पारिवारिक जीवन जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है
पाठ ८
पारिवारिक जीवन जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है
परिवार में पति का स्थान क्या है? (१)
एक पति को अपनी पत्नी से कैसा व्यवहार करना चाहिए? (२)
एक पिता की ज़िम्मेदारियाँ क्या हैं? (३)
परिवार में पत्नी की भूमिका क्या है? (४)
परमेश्वर माता-पिता और बच्चों से क्या माँग करता है? (५)
अलगाव और तलाक़ के बारे में बाइबल का दृष्टिकोण क्या है? (६, ७)
१. बाइबल कहती है कि पति अपने परिवार का सिर है। (१ कुरिन्थियों ११:३) एक पति की केवल एक पत्नी होनी चाहिए। उन्हें कानून की नज़रों में उचित रूप से विवाहित होना चाहिए।—१ तीमुथियुस ३:२; तीतुस ३:१.
२. एक पति को अपनी पत्नी से वैसे ही प्रेम करना चाहिए जैसे वह ख़ुद से करता है। उसे अपनी पत्नी से वैसा व्यवहार करना चाहिए जैसे यीशु अपने अनुयायियों से व्यवहार करता है। (इफिसियों ५:२५, २८, २९) उसे कभी अपनी पत्नी को पीटना नहीं चाहिए या उससे किसी भी तरह से दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, उसे उसका सम्मान और आदर करना चाहिए।—कुलुस्सियों ३:१९; १ पतरस ३:७.
३. एक पिता को अपने परिवार की देखभाल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उसे अपनी पत्नी और बच्चों के लिए रोटी, कपड़े और मकान का प्रबन्ध करना चाहिए। एक पिता को अपने परिवार की आध्यात्मिक ज़रूरतों को भी पूरा करना चाहिए। (१ तीमुथियुस ५:८) वह अपने परिवार को परमेश्वर और उसके उद्देश्यों के बारे में सीखने के लिए मदद करने में अगुवाई लेता है।—व्यवस्थाविवरण ६:४-९; इफिसियों ६:४.
४. एक पत्नी को अपने पति की एक अच्छी सहायक होना चाहिए। (उत्पत्ति २:१८) उसे बच्चों को सिखाने और प्रशिक्षण देने में अपने पति की सहायता करनी चाहिए। (नीतिवचन १:८) यहोवा माँग करता है कि एक पत्नी अपने परिवार की देखभाल प्रेमपूर्वक करे। (नीतिवचन ३१:१०, १५, २६, २७; तीतुस २:४, ५) उसे अपने पति के लिए गहरा आदर होना चाहिए।—इफिसियों ५:२२, २३, ३३.
इफिसियों ६:१-३) वह माता-पिता से अपेक्षा करता है कि अपने बच्चों को सिखाएँ और सुधारें। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताने और उनके साथ बाइबल का अध्ययन करने, और इस प्रकार उनकी आध्यात्मिक और भावात्मक ज़रूरतों को पूरा करने की ज़रूरत है। (व्यवस्थाविवरण ११:१८, १९; नीतिवचन २२:६, १५) माता-पिता को कभी-भी कठोर या क्रूर तरीक़े से अपने बच्चों को अनुशासन नहीं देना चाहिए।—कुलुस्सियों ३:२१.
५. परमेश्वर बच्चों से माँग करता है कि अपने माता-पिता की आज्ञा मानें। (६. जब विवाह-साथियों की एक दूसरे से नहीं बनती, तो उन्हें बाइबल की सलाह को लागू करने की कोशिश करनी चाहिए। बाइबल हम से आग्रह करती है कि प्रेम दिखाएँ और क्षमाशील हों। (कुलुस्सियों ३:१२-१४) परमेश्वर का वचन छोटी-मोटी समस्याओं को सुलझाने के तरीक़े के रूप में अलगाव को बढ़ावा नहीं देता। लेकिन एक पत्नी शायद अपने पति को छोड़ने का चुनाव करे यदि (१) वह कठोरतापूर्वक अपने परिवार को सहारा देने से इनकार कर देता है, (२) वह इतना हिंसक है कि पत्नी का स्वास्थ्य और जीवन ख़तरे में है, या (३) उसके पति का तीव्र विरोध उसके लिए यहोवा की उपासना करना असंभव कर देता है।—१ कुरिन्थियों ७:१२, १३.
७. विवाह-साथियों को एक दूसरे के प्रति वफ़ादार रहना चाहिए। परस्त्रीगमन परमेश्वर के विरुद्ध और अपने साथी के विरुद्ध पाप है। (इब्रानियों १३:४) विवाह के बाहर मैथुनिक सम्बन्ध, तलाक़ के लिए एकमात्र शास्त्रीय आधार है जिसके बाद पुनःविवाह संभव है। (मत्ती १९:६-९; रोमियों ७:२, ३) यहोवा इससे घृणा करता है जब लोग बिना शास्त्रीय आधार के तलाक़ ले लेते हैं और किसी और से विवाह करते हैं।—मलाकी २:१४-१६.
[पेज १६, १७ पर तसवीरें]
परमेश्वर माता-पिता से अपेक्षा करता है कि अपने बच्चों को सिखाएँ और उन्हें सुधारें
[पेज १७ पर तसवीर]
एक प्रेमपूर्ण पिता अपने परिवार के लिए भौतिक और आध्यात्मिक रूप से प्रबन्ध करता है