कहानी 58
दाविद और गोलियत का मुकाबला
एक बार फिर पलिश्ती इस्राएलियों से लड़ने के लिए पहुँचे। उस वक्त दाऊद के तीन बड़े भाई शाऊल की सेना में भर्ती थे। इसलिए एक दिन दाऊद के पिता, यिशै ने उससे कहा: ‘अपने भाइयों के पास थोड़ा अनाज और कुछ रोटियाँ लेकर जाओ और देखो कि वे कैसे हैं।’
जब दाऊद सेना की छावनी में पहुँचा, तो वह अपने भाइयों को ढूँढ़ता-ढूँढ़ता लड़ाई के मैदान में जा पहुँचा। वहाँ दाऊद ने देखा कि एक बहुत ही लंबा-चौड़ा पलिश्ती सैनिक इस्राएलियों का मज़ाक उड़ा रहा है। वह पलिश्ती पिछले 40 दिनों से सुबह-शाम यही कर रहा था। वह इस्राएलियों को ललकारता: ‘ऐ इस्राएलियो, तुम अपना कोई भी आदमी मुझसे लड़ने के लिए भेजो। अगर उसने मुझे हरा दिया और मुझे मार डाला, तो हम तुम्हारे गुलाम बन जाएँगे। लेकिन अगर मैं जीत गया, तो तुम लोगों को हमारा गुलाम बनना पड़ेगा। मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ, तुम जिसे चाहो मुझसे लड़ने को भेज सकते हो।’
यह सब देखकर दाऊद ने कुछ सैनिकों से पूछा: ‘जो आदमी इस पलिश्ती को मार डालेगा और इस्राएलियों को शर्मिंदा होने से बचाएगा, उसे क्या इनाम मिलेगा?’
एक सैनिक ने कहा: ‘शाऊल उस आदमी को बहुत सारी धन-दौलत देगा और उसके साथ अपनी बेटी की शादी करा देगा।’
लेकिन गोलियत का मुकाबला करने की हिम्मत किसी में नहीं थी। उसे देखते ही सारे इस्राएलियों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती थी। वह 9 फुट से भी ज़्यादा लंबा था! उसके आगे-आगे एक सैनिक उसकी ढाल लेकर चलता था।
जब दाऊद ने गोलियत से लड़ने की बात कही, तो कुछ सैनिकों ने यह खबर राजा शाऊल को दी। शाऊल ने दाऊद से कहा: ‘तुम उससे कैसे लड़ सकते हो, तुम तो बहुत छोटे हो। जबकि वह पलिश्ती तो कई सालों से लड़ाई कर रहा है।’ दाऊद ने कहा: ‘मैं एक शेर और एक भालू को मार चुका हूँ, जो मेरे पिता की भेड़ें उठा ले गए थे। इस पलिश्ती का हाल भी उनकी तरह हो जाएगा। इस काम में यहोवा मेरी मदद करेगा।’ तब शाऊल ने दाऊद से कहा: ‘जाओ, यहोवा तुम्हारे साथ रहे।’
तब दाऊद नदी के किनारे गया और वहाँ से उसने पाँच चिकने पत्थर उठाकर अपनी थैली में रख लिए। फिर उसने अपना गोफन लिया और गोलियत से लड़ने के लिए चल पड़ा। जब गोलियत ने दाऊद को देखा, तो उसे लगा कि दाऊद को मारना तो बहुत आसान है।
गोलियत ने दाऊद से कहा: ‘मेरे पास तो आ, मैं तुझे मारकर तेरी लाश चिड़ियों और जानवरों को खिला दूँगा।’ तब दाऊद ने कहा: ‘तू तलवार, भाला और बरछा लेकर मुझ से लड़ने आ रहा है, लेकिन मैं यहोवा के नाम से तुझसे लड़ने आ रहा हूँ। आज के दिन यहोवा तुझे मेरे हाथ में कर देगा और मैं तुझे खत्म कर दूँगा।’
इतना कहकर दाऊद गोलियत की तरफ दौड़ा। उसने अपनी थैली में से एक चिकना पत्थर निकाला, उसे अपने गोफन में रखा और पूरा ज़ोर लगाकर गोलियत की तरफ फेंका। वह पत्थर सीधे गोलियत के माथे में घुस गया और वह उसी वक्त गिरकर मर गया! जब पलिश्तियों ने देखा कि उनका बहादुर आदमी ज़मीन पर पड़ा है, तो वे सब-के-सब दुम दबाकर भाग गए। इस्राएलियों ने उनका पीछा किया और उन्हें हरा दिया।