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इब्‌लीस कौन है?

इब्‌लीस कौन है?

पाठ ४

इब्‌लीस कौन है?

शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस—वह कहाँ से आया? (१, २)

शैतान लोगों को कैसे भरमाता है? (३-७)

आपको इब्‌लीस का विरोध क्यों करना चाहिए? (७)

१. शब्द “इब्‌लीस” का अर्थ है ऐसा व्यक्‍ति जो दूसरे व्यक्‍ति के बारे में द्वेषपूर्ण झूठ बोलता है। “शैतान” का अर्थ है एक शत्रु या एक विरोधी। परमेश्‍वर के मुख्य शत्रु को ये पद दिए गए हैं। पहले तो, वह स्वर्ग में परमेश्‍वर के साथ एक परिपूर्ण स्वर्गदूत था। लेकिन, बाद में वह ख़ुद को बहुत ज़्यादा समझने लगा और उसने वह उपासना चाही जो उचित रूप से परमेश्‍वर की है।—मत्ती ४:८-१०.

२. इस स्वर्गदूत, शैतान, ने एक सर्प के माध्यम से हव्वा से बात की। उसने उससे झूठ बोलने के द्वारा, उससे परमेश्‍वर की अवज्ञा करवायी। शैतान ने इस प्रकार जिसे परमेश्‍वर की “सर्वसत्ता” कहा जाता है उस पर, या परमप्रधान के रूप में उसके पद पर हमला किया। शैतान ने सवाल किया कि क्या परमेश्‍वर योग्य तरीक़े से और अपनी प्रजा के सर्वोत्तम हित में शासन करता है। शैतान ने यह भी सवाल खड़ा किया कि क्या कोई मानव परमेश्‍वर के प्रति निष्ठावान्‌ रहेगा। ऐसा करने के द्वारा, शैतान ने स्वयं को परमेश्‍वर का शत्रु बना लिया। इसीलिए उसे शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस पुकारा जाने लगा।—उत्पत्ति ३:१-५; अय्यूब १:८-११; प्रकाशितवाक्य १२:९.

३. शैतान छल से लोगों से अपनी उपासना करवाने की कोशिश करता है। (२ कुरिन्थियों ११:३, १४) एक तरीक़ा जिससे वह लोगों को भरमाता है झूठा धर्म  है। यदि एक धर्म परमेश्‍वर के बारे में झूठ सिखाता है, तो वह वास्तव में शैतान के उद्देश्‍य को पूरा करता है। (यूहन्‍ना ८:४४) जो लोग झूठे धर्मों के सदस्य हैं वे शायद सच्चे दिल से विश्‍वास करते हों कि वे सच्चे परमेश्‍वर की उपासना कर रहे हैं। लेकिन वे वास्तव में शैतान की सेवा कर रहे हैं। वह ‘इस संसार का ईश्‍वर’ है।—२ कुरिन्थियों ४:४.

४. प्रेतात्मवाद  एक और तरीक़ा है जिससे शैतान लोगों को अपने प्रभाव के अधीन लाता है। ये लोग शायद उनकी रक्षा करने, दूसरों को हानि पहुँचाने, भविष्य पूर्वबताने, या चमत्कार करने के लिए आत्माओं से निवेदन करें। शैतान वह दुष्ट शक्‍ति है जो इन सभी कार्यों के पीछे है। परमेश्‍वर को प्रसन्‍न करने के लिए, हमें प्रेतात्मवाद से कोई वास्ता नहीं रखना है।—व्यवस्थाविवरण १८:१०-१२; प्रेरितों १९:१८, १९.

५. शैतान अत्यधिक जाति के गर्व और राजनैतिक संगठनों की उपासना  के माध्यम से भी लोगों को भरमाता है। कुछ लोग महसूस करते हैं कि उनका राष्ट्र या जाति दूसरों से बेहतर है। लेकिन यह सच नहीं है। (प्रेरितों १०:३४, ३५) अन्य लोग मनुष्य की समस्याओं को सुलझाने के लिए राजनैतिक संगठनों की ओर ताकते हैं। ऐसा करने के द्वारा, वे परमेश्‍वर के राज्य को ठुकरा रहे हैं। हमारी समस्याओं का यही एकमात्र हल है।—दानिय्येल २:४४.

६. लोगों को भरमाने का शैतान का एक और तरीक़ा है उन्हें पापपूर्ण अभिलाषाओं  से प्रलोभित करना। यहोवा हमसे कहता है कि पापपूर्ण कार्यों से दूर रहें क्योंकि वह जानता है कि उनसे हमें चोट पहुँचेगी। (गलतियों ६:७, ८) कुछ लोग शायद चाहें कि ऐसे कार्यों में आप उनके साथ हो लें। लेकिन, याद रखिए, वास्तव में यह शैतान है जो चाहता है कि आप ऐसे काम करें।—१ कुरिन्थियों ६:९, १०; १५:३३.

७. यहोवा को छोड़ने के लिए आपको उकसाने के वास्ते शैतान शायद सताहट या विरोध  का प्रयोग करे। आपके कुछ प्रियजन शायद बहुत गुस्सा हो जाएँ क्योंकि आप बाइबल का अध्ययन कर रहे हैं। दूसरे शायद आपका मज़ाक उड़ाएँ। लेकिन आप अपने जीवन के लिए किसके कर्ज़दार हैं? शैतान आपको डराना चाहता है ताकि आप यहोवा के बारे में सीखना बन्द कर दें। शैतान को जीतने मत दीजिए! (मत्ती १०:३४-३९; १ पतरस ५:८, ९) इब्‌लीस का विरोध करने के द्वारा, आप यहोवा को आनन्दित कर सकते हैं और दिखा सकते हैं कि आप उसकी सर्वसत्ता का समर्थन करते हैं।—नीतिवचन २७:११.

[पेज ९ पर तसवीरें]

झूठा धर्म, प्रेतात्मवाद, और राष्ट्रीयवाद लोगों को भरमाते हैं

[पेज ९ पर तसवीर]

यहोवा के बारे में सीखना जारी रखने के द्वारा शैतान का विरोध कीजिए