परमेश्वर कौन है?
पाठ २
परमेश्वर कौन है?
सच्चा परमेश्वर कौन है, और उसका नाम क्या है? (१, २)
उसका शरीर किस प्रकार का है? (३)
उसके श्रेष्ठ गुण कौन-से हैं? (४)
उसकी उपासना में क्या हमें मूर्तियों और प्रतीकों का प्रयोग करना चाहिए? (५)
किन दो तरीक़ों से हम परमेश्वर के बारे में सीख सकते हैं? (६)
१. लोग अनेक वस्तुओं को पूजते हैं। लेकिन बाइबल हमें बताती है कि केवल एक सच्चा परमेश्वर है। उसने स्वर्ग में और पृथ्वी पर सब कुछ सृष्ट किया। उसने हमें जीवन दिया, इसलिए केवल वही है जिसकी उपासना हमें करनी चाहिए।—१ कुरिन्थियों ८:५, ६; प्रकाशितवाक्य ४:११.
२. परमेश्वर की अनेक उपाधियाँ हैं लेकिन केवल एक नाम है। वह नाम है यहोवा। अधिकांश बाइबलों में, परमेश्वर के नाम को निकाल दिया गया है और उसका स्थान प्रभु या परमेश्वर इन उपाधियों को दिया गया है। लेकिन जब बाइबल लिखी गयी थी, तो यहोवा यह नाम उसमें कुछ ७,००० बार था!—निर्गमन ३:१५; भजन ८३:१८.
३. यहोवा का एक शरीर है, लेकिन वह हमारे शरीर जैसा नहीं है। “परमेश्वर आत्मा है,” बाइबल कहती है। (यूहन्ना ४:२४) आत्मा ऐसा जीवन-स्वरूप है जो हमारे जीवन-स्वरूप से बहुत ऊँचा है। किसी मनुष्य ने परमेश्वर को कभी नहीं देखा। यहोवा स्वर्ग में रहता है, लेकिन वह सब कुछ देख सकता है। (भजन ११:४, ५; यूहन्ना १:१८) तथापि, पवित्र आत्मा क्या है? यह परमेश्वर की तरह एक व्यक्ति नहीं है। इसके बजाय, यह परमेश्वर की सक्रिय शक्ति है।—भजन १०४:३०.
४. बाइबल हम पर यहोवा का व्यक्तित्व प्रकट करती है। यह दिखाती है कि उसके श्रेष्ठ गुण हैं प्रेम, न्याय, बुद्धि और सामर्थ्य। (व्यवस्थाविवरण ३२:४; अय्यूब १२:१३; यशायाह ४०:२६; १ यूहन्ना ४:८) बाइबल हमें यह बताती है कि वह दयालु, कृपालु, क्षमाशील, उदार, और धीरजवन्त भी है। आज्ञाकारी बच्चों की तरह, हमें उसके सदृश्य बनने की कोशिश करनी चाहिए।—इफिसियों ५:१, २.
५. अपनी उपासना में क्या हमें मूर्तियों, तस्वीरों, या प्रतीकों के सामने झुकना या उनसे प्रार्थना करनी चाहिए? नहीं! (निर्गमन २०:४, ५) यहोवा कहता है कि हमें केवल उसकी उपासना करनी चाहिए। वह अपनी महिमा किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु के साथ नहीं बाँटेगा। मूर्तियों में हमारी मदद करने की शक्ति नहीं होती।—भजन ११५:४-८; यशायाह ४२:८.
६. हम परमेश्वर को बेहतर रीति से कैसे जान सकते हैं? एक तरीक़ा है उन वस्तुओं को ध्यान से देखने के द्वारा जो उसने सृष्ट की हैं और इस बारे में गहराई से सोचने के द्वारा कि वे हमसे क्या कहती हैं। परमेश्वर की सृष्टि हमें दिखाती है कि उसके पास असाधारण शक्ति और बुद्धि है। उसने जो कुछ बनाया है उन सब में हम उसका प्रेम देखते हैं। (भजन १९:१-६; रोमियों १:२०) एक और तरीक़ा जिससे हम परमेश्वर के बारे में सीख सकते हैं वह है बाइबल का अध्ययन करने के द्वारा। उसमें वह कैसा परमेश्वर है इसके बारे में वह हमें और काफ़ी कुछ बताता है। वह हमें अपने उद्देश्य के बारे में और हमसे कौन-से कार्य चाहता है इसके बारे में भी बताता है।—आमोस ३:७; २ तीमुथियुस ३:१६, १७.
[पेज ५ पर तसवीरें]
हम सृष्टि और बाइबल से परमेश्वर के बारे में सीखते हैं