कहानी 62
दाविद के परिवार पर आयी मुसीबतें
दाऊद जब से यरूशलेम में राज्य करने लगा, तब से यहोवा ने उसे दुश्मनों पर एक-के-बाद-एक कई जीत दिलायीं। आखिर यहोवा ने इस्राएलियों को कनान देश देने का अपना वादा पूरा किया। उसकी मदद से अब पूरा कनान देश इस्राएलियों का था।
दाऊद एक अच्छा राजा था। वह यहोवा से बहुत प्यार करता था। इसलिए यरूशलेम पर कब्ज़ा करने के बाद, वह सबसे पहले यहोवा का वाचा का संदूक वहाँ ले आया। उसके बाद वाचा का संदूक रखने के लिए उसने एक मंदिर बनाने की सोची।
लेकिन कुछ साल बाद दाऊद ने एक बड़ी गलती की। वह जानता था कि दूसरों की चीज़ लेना गलत है। फिर भी उसने ऐसा किया। जानते हैं कैसे? एक दिन शाम को जब वह अपने महल की छत पर टहल रहा था, तो अचानक उसकी नज़र एक खूबसूरत स्त्री पर पड़ी। उस स्त्री का नाम था, बतशेबा और उसके पति का नाम ऊरिय्याह था, जो दाऊद का एक सैनिक था।
दाऊद को बतशेबा इतनी पसंद आ गयी कि उसने बतशेबा को अपने महल में बुला लिया। उस वक्त बतशेबा का पति दूर लड़ाई के मैदान में था। इसलिए दाऊद बतशेबा के साथ सो गया। बाद में बतशेबा को पता चला कि वह माँ बननेवाली है। जब दाऊद को इस बात की खबर मिली, तो वह डर गया। उसने अपने सेनापति योआब को एक संदेश भेजा। उसमें दाऊद ने ऊरिय्याह को लड़ाई में सबसे आगे खड़ा करने के लिए कहा, जिससे कि वह मार डाला जाए। जब ऊरिय्याह मर गया, तब दाऊद ने बतशेबा से शादी कर ली।
इससे यहोवा को दाऊद पर बड़ा गुस्सा आया। यहोवा ने अपने एक सेवक नातान को दाऊद के पास भेजा, ताकि वह दाऊद को उसकी गलती बताए। आप इस तसवीर में नातान को दाऊद से बात करते हुए देख सकते हैं। दाऊद को अपनी गलती पर बहुत पछतावा हुआ। इसलिए यहोवा ने उसे मौत की सज़ा नहीं दी। लेकिन यहोवा ने उससे कहा: ‘तुमने बहुत गलत काम किए हैं, इसलिए तुम्हारे परिवार पर कई मुसीबतें आएँगी।’ और वही हुआ!
सबसे पहले, दाऊद और बतशेबा का पहला बेटा मर गया। फिर दाऊद का बड़ा बेटा अम्नोन अपनी बहन तामार को अकेली पाकर उसके साथ ज़बरदस्ती सो गया। इस वजह से दाऊद के दूसरे बेटे अबशालोम को इतना गुस्सा आया कि उसने अम्नोन को मार डाला। आगे जाकर अबशालोम ने इस्राएल के लोगों का दिल जीत लिया और खुद को राजा बना लिया। तब दाऊद को अबशालोम से लड़ाई करनी पड़ी, जिसमें अबशालोम मारा गया और दाऊद की जीत हुई। वाकई, दाऊद को कितनी परेशानियाँ झेलनी पड़ीं।
इस बीच बतशेबा ने एक और बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम सुलैमान रखा गया। जब दाऊद बूढ़ा हुआ और बीमार हो गया, तब उसके बेटे अदोनिय्याह ने उसकी गद्दी हड़पने की कोशिश की। इस पर दाऊद ने सादोक याजक को सुलैमान के सिर पर तेल उँडेलने के लिए कहा। ऐसा उसने इसलिए किया, ताकि सबको पता चल जाए कि अगला राजा सुलैमान ही बनेगा। फिर दाऊद की मौत हो गयी। उस वक्त वह 70 साल का था। उसने इस्राएल पर 40 साल तक राज किया। उसके बाद सुलैमान इस्राएल का राजा बना।