष को काट डालो, उसकी डालियों को छांट दो, उसके पत्ते झाड़ दो और उसके फल छितरा डालो; पशु उसके नीचे से हट जाएं, और चिडियें उसकी डालियों पर से उड़ जाएं। तौभी उसके ठूंठ को जड़ समेत भूमि में छोड़ो, और उसको लोहे और पीतल के बन्धन से बान्धकर मैदान की हरी घास के बीच रहने दो। वह आकाश की ओस से भीगा करे और भूमि की घास खाने में मैदान के पशुओं के संग भागी हो।”—दानिय्येल 4:13-15.

8. वह “पहरुआ” कौन था?

8 बाबुल के लोगों का मानना था कि भले और दुष्ट आत्मिक प्राणी होते हैं। लेकिन सपने में बताया गया स्वर्ग से उतरनेवाला “पहरुआ” या पहरेदार कौन था? उसे “पवित्र” बताया गया है। इसलिए वह कोई दुष्ट आत्मा नहीं बल्कि यहोवा परमेश्‍वर का एक पवित्र स्वर्गदूत था। (भजन 103:20, 21 से तुलना कीजिए।) लेकिन यह सब देखकर नबूकदनेस्सर के मन में ज़रूर कई सवाल उठ रहे होंगे! इस पेड़ को क्यों काटा जा रहा है? ठूंठ पर लोहे और पीतल के बंधन लगाकर ज़मीन में रहने देने का क्या फायदा, ऐसे तो यह बढ़ ही नहीं सकेगा? आखिर इस तरह का ठूंठ किस काम का?

9. पहरुए ने क्या-क्या कहा था और इससे कौन-से सवाल मन में आते हैं?

9 नबूकदनेस्सर यह सुनकर तो और भी चकरा गया होगा जब उस पहरुए ने आगे यह कहा: “उसका मन बदले और मनुष्य का न रहे, परन्तु पशु का सा बन जाए; और उस पर सात काल बीतें। यह आज्ञा पहरुओं के निर्णय से, और यह बात पवित्र लोगों के वचन से निकली, कि जो जीवित हैं वे जान लें कि परमप्रधान परमेश्‍वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है, और उसको जिसे चाहे उसे दे देता है, और वह छोटे से छोटे मनुष्य को भी उस पर नियुक्‍त कर देता है।” (दानिय्येल 4:16, 17) एक पेड़ के ठूंठ में मनुष्य का सा हृदय नहीं होता। और इससे भी चकरा देनेवाली बात तो यह थी कि उस ठूंठ का मन पशुओं का सा कैसे बनाया जा सकता है? ये “सात काल” क्या हैं? और इन सबका “मनुष्यों के राज्य में” प्रभुता से क्या संबंध है? बेशक नबूकदनेस्सर यह सब जानना चाहता था।

राजा के लिए बुरी खबर

10. (क) बाइबल में पेड़ों की तुलना किससे की गई है? (ख) ऊँचा और विशाल पेड़ क्या है?

10 नबूकदनेस्सर का यह सपना सुनकर दानिय्येल घड़ी भर घबराता रहा और सोचते-सोचते भयभीत हो गया। लेकिन जब नबूकदनेस्सर उससे इस सपने का मतलब जानने के लिए बेचैन हो उठा, तब दानिय्येल भविष्यवक्‍ता ने कहा: “हे मेरे प्रभु, यह स्वप्न तेरे बैरियों पर, और इसका अर्थ तेरे द्रोहियों पर फले! जिस वृक्ष को तू ने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया . . . हे राजा, वह तू ही है। तू महान और सामर्थी हो गया, तेरी महिमा बढ़ी और स्वर्ग तक पहुंच गई, और तेरी प्रभुता पृथ्वी की छोर तक फैली है।” (दानिय्येल 4:18-22) बाइबल में पेड़ों की तुलना इंसानों, राजाओं और राज्यों से की गई है। (भजन 1:3; यिर्मयाह 17:7, 8; यहेजकेल, अध्याय 31) सपने में देखे गए उस विशाल और ऊँचे पेड़ की तरह नबूकदनेस्सर भी “बड़ा होकर दृढ़ हो गया” यानी वह एक विश्‍वशक्‍ति का सम्राट बन गया। लेकिन इस पेड़ का मतलब सिर्फ नबूकदनेस्सर की विश्‍व हुकूमत ही नहीं है बल्कि कुछ और भी है। यह ऊँचा और विशाल पेड़ मनुष्यों के सारे राज्य में यानी पूरी दुनिया पर प्रभुता को दर्शाता है क्योंकि यह प्रभुता ‘पृथ्वी की छोर तक’ फैली थी। तो फिर इस पेड़ का अर्थ खासकर पृथ्वी पर परमप्रधान परमेश्‍वर की हुकूमत है क्योंकि वही मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है।—दानिय्येल 4:17.

11. राजा के सपने से कैसे पता चलता था कि वह ज़लील होनेवाला है?

11 राजा नबूकदनेस्सर का मान-सम्मान उससे छिननेवाला था, यहाँ तक कि उसे ज़लील होना पड़ता। इसके बारे में दानिय्येल बताता है: “हे राजा, तू ने जो एक पवित्र पहरुए को स्वर्ग से उतरते और यह कहते देखा कि वृक्ष को काट डालो और उसका नाश करो, तौभी उसके ठूंठ को जड़ समेत भूमि में छोड़ो, और उसको लोहे और पीतल के बन्धन से बान्धकर मैदान की हरी घास के बीच में रहने दो; वह आकाश की ओस से भीगा करे, और उसको मैदान के पशुओं के संग ही भाग मिले; और जब तक सात युग उस पर बीत न चुकें, तब तक उसकी ऐसी ही दशा रहे। हे राजा, इसका फल जो परमप्रधान ने ठाना है . . . राजा पर घटे[गा]।” (दानिय्येल 4:23, 24) एक विश्‍वसम्राट को ऐसा पैगाम देने के लिए वाकई निडरता की ज़रूरत थी!

12. सम्राट नबूकदनेस्सर पर क्या घटनेवाला था?

12 आखिर सम्राट नबूकदनेस्सर पर क्या घटनेवाला था? ज़रा सोचिए कि उस पर क्या गुज़री होगी जब दानिय्येल ने उसे यह बताया: “तू मनुष्यों के बीच से निकाला जाएगा, और मैदान के पशुओं के संग रहेगा; तू बैलों की नाईं घास चरेगा और आकाश की ओस से भीगा करेगा; और सात युग तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले कि मनुष्यों के राज्य में परमप्रधान ही प्रभुता करता है, और जिसे चाहे वह उसे दे देता है।” (दानिय्येल 4:25) शायद नबूकदनेस्सर के अपने राजदरबारी ही उसे ‘मनुष्यों के बीच से निकाल देनेवाले थे।’ तो क्या गाय-भैसों को चरानेवाले गड़ेरिये उस पर दया करते, उसकी देखभाल करते? बिलकुल नहीं, क्योंकि यह परमेश्‍वर का वचन था कि वह “मैदान में पशुओं के संग रहेगा” और घास चरेगा।

13. नबूकदनेस्सर के विश्‍वसम्राट के पद का क्या होनेवाला था?

13 जी हाँ, ठीक जैसे उस पेड़ को काटकर गिरा दिया गया था उसी तरह नबूकदनेस्सर को भी विश्‍वसम्राट के सिंहासन से गिरा दिया जाता। लेकिन सिर्फ कुछ वक्‍त के लिए। कुछ वक्‍त के लिए ही क्यों, यह दानिय्येल आगे समझाता है: “उस वृक्ष के ठूंठ को जड़ समेत छोड़ने की आज्ञा जो हुई है, इसका अर्थ यह है कि तेरा राज्य तेरे लिये बना रहेगा; और जब तू जान लेगा कि जगत का प्रभु स्वर्ग ही में है, तब तू फिर से राज्य करने पाएगा।” (दानिय्येल 4:26) नबूकदनेस्सर ने सपने में देखा था कि पेड़ को काटकर उसके ठूँठ को रहने दिया जाता है, लेकिन उस पेड़ को बंधनों से बाँध दिया गया। इसका मतलब था कि उसे बढ़ने नहीं दिया जाएगा। उसी तरह बाबुल के राजा का विश्‍वसम्राट का पद “सात काल” तक उस बँधे हुए “ठूंठ” के समान रहता। उसका यह पद बना तो रहता, लेकिन सात कालों के दौरान वह हुकूमत नहीं कर पाता। सात काल बीतने तक उसकी राजगद्दी उसके लिए बची रहती क्योंकि यहोवा इस पर नज़र रखता कि इस दौरान कोई नबूकदनेस्सर की राजगद्दी ना हथिया ले। शायद इन सात कालों में उसके बेटे एवील्मरोदक ने अपने पिता के लिए राजकाज संभाला हो।

14. दानिय्येल ने नबूकदनेस्सर से क्या बिनती की?

14 यह जानकर कि भविष्य में नबूकदनेस्सर के साथ यह सब होनेवाला है दानिय्येल ने उससे हियाव बाँधकर यह बिनती की: “इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़कर धर्म करने लगे, और अधर्म छोड़कर दीन-हीनों पर दया करने लगे, तो सम्भव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे।” (दानिय्येल 4:27) अगर नबूकदनेस्सर घमंड करना और लोगों पर अत्याचार करना छोड़ देता तो शायद परमेश्‍वर उस पर दया करता। ऐसा हो सकता था क्योंकि इससे करीब दो सौ साल पहले यहोवा परमेश्‍वर ने अश्‍शूर की राजधानी नीनवे को नाश करने का फैसला तो किया था मगर जब राजा और प्रजा के सारे लोगों ने मिलकर पश्‍चाताप किया तो यहोवा ने उन्हें माफ कर दिया। (योना 3:4, 10; लूका 11:32) लेकिन क्या मगरूर नबूकदनेस्सर पश्‍चाताप करता?

इस सपने की भविष्यवाणी की छोटे पैमाने पर पूर्ति

15. (क) नबूकदनेस्सर ने क्या अवगुण नहीं छोड़ा? (ख) शिलालेखों से नबूकदनेस्सर के किस काम के बारे में पता चलता है?

15 लेकिन नबूकदनेस्सर ने अपना घमंड नहीं छोड़ा। इस सपने से करीब 12 महीने बाद एक दिन उसने घमंड में आकर शेखी मारी: “क्या यह बड़ा बाबुल नहीं है, जिसे मैं ही ने अपने बल और सामर्थ से राजनिवास होने को और अपने प्रताप की बड़ाई के लिये बसाया है?” (दानिय्येल 4:28-30) निम्रोद ने बाबुल (बाबेल) की बुनियाद डाली थी लेकिन नबूकदनेस्सर ने उसे वैभव देकर आबाद किया था। (उत्पत्ति 10:8-10) एक कीलाक्षर लिपि के शिलालेख में उसने यह शेखी मारी है: “मैं नबोपोलास्सर का बेटा, बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर हूँ, मैं वो हूँ जिसने एसागिला और एज़िदा को आबाद किया। . . . एसागिला और बाबुल के किलों को मैं ही ने मज़बूत बनाया है और अपने राज का नाम हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया है।” (जॉर्ज ए. बार्टन द्वारा पुरातत्वविज्ञान और बाइबल, अंग्रेज़ी, 1949, पेज 478-9) एक और शिलालेख बताता है कि नबूकदनेस्सर ने करीब 20 मंदिरों की मरम्मत करवाई। द वर्ल्ड बुक इनसाइक्लोपीडिया कहती है कि “नबूकदनेस्सर के राज में बाबुल उस प्राचीन दुनिया का सबसे वैभवशाली शहर बन गया था। खुद नबूकदनेस्सर ने अपने लेखों में लड़ाइयों में अपनी जीत का इतना ज़िक्र नहीं किया जितना कि उसने इमारतों और देवी-देवताओं के मंदिर बनवाने के अपने काम का किया है। और शायद नबूकदनेस्सर ही ने बाबुल के झूलते-बाग बनाए थे जिन्हें दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता है।”

16. नबूकदनेस्सर किस तरह नम्रता का सबक सीखनेवाला था?

16 नबूकदनेस्सर ने चाहे कितनी ही शेखी क्यों न मारी हो, इसी घमंड की वज़ह से उसे नम्रता का सबक सीखना पड़ता। ईश्‍वर-प्रेरित वचन कहता है: “यह वचन राजा के मुंह से निकलने भी न पाया था कि आकाशवाणी हुई, हे राजा नबूकदनेस्सर तेरे विषय में यह आज्ञा निकलती है कि राज्य तेरे हाथ से निकल गया, और तू मनुष्यों के बीच से निकाला जाएगा, और मैदान के पशुओं के संग रहेगा; और बैलों की नाईं घास चरेगा; और सात काल तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले कि परमप्रधान, मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है, और जिसे चाहे वह उसे दे देता है।”—दानिय्येल 4:31, 32.

17. मगरूर नबूकदनेस्सर के साथ क्या हुआ और उसकी क्या हालत हो गई?

17 नबूकदनेस्सर अपनी बुद्धि खो बैठा। उसे मनुष्यों में से निकाल दिया गया और वह “बैलों की नाईं” घास चरने लगा। जंगल में जानवरों के बीच रहना कोई मज़ेवाली बात नहीं था। वह घास के हरे-भरे मैदानों में आराम से हवा नहीं खा रहा था। ईराक में जहाँ पुराने बाबुल के खण्डहर पाये जाते हैं वहाँ गर्मियों में तापमान करीब 50°C तक पहुँच जाता है और सर्दियों में कड़ाकेदार ठंड में तापमान ज़ीरो से कम होता है। इतने दिनों तक खुले मैदान में धूल और धूप की वज़ह से नबूकदनेस्सर के बाल बढ़कर इस कदर चिक्कट और गंदे हो गए कि वे उकाब के पंखों जैसे दिखने लगे। उसके हाथ और पैरों के नाखून बढ़कर परिन्दों के चंगुलों जैसे हो गए। (दानिय्येल 4:33) विश्‍व के इस मगरूर सम्राट को क्या ही अपमान सहना पड़ा!

18. सात कालों के दौरान बाबुल की राजगद्दी का क्या हुआ?

18 नबूकदनेस्सर के सपने में उस पेड़ को काट डाला गया था और उसके ठूँठ को सात कालों के लिए बँधनों में रखा गया था। इसी तरह जब यहोवा ने नबूकदनेस्सर को पागलपन के रोग से सज़ा दी “तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया।” (दानिय्येल 5:20) इसका नतीजा यह हुआ कि उसका मन मनुष्यों का सा ना रहकर बैल के समान हो गया। लेकिन परमेश्‍वर ने सात कालों तक नबूकदनेस्सर की राजगद्दी को बचाए रखा। शायद एवील्मरोदक उस दौरान अपने पिता की जगह राजकाज संभाले रहा। दानिय्येल “बाबुल के सारे प्रान्त पर हाकिम और बाबुल के सब पण्डितों पर मुख्य प्रधान” का काम करता रहा। उसके तीनों यहूदी दोस्त भी बाकी प्रांतों में हाकिमों का काम करते रहे। (दानिय्येल 1:11-19; 2:48, 49; 3:30) ये चारों यहूदी बँधुए उस दिन का इंतज़ार कर रहे थे जब नबूकदनेस्सर अपनी राजगद्दी पर दोबारा बैठ जाता और उसकी याददाशत लौट आती, और वह यह जान चुका होता कि “परमप्रधान, मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है, और जिसे चाहे वह उसे [राज्य] दे देता है।”

नबूकदनेस्सर की बहाली

19. जब यहोवा ने नबूकदनेस्सर की बुद्धि लौटा दी तब उसे क्या मानना पड़ा?

19 सात काल के बीतने के बाद यहोवा ने राजा नबूकदनेस्सर की बुद्धि लौटा दी। तब उसने कबूल किया कि यहोवा ही परमप्रधान परमेश्‍वर है। वह कहता है: “उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आंखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कहकर करने लगा; उसकी प्रभुता सदा की है, और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहनेवाला है। पृथ्वी के सब रहनेवाले उसके साम्हने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी ही इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोककर उस से नहीं कह सकता है, कि तू ने यह क्या किया है?” (दानिय्येल 4:34, 35) जी हाँ, नबूकदनेस्सर को यह मानना पड़ा कि सिर्फ परमप्रधान परमेश्‍वर यहोवा ही मनुष्यों के राज्य में महाराजा और मालिक है।

20, 21. (क) ठूँठ के बंधन खोलने की बात नबूकदनेस्सर पर कैसे पूरी हुई? (ख) नबूकदनेस्सर ने क्या माना, और क्या इसके बाद वह यहोवा का उपासक बना?

20 नबूकदनेस्सर जब दोबारा राजगद्दी पर विराजमान हुआ तो मानो उस ठूँठ के बँधन खुल गए। अपनी इस बहाली के बारे में वह कहता है: “उसी समय, मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; और मेरे राज्य की महिमा के लिये मेरा प्रताप और मुकुट मुझ पर फिर आ गया। और मेरे मन्त्री और प्रधान लोग मुझ से भेंट करने के लिये आने लगे [“मेरे मंत्रियों और सांमतों ने मुझे जंगल में से ढूंढ निकाला,” नयी हिन्दी बाइबिल।], और मैं अपने राज्य में स्थिर हो गया; और मेरी और अधिक प्रशंसा होने लगी।” (दानिय्येल 4:36) जी हाँ, जो दरबारी पहले राजा का पागलपन देखकर उसे तुच्छ समझने लगे थे वे अब उसे अपना राजा बनाने के लिए ‘जंगल में उसे ढूंढ निकालने गए।’

21 परमप्रधान परमेश्‍वर यहोवा के इतने सारे “चमत्कार और चिन्ह” देखकर ताज्जुब नहीं कि नबूकदनेस्सर ने यह कहा: “मुझे यह अच्छा लगा, कि परमप्रधान परमेश्‍वर ने मुझे जो जो चिन्ह और चमत्कार दिखाए हैं, उनको प्रगट करूं। अब मैं नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूं, और उसकी स्तुति और महिमा करता हूं क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है।” (दानिय्येल 4:2, 37) हालाँकि नबूकदनेस्सर ने यह सब कुछ माना लेकिन फिर भी वह यहोवा का उपासक नहीं बना।

क्या बाइबल के अलावा कोई और सबूत भी है?

22. कुछ विद्वानों के मुताबिक नबूकदनेस्सर को कौन-सी बीमारी थी, लेकिन हम दावे के साथ क्या नहीं कह सकते और क्यों?

22 कुछ विद्वान नबूकदनेस्सर के पागलपन को लिकेनथ्रॉपी बीमारी कहते हैं। एक मेडिकल डिक्शनरी कहती है: “लिकेनथ्रॉपी . . . यूनानी भाषा के, लीकोस यानी भेड़िये [लातिन भाषा में लूपस] और यूनानी भाषा के एन्थ्रोपोस यानी मनुष्य [लातिन भाषा में होमो] से बना शब्द है। यह नाम उस बीमारी का है जिसमें लोगों को यह लगने लगता है कि वे एक जानवर बन गए हैं। वे जानवरों की आवाज़ें निकालते हैं, उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं और उन्हीं के जैसी हरकतें करने लगते हैं। ऐसे रोगियों में से ज़्यादातर को लगता है कि वे भेड़िया, कुत्ता, या बिल्ली बन गए हैं। कुछ लोगों को शायद यह भी लगता है कि वे बैल बन गए हैं, जैसा नबूकदनेस्सर को हुआ था।” (चिकित्सक-सर्जन संस्था का चिकित्सा विज्ञान शब्दकोश, फ्रैंच भाषा, पैरिस, 1818, खण्ड 29, पेज 246) लिकेनथ्रॉपी के लक्षण भी वैसे ही हैं जैसे नबूकदनेस्सर के पागलपन के लक्षण थे। लेकिन यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि नबूकदनेस्सर को लिकेनथ्रॉपी ही थी क्योंकि उसकी बीमारी अनोखी थी और परमेश्‍वर की तरफ से एक सज़ा थी।

23. बाइबल के अलावा नबूकदनेस्सर के पागलपन का और क्या सबूत है?

23 विद्वान जॉन इ. गोल्डिंगे, दस्तावेज़ों में नबूकदनेस्सर की बीमारी और बहाली से मिलती-जुलती कुछ बातों का ज़िक्र करते हैं। मिसाल के तौर पर वे बताते हैं: “एक कीलाक्षर लेख का ऐसा टुकड़ा पाया गया है जिसमें नबूकदनेस्सर की किसी मानसिक बीमारी का ज़िक्र किया गया है। यह लेख कहता है कि उसने राजपाट छोड़ दिया और कहीं चला गया।” गोल्डिंगे इस दस्तावेज़ का नाम “बाबुल का अय्यूब” बताते हैं और कहते हैं “इस दस्तावेज़ में लिखा है कि नबूकदनेस्सर को परमेश्‍वर ने कोई सज़ा दी थी। वह बीमार हो गया, उसे अपमानित होना पड़ा, उसने एक सपने का मतलब जानना चाहा, मानो वह एक पेड़ कि तरह काट डाला गया, उसे बाहर निकाल दिया गया, उसने घास खाई, वह बुद्धि खो बैठा, वह बैल की तरह हो गया, मरोदक ने उस पर बारिश की, उसके नाखून पंजों की तरह बन गए, उसके बाल जटाएँ बन गए, उसे बँधनों में रखा गया, और बहाल होने पर उसने ईश्‍वर की बड़ाई की।”

सात काल का हम पर असर

24. (क) सपने में देखा गया विशाल और ऊँचा पेड़ किसे दर्शाता है? (ख) सात काल के लिए किस पर रोक लगा दी गई और कैसे?

24 जैसा हमने देखा था उस पेड़ का मतलब सिर्फ नबूकदनेस्सर की विश्‍व हुकूमत ही नहीं था बल्कि कुछ और भी था। यह विशाल और ऊँचा पेड़ बाबुल के सम्राट की हुकूमत से कहीं महान और बड़ी हुकूमत को दर्शाता है और वह है इस पूरे विश्‍वमंडल पर, खासकर इस पृथ्वी पर “स्वर्ग के राजा” यहोवा परमेश्‍वर की हुकूमत। पृथ्वी पर इस हुकूमत का प्रतिनिधित्व करनेवाला राज्य यरूशलेम नगर में था। इस नगर में राजा दाऊद और उसके वंशज “यहोवा के सिंहासन” पर बैठकर राज करते थे। (1 इतिहास 29:23) लेकिन सा.यु.पू. 607 में परमेश्‍वर ने अपनी हुकूमत का प्रतिनिधित्व करनेवाले राज्य को मानो काट डाला और बँधनों में बाँध दिया। यह तब हुआ जब उसने नबूकदनेस्सर को यरूशलेम का नाश करने दिया। इस तरह इस ज़मीन पर परमेश्‍वर की हुकूमत पर सात काल के लिए रोक लगा दी गई। ये सात काल कितने लंबे थे? ये सात काल कब शुरू हुए और इनके खत्म होने का कैसे पता चलता?

25, 26. (क) नबूकदनेस्सर के मामले में “सात काल” कितने लंबे थे और आप ऐसा क्यों कहते हैं? (ख) सपने की भविष्यवाणी की बड़े पैमाने पर पूर्ति में “सात काल” कब और कैसे शुरू हुए थे?

25 नबूकदनेस्सर के पागलपन के दौरान “उसके बाल उक़ाब पक्षियों के परों से और उसके नाखून चिड़ियों के चंगुलों के समान बढ़ गए” थे। (दानिय्येल 4:33) तो ज़ाहिर है कि ये सात दिनों में या सात हफ्तों में तो नहीं हुआ होगा। इसलिए कई अनुवादों में इन सात कालों को “सात युग” के अलावा “ठहराए हुए सात समयों” या “सात समय अवधि” कहा गया है। (दानिय्येल 4:16, 23, 25, 32) पुराने यूनानी (सेप्टुआजॆंट) में इन्हें “सात साल” बताया गया है। पहली सदी के इतिहासकार जोसीफस ने भी “सात कालों” का अनुवाद “सात साल” किया है। (यहूदियों का इतिहास, अंग्रेज़ी, किताब 10, अध्याय 10, पैराग्राफ 6) ईज़ी-टु-रीड वर्शन, (हिन्दी) टुडेज़ इंगलिश वर्शन, और जेम्स माफैट के अनुवाद में भी “सात साल” कहा गया है।

26 तो इनसे पता चलता है कि नबूकदनेस्सर के “सात काल” का मतलब सात साल यानी सात चंद्र-वर्ष था। भविष्यवाणी के एक चंद्र-वर्ष में करीब 360 दिन या 30 दिनवाले 12 महीने होते हैं। (प्रकाशितवाक्य 12:6, 14 से तुलना कीजिए।) इसलिए राजा नबूकदनेस्सर के मामले में “सात काल” या सात साल का मतलब, 360 दिन गुणा 7 यानी 2,520 दिन थे। लेकिन उसके सपने की भविष्यवाणी की बड़े पैमाने पर पूर्ति में सात काल कितने लंबे होने थे? भविष्यवाणी के “सात काल” 2,520 दिनों से भी लंबे होने थे। ऐसा कैसे कहा जा सकता है, यह हमें यीशु की इस बात से पता चलता है: “जब तक अन्य जातियों का समय [“ठहराया हुआ समय,” NW] पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा।” (लूका 21:24) यह “रौंदा जाना” सा.यु.पू. 607 में शुरू हुआ जब यरूशलेम का नाश हुआ और परमेश्‍वर के राज्य का प्रतिनिधि, यहूदा का राज्य खत्म हो गया। लेकिन यह रौंदा जाना कब खत्म होना था? तब “जब तक सभी बातें पहले जैसी न हो जायें” यानी जब लाक्षणिक यरूशलेम, मसीह के राज्य के द्वारा परमेश्‍वर की हुकूमत इस पृथ्वी पर फिर से प्रकट न हो जाए।—प्रेरितों 3:21, ईज़ी-टु-रीड वर्शन।

27. आप कैसे कह सकते हैं कि जो “सात काल” सा.यु.पू. 607 में शुरू हुए थे वे सिर्फ 2,520 दिनों में खत्म नहीं हुए?

27 अगर हम सा.यु.पू. 607 में यरूशलेम के नाश से 2,520 दिन गिनेंगे तो हम सा.यु.पू. 600 तक ही पहुँच पाते हैं, जिस साल का बाइबल के मुताबिक कोई महत्त्व नहीं है। यहाँ तक कि सत्तर साल बाद सा.यु.पू. 537 में भी जब यहूदी वापस लौटकर यहूदा आ गए थे, तब भी यहोवा की हुकूमत इस पृथ्वी पर प्रकट नहीं हुई थी। क्योंकि अब यहूदा फारस का प्रांत था और दाऊद का वंशज जरुब्बाबेल, यहोवा के सिंहासन पर राजा बनकर नहीं बैठा बल्कि उसे सिर्फ एक अधिपति ठहराया गया था।

28. (क) “सात काल” की भविष्यवाणी की बड़े पैमाने पर पूर्ति में 2,520 दिनों पर हमें कौन-सा नियम लागू करना चाहिए? (ख) “सात काल” कितने लंबे थे और ये किस तारीख को शुरू हुए और किस तारीख को खत्म?

28 हमने देखा कि इस “सात काल” की भविष्यवाणी की बड़े पैमाने पर पूर्ति होनी थी और ये सिर्फ 2,520 दिनों के बराबर नहीं थे। तो फिर ये कितने लंबे हैं, यह जानने के लिए हमें बाइबल से मदद लेनी होगी। बाइबल में हमें एक नियम दिया गया है यानी “दिन पीछे एक वर्ष।” हम यह नियम उस भविष्यवाणी में पाते हैं जो बाबुल द्वारा यरूशलेम के घेरे जाने के बारे में थी। (यहेजकेल 4:6, 7गिनती 14:34 से तुलना कीजिए।) इसलिए 2,520 दिनों पर यह नियम लागू करने से पता चलता है कि ये “सात काल” 2,520 साल तक चलते, जिस समय के दौरान अन्यजातियाँ पृथ्वी पर राज्य करतीं और परमेश्‍वर का राज्य इनके मामलों में हाथ नहीं डालता। यह समय सा.यु.पू. 607 के सातवें चंद्र महीने (तिशरी के 15वें दिन) को शुरू हुआ, जब बाबुल द्वारा यरूशलेम के नाश के बाद यहूदा पूरी तरह उजड़ गया। (2 राजा 25:8, 9, 25, 26) उस समय से लेकर सा.यु.पू. 1 तक 606 साल बीते। 2,520 में से 606 साल निकालने पर बाकी 1,914 साल बचे और सा.यु.पू. 1 से 1,914 साल गिनने पर हम सन्‌ 1914 तक पहुँचते हैं। इसलिए “सात काल” या 2,520 साल तिशरी 15, या अक्‍तूबर 4/5, सन्‌ 1914 को खत्म हुए।

29. मनुष्यों में से ‘छोटे से छोटा’ कौन है और यहोवा ने उसे राजसिंहासन पर बिठाने के लिए क्या किया?

29 सन्‌ 1914 में “अन्य जातियों का समय” पूरा हो गया और तब परमेश्‍वर ने मनुष्यों में से “छोटे से छोटे” यानी यीशु मसीह को अपने राज्य का राजा नियुक्‍त कर दिया। जी हाँ, उसी यीशु मसीह को, जिसे उसके बैरियों ने इतना तुच्छ समझा कि उसे सूली पर ठोंक दिया था। (दानिय्येल 4:17) मसीहा राजा को राजसिंहासन पर बिठाने के लिए यहोवा ने मानो अपनी हुकूमत को दर्शानेवाले “ठूंठ” पर लगे लोहे और पीतल के बंधनों को खोल दिया। इस तरह उस ठूंठ से एक “डाली” निकली। यह डाली वह स्वर्गीय राज्य है जिसका राजा, दाऊद का सबसे महान वंश यीशु मसीह है। अब यह राज्य पूरी ज़मीन परमप्रधान परमेश्‍वर यहोवा की हुकूमत का प्रतिनिधित्व करेगा। (यशायाह 11:1, 2; अय्यूब 14:7-9; यहेजकेल 21:27) हम यहोवा के कितने एहसानमंद हैं कि उसने हमें आशीष देने के लिए ये सारे अद्‌भुत चमत्कार किए और उस ऊंचे और विशाल पेड़ का भेद हम पर प्रकट किया!

आपने क्या समझा?

• नबूकदनेस्सर के सपने के ऊँचे और विशाल पेड़ ने क्या-क्या दर्शाया?

• सपने की भविष्यवाणी की छोटे पैमाने पर पूर्ति में नबूकदनेस्सर के साथ क्या-क्या घटा?

• सपने की भविष्यवाणी को खुद पर घटता देखने के बाद नबूकदनेस्सर को क्या मानना पड़ा?

• सपने की भविष्यवाणी की बड़े पैमाने पर पूर्ति में “सात काल” कितने लंबे थे और यह कब शुरू हुए और कब खत्म हुए?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 83 पर बड़ी तसवीर दी गयी है]

[पेज 91 पर बड़ी तसवीर दी गयी है]