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पृथ्वी के लिए परमेश्‍वर का उद्देश्‍य क्या है?

पृथ्वी के लिए परमेश्‍वर का उद्देश्‍य क्या है?

पाठ ५

पृथ्वी के लिए परमेश्‍वर का उद्देश्‍य क्या है?

यहोवा ने पृथ्वी की सृष्टि क्यों की? (१, २)

पृथ्वी अब एक परादीस क्यों नहीं है? (३)

दुष्ट लोगों का क्या होगा? (४)

भविष्य में, यीशु बीमारों, वृद्धजनों, और मृतकों के लिए क्या करेगा? (५, ६)

भावी आशीषों में भाग लेने के लिए, आपको क्या करने की ज़रूरत है? (७)

१. यहोवा ने इस पृथ्वी की सृष्टि की ताकि मनुष्य इस पर सर्वदा जीवित रहने का आनन्द उठा सकें। वह चाहता था कि पृथ्वी हमेशा धर्मी, आनन्दित लोगों से बसी रहे। (भजन ११५:१६; यशायाह ४५:१८) पृथ्वी कभी नाश नहीं की जाएगी; यह सर्वदा के लिए बनी रहेगी।—भजन १०४:५; सभोपदेशक १:४.

२. परमेश्‍वर ने मनुष्य को बनाने से पहले, पृथ्वी का एक छोटा भाग चुना और उसे एक रमणीय परादीस का रूप दिया। उसने उसे अदन की वाटिका कहा। यहीं पर उसने पहले पुरुष और स्त्री, आदम और हव्वा को रखा। परमेश्‍वर का उनके लिए उद्देश्‍य था कि वे बच्चे पैदा करें और पूरी पृथ्वी को भर दें। धीरे-धीरे वे सारी पृथ्वी को एक परादीस का रूप देते।—उत्पत्ति १:२८; २:८, १५.

३. आदम और हव्वा ने परमेश्‍वर के नियम को जानबूझकर तोड़ने के द्वारा पाप किया। सो यहोवा ने उन्हें अदन की वाटिका से बाहर निकाल दिया। परादीस गवाँ दिया गया। (उत्पत्ति ३:१-६, २३) लेकिन यहोवा इस पृथ्वी के लिए अपने उद्देश्‍य को भूला नहीं है। वह प्रतिज्ञा करता है कि इसे एक परादीस का रूप देगा, जहाँ मनुष्य सर्वदा के लिए जीएँगे। वह यह कैसे करेगा?—भजन ३७:२९.

४. इस पृथ्वी का एक परादीस बनने से पहले, दुष्ट लोगों का निकाला जाना ज़रूरी है। (भजन ३७:३८) यह हरमगिदोन में होगा, जो दुष्टता का अन्त करने के लिए परमेश्‍वर का युद्ध है। उसके बाद, शैतान को १,००० वर्ष के लिए क़ैद किया जाएगा। इसका अर्थ है कि पृथ्वी को बिगाड़ने के लिए कोई दुष्ट जन नहीं रहेंगे। केवल परमेश्‍वर के लोग जीवित बचेंगे।—प्रकाशितवाक्य १६:१४, १६; २०:१-३.

५. उसके बाद यीशु मसीह १,००० वर्ष के लिए इस पृथ्वी पर एक राजा की हैसियत से शासन करेगा। (प्रकाशितवाक्य २०:६) वह धीरे-धीरे हमारे मन और शरीर से पाप निकाल देगा। हम परिपूर्ण मानव बन जाएँगे ठीक जैसे आदम और हव्वा उनके पाप करने से पहले थे। उसके बाद फिर बीमारी, वृद्धावस्था, और मुत्यु नहीं रहेगी। बीमारों को चंगा किया जाएगा, और वृद्ध व्यक्‍ति फिर से जवान हो जाएँगे।—अय्यूब ३३:२५; यशायाह ३३:२४; प्रकाशितवाक्य २१:३, ४.

६. यीशु के हज़ार वर्ष के शासन के दौरान, विश्‍वासी मनुष्य पूरी पृथ्वी को एक परादीस में परिवर्तित करने के लिए कार्य करेंगे। (लूका २३:४३) साथ ही, लाखों मृतजनों को पृथ्वी पर मानव जीवन के लिए पुनरुत्थित किया जाएगा। (प्रेरितों २४:१५) यदि वे वह करें जो परमेश्‍वर उनसे माँग करता है, तो वे पृथ्वी पर सर्वदा के लिए जीना जारी रखेंगे। यदि नहीं, तो वे सर्वदा के लिए नाश किए जाएँगे।—यूहन्‍ना ५:२८, २९; प्रकाशितवाक्य २०:११-१५.

७. इस प्रकार पृथ्वी के लिए परमेश्‍वर का मूल उद्देश्‍य सफल होगा। क्या आप इन भावी आशीषों में भाग लेना चाहेंगे? यदि हाँ, तो आपको यहोवा के बारे में सीखते रहने की और उसकी माँगों को पूरा करने की ज़रूरत है। यहोवा के साक्षियों के स्थानीय सभागृह की सभाओं में उपस्थित होना आपको ऐसा करने में मदद देगा।—यशायाह ११:९; इब्रानियों १०:२४, २५.

[पेज १० पर तसवीर]

परादीस गवाँया गया

[पेज ११ पर तसवीरें]

हरमगिदोन के बाद, पृथ्वी को एक परादीस का रूप दिया जाएगा