भाग 6 में क्या है
जब इसराएली आखिरकार वादा किए गए देश में पहुँच गए तब वहाँ पवित्र डेरा, सच्ची उपासना की खास जगह बन गया। याजक, लोगों को कानून सिखाते थे और न्यायी, राष्ट्र को सही राह दिखाते थे। इस भाग में दी कहानियाँ दिखाती हैं कि एक इंसान के फैसलों और कामों का दूसरों पर बहुत गहरा असर हो सकता है। हर इसराएली को यहोवा और अपने साथी इसराएलियों का वफादार रहना था। समझाइए कि दबोरा, नाओमी, यहोशू, हन्ना, यिप्तह की बेटी और शमूएल के कामों का कैसे उनके लोगों पर असर हुआ। ज़ोर देकर बताइए कि ऐसे कुछ लोग ने भी, जो इसराएली नहीं थे, इसराएलियों का साथ देने का फैसला किया क्योंकि वे जान गए थे कि परमेश्वर इसराएलियों के साथ है। उनमें से कुछ थे राहाब, रूत, याएल और गिबोनी लोग।
इस भाग में
पाठ 29
यहोवा ने यहोशू को चुना
परमेश्वर ने यहोशू को ऐसी हिदायतें दीं जिन्हें मानने से आज हमें भी फायदा हो सकता है।
पाठ 30
राहाब ने जासूसों को छिपाया
यरीहो की दीवारें टूटकर गिर गयीं, मगर राहाब के घर को कुछ नहीं हुआ, इसके बावजूद कि वह दीवार पर बना था।
पाठ 31
यहोशू और गिबोनी लोग
यहोशू ने परमेश्वर से प्रार्थना की, ‘सूरज थम जाए!’ क्या परमेश्वर ने इस प्रार्थना का जवाब दिया?
पाठ 32
एक नया अगुवा और दो बहादुर औरतें
यहोशू की मौत के बाद इसराएली मूर्तिपूजा करने लगे। उनकी ज़िंदगी में मुश्किलें आ गयीं, मगर उन्हें न्यायी बाराक, भविष्यवक्तिन दबोरा और याएल के ज़रिए मदद दी गयी।
पाठ 33
रूत और नाओमी
दो औरतें, जिनके पति की मौत हो चुकी थी, इसराएल लौट गयीं। उनमें से एक औरत रूत खेतों में काम करने गयी जहाँ बोअज़ ने उसे देखा।
पाठ 34
गिदोन ने मिद्यानी लोगों को हराया
जब मिद्यानियों ने इसराएलियों का जीना मुश्किल कर दिया तो इसराएलियों ने यहोवा से मदद की बिनती की। गिदोन की छोटी सेना ने दुश्मन के 1,35,000 सैनिकों को कैसे हराया?
पाठ 35
हन्ना ने एक बेटे के लिए प्रार्थना की
एलकाना हन्ना, पनिन्ना और बच्चों को शीलो ले जाता था ताकि वे पवित्र डेरे के पास उपासना कर सकें। वहाँ हन्ना ने एक बेटे के लिए प्रार्थना की। अगले साल उसने शमूएल को जन्म दिया!
पाठ 37
यहोवा ने शमूएल से बात की
महायाजक एली के दो बेटे पवित्र डेरे में याजक का काम करते थे, मगर वे परमेश्वर के नियम नहीं मानते थे। छोटा शमूएल उनसे अलग था। यहोवा ने उससे बात की।
पाठ 38
यहोवा ने शिमशोन को ताकतवर बनाया
परमेश्वर ने शिमशोन को ताकतवर बनाया ताकि वह पलिश्तियों से लड़े। मगर फिर उसने एक गलत फैसला किया जिस वजह से पलिश्तियों ने उसे पकड़ लिया।