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अध्याय 16

शैतान का विरोध कीजिए

शैतान का विरोध कीजिए

‘शैतान का विरोध करो और वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा।’​—याकूब 4:7.

1, 2. हमें शैतान और उसके दुष्ट दूतों के बारे में क्या मालूम होना चाहिए?

 आज हम सब नयी दुनिया का इंतज़ार कर रहे हैं, जहाँ हमारी ज़िंदगी में खुशियाँ-ही-खुशियाँ होंगी। आखिरकार हम उस तरह जी पाएँगे, जैसे यहोवा ने शुरू से चाहा है। लेकिन आज हम जिस दुनिया में जी रहे हैं, वह शैतान और उसके दुष्ट दूतों की मुट्ठी में है। (2 कुरिंथियों 4:4) हालाँकि हम उन्हें देख नहीं सकते, लेकिन वे वजूद में हैं और बहुत ताकतवर हैं।

2 इस अध्याय में हम देखेंगे कि कैसे हम यहोवा के करीब रह सकते हैं और शैतान से खुद को बचा सकते हैं। यहोवा ने वादा किया है कि शैतान से बचने में वह हमारी मदद करेगा। पर हमें भी यह मालूम होना चाहिए कि शैतान और दुष्ट स्वर्गदूत हमें फँसाने के लिए और हम पर हमला करने के लिए कौन-से पैंतरे अपनाते हैं।

“गरजते हुए शेर की तरह”

3. शैतान क्या करना चाहता है?

3 शैतान का दावा है कि इंसान अपने मतलब के लिए यहोवा की सेवा करता है और अगर उसकी ज़िंदगी में परेशानियाँ आ जाएँ, तो वह यहोवा को छोड़ देगा। (अय्यूब 2:4, 5 पढ़िए।) जैसे ही कोई यहोवा के बारे में सीखने लगता है, शैतान और उसके दुष्ट दूत उस पर नज़र रखने लगते हैं और उसे रोकने की कोशिश करते हैं। जब कोई इंसान यहोवा को अपना जीवन समर्पित करता है और बपतिस्मा लेता है, तो शैतान और उसके दूत क्रोध से भर जाते हैं। बाइबल बताती है कि शैतान “गरजते हुए शेर की तरह इस ताक में घूम रहा है कि किसे फाड़ खाए।” (1 पतरस 5:8) यहोवा के साथ हमारा जो रिश्‍ता है, उसे शैतान तबाह करना चाहता है।​—भजन 7:1, 2; 2 तीमुथियुस 3:12.

शैतान यह देखकर क्रोध से भर जाता है कि हमने यहोवा को अपना जीवन समर्पित किया है

4, 5. (क) शैतान क्या नहीं कर सकता? (ख) हम “शैतान का विरोध” कैसे कर सकते हैं?

4 लेकिन हमें शैतान और उसके दूतों से डरने की कोई ज़रूरत नहीं। यहोवा ने उन पर कुछ बंदिशें लगायी हैं, इसलिए वे पूरी तरह अपनी मनमानी नहीं कर सकते। यहोवा ने बताया है कि सच्चे मसीहियों की ‘एक बड़ी भीड़ महा-संकट’ से ज़रूर बचेगी। (प्रकाशितवाक्य 7:9, 14) यहोवा के इस मकसद को पूरा होने से शैतान रोक नहीं सकता, क्योंकि यहोवा अपने लोगों की रक्षा कर रहा है।

5 हमें यहोवा के करीब रहना है, तब उसके साथ हमारा जो रिश्‍ता है, उसे शैतान कभी तोड़ नहीं पाएगा। बाइबल हमें यकीन दिलाती है, “यहोवा तब तक तुम्हारे साथ रहेगा जब तक तुम उसके साथ रहोगे।” (2 इतिहास 15:2; 1 कुरिंथियों 10:13 पढ़िए।) गुज़रे ज़माने के कई वफादार लोग यहोवा के करीब रहने की वजह से शैतान का विरोध कर पाए, जैसे हाबिल, हनोक, नूह, सारा और मूसा। (इब्रानियों 11:4-40) हम भी वैसा ही कर सकते हैं। बाइबल में लिखा है, “शैतान का विरोध करो और वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा।”​—याकूब 4:7.

‘हम एक लड़ाई लड़ रहे हैं’

6. शैतान यहोवा से हमें किस तरह दूर ले जाने की कोशिश करता है?

6 शैतान को पता है कि वह हमारे साथ जो चाहे वह नहीं कर सकता, उसे इसकी खुली छूट नहीं है। फिर भी यहोवा के साथ हमारा जो रिश्‍ता है, उसे कमज़ोर करने की कोशिश में वह कभी पीछे नहीं हटता। इसके लिए वह आज कई तरीके अपनाता है और चालें चलता है, जो हज़ारों सालों से वह आज़माता आया है। आइए उसकी कुछ चालों के बारे में देखें।

7. शैतान हम पर मुसीबतें क्यों लाता है?

7 प्रेषित यूहन्‍ना ने लिखा, “सारी दुनिया शैतान के कब्ज़े में पड़ी हुई है।” (1 यूहन्‍ना 5:19) शैतान ने इस पूरे दुष्ट संसार को अपने कब्ज़े में कर रखा है और वह यहोवा के लोगों को भी अपने कब्ज़े में करना चाहता है। (मीका 4:1; यूहन्‍ना 15:19; प्रकाशितवाक्य 12:12, 17) वह जानता है कि उसके पास ज़्यादा समय नहीं बचा, इसलिए वह हममें से हर एक पर मुसीबतें लाता है ताकि हम यहोवा को छोड़ दें। शैतान तरह-तरह की चालें चलता है। वह कभी हम पर सीधे-सीधे तकलीफें लाता है, तो कभी चालाकी से हमें अपने जाल में फँसाता है।

8. हर मसीही को किस बात का एहसास होना चाहिए?

8 इफिसियों 6:12 में लिखा है, ‘हमारी लड़ाई [“कुश्‍ती,” फुटनोट] उन शक्‍तिशाली दुष्ट दूतों से है जो आकाश में हैं।’ यह लड़ाई हर मसीही को लड़नी है। उसे इस बात का एहसास होना चाहिए कि जो कोई यहोवा को अपना जीवन समर्पित करता है, वह इस लड़ाई में शामिल हो जाता है। प्रेषित पौलुस ने इफिसियों की किताब में तीन बार कहा कि मसीहियों को शैतान का ‘डटकर’ सामना करना चाहिए।​—इफिसियों 6:11, 13, 14.

9. शैतान और उसके दूत क्या करने की कोशिश करते हैं?

9 शैतान और उसके दूत हमें फँसाने के लिए तरह-तरह की चाल चलते हैं। अगर हम शैतान की एक चाल का डटकर सामना कर लें, तो इसका यह मतलब नहीं कि हम उसकी दूसरी चाल में नहीं फँस सकते। वह हममें कमज़ोरियाँ ढूँढ़ता रहता है ताकि वह हमें अपनी तरफ खींच ले। मगर हम उसके हाथ में पड़ने से बच सकते हैं, क्योंकि बाइबल में बताया गया है कि शैतान कौन-कौन से फँदे बिछाता है। (2 कुरिंथियों 2:11; “शैतान की चालें” देखिए।) उसका एक फँदा है, ज्योतिष-विद्या और जादू-टोना।

दुष्ट स्वर्गदूतों से कोई नाता मत रखिए

10. (क) कौन-कौन से काम एक इंसान को दुष्ट स्वर्गदूतों के संपर्क में लाते हैं? (ख) इन कामों को यहोवा किस नज़र से देखता है?

10 जादू-टोना, तंत्र-मंत्र करना, टोटका करना, ज्योतिष-विद्या, मरे हुओं से बात करने की कोशिश करना और इस तरह के कई काम एक इंसान को दुष्ट स्वर्गदूतों के संपर्क में लाते हैं। बाइबल में लिखा है कि ये सारे काम “घिनौने” हैं। (व्यवस्थाविवरण 18:10-12; प्रकाशितवाक्य 21:8) अगर कोई इस तरह के काम करे और साथ में यहोवा की उपासना करे, तो यहोवा उसकी उपासना स्वीकार नहीं करेगा। मसीहियों को दुष्ट स्वर्गदूतों से जुड़े किसी भी काम से नाता नहीं रखना चाहिए।​—रोमियों 12:9.

11. अलौकिक बातों की तरफ हमारा रुझान हो, तो क्या हो सकता है?

11 जब शैतान देखता है कि एक इंसान का रुझान अलौकिक बातों की तरफ होने लगा है, तो उसे ज्योतिष-विद्या और जादू-टोने जैसे कामों की तरफ लुभाना शैतान के लिए बहुत आसान हो जाता है। यही वजह है कि हमें दुष्ट स्वर्गदूतों से नाता रखनेवाले किसी भी काम में नहीं उलझना चाहिए, नहीं तो यहोवा के साथ हमारा रिश्‍ता टूट जाएगा।

शैतान की धूर्त चालें

12. शैतान हमारी सोच बदलने की कोशिश कैसे करता है?

12 शैतान लोगों की सोच बदलने की कोशिश करता है। वह धीरे-धीरे उनके मन में अच्छे-बुरे के बारे में शक के बीज बोता है, जिससे उनकी सोच बदल जाती है और एक वक्‍त ऐसा आता है कि वे ‘अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा’ समझने लगते हैं। (यशायाह 5:20) शैतान लोगों के मन में यह बात डालता है कि परमेश्‍वर के स्तरों पर चलना मुमकिन ही नहीं और अगर वे इन स्तरों पर ध्यान ही न दें, तो ज़्यादा खुश रहेंगे।

13. शैतान ने शक के बीज बोने का पैंतरा कैसे अपनाया है?

13 शक के बीज बोना शैतान का एक ऐसा पैंतरा है, जिसमें उसे बहुत कामयाबी मिली है। वह सदियों से ऐसा करता आया है। अदन के बाग में उसने हव्वा के मन में शक पैदा करने के लिए उससे पूछा, “क्या यह सच है कि परमेश्‍वर ने तुमसे कहा है कि तुम इस बाग के किसी भी पेड़ का फल मत खाना?” (उत्पत्ति 3:1) फिर अय्यूब के ज़माने में शैतान ने स्वर्गदूतों के मन में शक पैदा करने की कोशिश की। उनके सामने उसने यहोवा से कहा, “क्या अय्यूब यूँ ही तेरा डर मानता है?” (अय्यूब 1:9) यीशु के बपतिस्मे के बाद शैतान ने उससे कहा, “अगर तू परमेश्‍वर का एक बेटा है, तो इन पत्थरों से बोल कि ये रोटियाँ बन जाएँ।”​—मत्ती 4:3.

14. शैतान जादू-टोने के बारे में लोगों की सोच कैसे बदलता है?

14 आज भी शैतान लोगों के मन में शक के बीज बोता है। वह कई बार ज्योतिष-विद्या या जादू-टोने को ऐसे पेश करता है, जिससे लोग सोचने लगते हैं कि भला इसमें क्या बुराई है। यहाँ तक कि कुछ मसीहियों ने भी इस बात को हलके में लिया और वे इसके खतरे देख नहीं पाए। (2 कुरिंथियों 11:3) हम क्या कर सकते हैं कि हमारे अंदर ऐसी सोच न पैदा हो? आइए, हम ऐसे दो मामलों पर ध्यान दें, जिनमें शैतान हमें धोखा देकर दुष्ट स्वर्गदूतों के चंगुल में फँसा सकता है। वे हैं, मनोरंजन और इलाज।

शैतान हमारी स्वाभाविक इच्छाओं का फायदा उठाता है

15. हम मनोरंजन के ज़रिए दुष्ट स्वर्गदूतों के चंगुल में कैसे फँस सकते हैं?

15 आज कई फिल्मों, वीडियो, टीवी कार्यक्रमों और कंप्यूटर गेम में और वेबसाइट पर जादू, भूत-प्रेत के किस्से या अलौकिक शक्‍तियों की कहानियाँ दिखायी जाती हैं। ऐसी चीज़ें लोग बड़े मज़े-से देखते हैं और इस बात से बेखबर रहते हैं कि वे दुष्ट स्वर्गदूतों के साथ नाता जोड़ रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग जन्म-कुंडलियाँ निकलवाते हैं, हाथ दिखाते हैं, टैरो कार्ड या क्रिस्टल बॉल देखते हैं। इन चीज़ों में जो खतरा है, उस पर शैतान परदा डाल देता है, इसलिए लोगों को ये चीज़ें काफी रोमांचक और रहस्यमयी लगती हैं। वे बड़े चाव से इन्हें देखते हैं और इनसे होनेवाले खतरों से अनजान रहते हैं। एक व्यक्‍ति यह सोच सकता है कि भूत-प्रेतवाली फिल्में या कार्यक्रम देखने में कोई बुराई नहीं, क्योंकि वह खुद तो जादू-टोना नहीं कर रहा। लेकिन इस तरह की सोच बहुत खतरनाक है।​—1 कुरिंथियों 10:12.

16. हमें अलौकिक बातों पर आधारित फिल्मों वगैरह से मनोरंजन क्यों नहीं करना चाहिए?

16 शैतान और उसके दूत हमारे मन के विचार नहीं पढ़ सकते। लेकिन वे गौर करते हैं कि हमारी पसंद-नापसंद क्या है। जैसे, हम जो मनोरंजन करते हैं, उससे वे हमारे बारे में बहुत कुछ भाँप लेते हैं। अगर हम जादू-टोने, तंत्र-मंत्र, वशीकरण, भूत-पिशाच वगैरह पर आधारित फिल्में देखें, संगीत सुनें या किताबें पढ़ें, तो शैतान और उसके दूत देख सकते हैं कि हमें इन बातों में रुचि है। फिर वे हमें जादू-टोने जैसे कामों में और भी उलझाने की कोशिश कर सकते हैं।​—गलातियों 6:7 पढ़िए।

17. अच्छी सेहत पाने की हमारी इच्छा का शैतान फायदा कैसे उठाता है?

17 इलाज के मामले में भी शैतान हमें दुष्ट स्वर्गदूतों के चंगुल में फँसा सकता है। वह कैसे? अच्छी सेहत पाने की इच्छा हर इंसान में होती है और शैतान इसी बात का फायदा उठाता है। हो सकता है कि एक इंसान किसी बड़ी बीमारी का शिकार हो जाए और तरह-तरह का इलाज करवाने पर भी उसे कोई फायदा न हो। (मरकुस 5:25, 26) ऐसे में वह सोच सकता है कि मुझे किसी भी हाल में ठीक होना है और शायद ऐसा इलाज भी करवाने को तैयार हो जाए, जिसमें जादुई ताकत काम करती है। लेकिन एक मसीही को ऐसा कोई इलाज नहीं करवाना चाहिए, जिसमें “जादू-टोना” किया जाता है।​—यशायाह 1:13.

बीमारी के समय यहोवा से मदद माँगिए

18. मसीहियों को किस तरह का इलाज नहीं करवाना चाहिए?

18 प्राचीन इसराएल में कुछ लोग “जादू-टोना” करते थे। यहोवा ने उनसे कहा, “जब तुम मेरे आगे हाथ फैलाओगे, तो मैं अपनी आँखें फेर लूँगा। तुम चाहे जितनी भी प्रार्थना कर लो, मैं तुम्हारी एक न सुनूँगा।” (यशायाह 1:15) ज़रा सोचिए, यहोवा को जादू-टोने से इतनी नफरत है कि वह उन लोगों की प्रार्थनाएँ तक नहीं सुनना चाहता था। इससे हम सीखते हैं कि इस तरह के कामों में उलझने से यहोवा के साथ हमारा जो रिश्‍ता है, वह कमज़ोर पड़ जाता है और हमें यहोवा से मदद नहीं मिलती। बीमारी के दौरान हमें खास तौर पर यहोवा से मदद की ज़रूरत होती है, इसलिए जादू-टोने में उलझकर हमें यहोवा को खुद से दूर नहीं करना चाहिए। (भजन 41:3) कोई इलाज करवाने से पहले हमें पता करना चाहिए कि क्या उसका जादू-टोने या अलौकिक शक्‍तियों से कोई नाता तो नहीं। (मत्ती 6:13) अगर हमें ज़रा भी अंदेशा हो कि ऐसी बातों से नाता है, तो हमें वह इलाज नहीं करवाना चाहिए।​—“इलाज” देखिए।

भूत-प्रेतों की कहानियाँ

19. लोगों में शैतान का डर कैसे समा जाता है?

19 कुछ लोग कहते हैं कि शैतान और दुष्ट आत्माएँ सब वहम है। मगर कुछ लोगों को पूरा यकीन है कि वे सच में होते हैं, क्योंकि उनके साथ कुछ अजीबो-गरीब घटनाएँ हुई हैं। कई लोग भूत-प्रेतों के खौफ में जीते हैं और अंधविश्‍वास की वजह से कई प्रथाओं को मानते हैं, तो कुछ लोग बुरी आत्माओं के किस्से सुनाते हैं कि उन्होंने लोगों के साथ कैसे-कैसे भयानक काम किए हैं। लोग बड़े चाव से इन्हें सुनते हैं और दूसरों को भी बताने में उन्हें मज़ा आता है। ऐसी कहानियों से लोगों के मन में शैतान का डर समा जाता है।

20. शैतान का डर फैलाने में हम उसकी मदद कैसे कर रहे होंगे?

20 शैतान यही चाहता है कि लोग उससे डरें। इसके लिए वह झूठ का सहारा लेता है। (2 थिस्सलुनीकियों 2:9, 10) वह लोगों को उन बातों पर यकीन करवाता है, जो सच नहीं हैं। जिन्हें ज्योतिष-विद्या या जादू-टोने में दिलचस्पी है, उन्हें वह गुमराह करता है। अकसर उन्हें वहम होता है कि उन्होंने कुछ अजीबो-गरीब बात देखी या सुनी है। वे ये किस्से लोगों को बताते हैं। फिर सुननेवाले उन्हें और भी सनसनीखेज़ बनाकर लोगों में फैला देते हैं। हमें इस तरह के किस्से-कहानियाँ नहीं दोहरानी चाहिए, क्योंकि ऐसा करके हम शैतान का डर फैलाने में उसकी मदद कर रहे होंगे।​—यूहन्‍ना 8:44; 2 तीमुथियुस 2:16.

21. भूत-प्रेत की कहानियाँ सुनाने के बजाय हमें किस बारे में बात करनी चाहिए?

21 अगर यहोवा के एक सेवक के साथ पहले कभी ऐसी घटना हुई है, जिसमें दुष्ट दूतों का हाथ था, तो उसे यह किस्सा दूसरों को नहीं सुनाना चाहिए। हमारा ध्यान इस बात पर नहीं होना चाहिए कि शैतान और उसके दूतों के पास कितनी ताकत है, न ही हमें उनसे डरना चाहिए। हमारा ध्यान यीशु पर होना चाहिए और इस बात पर कि यहोवा ने उसे कितनी ताकत दी है। (इब्रानियों 12:2) जब यीशु धरती पर था, तो वह लोगों को राज के संदेश और “परमेश्‍वर के शानदार कामों” के बारे में बताया करता था, न कि दुष्ट स्वर्गदूतों के किस्से।​—प्रेषितों 2:11; लूका 8:1; रोमियों 1:11, 12.

22. आपने क्या करने की ठान ली है?

22 हम यह कभी न भूलें कि शैतान हमें यहोवा से दूर ले जाने की कोशिश करता है। इसके लिए वह हर तरह के पैंतरे अपनाता है। लेकिन हम उसके पैंतरों से अनजान नहीं हैं। हमें दृढ़ निश्‍चय कर लेना चाहिए कि हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिसका ताल्लुक दुष्ट स्वर्गदूतों से हो। शैतान हमारे इस इरादे को कमज़ोर करना चाहता है, मगर हमें उसे ‘कोई मौका’ नहीं देना चाहिए। (इफिसियों 4:27 पढ़िए।) अगर हम शैतान का विरोध करें, तो उसकी एक भी चाल हम पर काम नहीं करेगी। हम यहोवा के साए में महफूज़ रहेंगे।​—इफिसियों 6:11.