भाग 6
राज का साथ—उपासना के लिए इमारतों का निर्माण और राहत का इंतज़ाम
आप अपने राज-घर में कदम रखते हैं, मगर आज यह बिलकुल अलग नज़र आ रहा है। आप हमेशा से ही अपने राज-घर पर गर्व महसूस करते रहे हैं। इस राज-घर से आपकी कुछ मीठी यादें जुड़ी हैं। कई साल पहले जब यह बनाया जा रहा था तो शायद आपने भी हाथ बँटाया था। आज आप और भी ज़्यादा गर्व महसूस कर रहे हैं, क्योंकि कुछ समय के लिए इस राज-घर को राहत केंद्र बना दिया गया है। हाल ही में आपके इलाके में आए तूफान की वजह से बाढ़ आ गयी थी और काफी तबाही मच गयी थी। तब शाखा-समिति ने फौरन भाई-बहनों के लिए खाने, कपड़े और साफ पानी का इंतज़ाम किया और दूसरे तरीकों से भी उनकी मदद की। आपके राज-घर में दान में मिली चीज़ों को तरतीब से रखा गया है। भाई-बहन कायदे से राज-घर में आ रहे हैं और ज़रूरत की चीज़ें लेकर जा रहे हैं। उनमें से कई जन खुशी से अपने आँसू रोक नहीं पा रहे हैं।
यीशु ने कहा था कि उसके चेलों को पहचानने की सबसे खास निशानी होगी, एक-दूसरे के लिए उनका प्यार। (यूह. 13:34, 35) इस भाग में हम देखेंगे कि यहोवा के साक्षी जो इमारतें बनाते हैं और राहत काम करते हैं, वह कैसे उनके मसीही प्यार का एक सबूत है। यह प्यार इस बात का ज़बरदस्त सबूत है कि हम यीशु के राज के अधीन जी रहे हैं।
इस भाग में
अध्याय 18
राज के कामों का खर्चा कैसे पूरा होता है
पैसा कहाँ से आता है? इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
अध्याय 19
निर्माण काम से यहोवा की महिमा होती है
उपासना के लिए बनायी गयी इमारतों से परमेश्वर की महिमा होती है, फिर भी वह इनसे ज़्यादा किसी और बात को अनमोल समझता है।