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परमेश्‍वर क्या माँग करता है यह आप कैसे पता लगा सकते हैं

परमेश्‍वर क्या माँग करता है यह आप कैसे पता लगा सकते हैं

पाठ १

परमेश्‍वर क्या माँग करता है यह आप कैसे पता लगा सकते हैं

बाइबल में कौन-सी महत्त्वपूर्ण जानकारी है? (१)

बाइबल का रचयिता कौन है? (२)

आपको बाइबल का अध्ययन क्यों करना चाहिए? (३)

१. बाइबल परमेश्‍वर की ओर से एक क़ीमती तोहफ़ा है। यह एक प्रेममय पिता द्वारा अपने बच्चों को लिखी एक चिट्ठी की तरह है। यह हमें परमेश्‍वर के बारे में सत्य बताती है—वह कौन है और उसके स्तर क्या हैं। यह समझाती है कि समस्याओं का सामना कैसे करें और सच्ची ख़ुशी कैसे पाएँ। केवल बाइबल हमें बताती है कि परमेश्‍वर को प्रसन्‍न करने के लिए हमें क्या करना चाहिए।—भजन १:१-३; यशायाह ४८:१७, १८.

२. बाइबल को कुछ ४० भिन्‍न व्यक्‍तियों द्वारा १,६०० वर्षों की अवधि के दौरान लिखा गया था, जो सा.यु.पू. १५१३ से शुरू हुई। यह ६६ छोटी पुस्तकों से बनी है। जिन्होंने बाइबल लिखी वे परमेश्‍वर द्वारा प्रेरित किए गए थे। उन्होंने उसके विचार लिखे, ना कि अपने। सो स्वर्ग में परमेश्‍वर, ना कि पृथ्वी पर कोई मनुष्य, बाइबल का रचयिता है।—२ तीमुथियुस ३:१६, १७; २ पतरस १:२०, २१.

३. परमेश्‍वर ने निश्‍चित किया कि बाइबल की ज्यों-की-त्यों नक़ल की जाए और उसे सुरक्षित रखा जाए। किसी भी अन्य पुस्तक से ज़्यादा बाइबलें छापी गयी हैं। आपको बाइबल का अध्ययन करता देखकर हरेक व्यक्‍ति ख़ुश नहीं होगा, लेकिन यह बात आपको रोकने न पाए। किसी भी विरोध के बावजूद, परमेश्‍वर को जानने और उसकी इच्छा करने पर आपका अनन्त भविष्य निर्भर करता है।—मत्ती ५:१०-१२; यूहन्‍ना १७:३.