इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

परमेश्‍वर की इच्छा करने के लिए दूसरों की मदद करना

परमेश्‍वर की इच्छा करने के लिए दूसरों की मदद करना

पाठ १५

परमेश्‍वर की इच्छा करने के लिए दूसरों की मदद करना

आप जो सीख रहे हैं उसके बारे में दूसरों को क्यों बताएँ? (१)

आप किसके साथ सुसमाचार बाँट सकते हैं? (२)

आपके आचरण का दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? (२)

आप कलीसिया के साथ कब प्रचार कर सकते हैं? (३)

१. अब तक आपने बाइबल से अनेक अच्छी बातें सीखी हैं। यह ज्ञान आपका मसीही व्यक्‍तित्व को विकसित करने का कारण होना चाहिए। (इफिसियों ४:२२-२४) अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए ऐसा ज्ञान आपके लिए आवश्‍यक है। (यूहन्‍ना १७:३) लेकिन, दूसरों को भी सुसमाचार सुनने की ज़रूरत है ताकि वे भी उद्धार प्राप्त कर सकें। सभी सच्चे मसीहियों को दूसरों को गवाही देनी चाहिए। यह परमेश्‍वर की आज्ञा है।—रोमियों १०:१०; १ कुरिन्थियों ९:१६; १ तीमुथियुस ४:१६.

२. जो आपके क़रीब हैं उनके साथ जिन अच्छी बातों को आप सीख रहे हैं उन्हें बाँटने के द्वारा आप शुरूआत कर सकते हैं। इन्हें अपने परिवार, दोस्तों, सहपाठियों और साथ काम करनेवालों को बताइए। जब आप ऐसा करते हैं तो कृपालु और धीरजवन्त रहिए। (२ तीमुथियुस २:२४, २५) याद रखिए कि लोग अकसर कोई व्यक्‍ति जो बोलता है उसे सुनने से ज़्यादा उसके आचरण को देखते हैं। सो आपका अच्छा आचरण, दूसरों को वह संदेश सुनने के लिए आकर्षित कर सकता है जो आप उन्हें बताते हैं।—मत्ती ५:१६; १ पतरस ३:१, २, १६.

३. कुछ समय में, आप शायद यहोवा के साक्षियों की स्थानीय कलीसिया के साथ प्रचार शुरू करने के योग्य हों। यह आपकी प्रगति में एक महत्त्वपूर्ण क़दम है। (मत्ती २४:१४) यह क्या ही आनन्द की बात होगी यदि आप किसी और व्यक्‍ति को यहोवा का सेवक बनने और अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मदद करने में समर्थ होते!—१ थिस्सलुनीकियों २:१९, २०.