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कहानी 71

परमेश्‍वर का वादा—धरती पर फिरदौस

परमेश्‍वर का वादा—धरती पर फिरदौस

कितनी सुंदर तसवीर है यह, है ना? परमेश्‍वर ने शायद ऐसी ही तसवीर अपने नबी यशायाह को दिखायी होगी। यशायाह, योना की मौत के कुछ समय बाद जीया था। जानते हैं यह कहाँ की तसवीर है? यह फिरदौस की तसवीर है।

फिरदौस? इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है, “बगीचा” या “पार्क।” क्या इससे आपको इस किताब की कोई और तसवीर याद आयी? क्या यह तसवीर उस सुंदर बगीचे की तरह नहीं दिखती, जो यहोवा परमेश्‍वर ने आदम और हव्वा के लिए बनाया था? आपको क्या लगता है, क्या कभी पूरी धरती फिरदौस बनेगी?

यहोवा अपने लोगों के लिए इस धरती को ज़रूर एक फिरदौस बनाएगा। इस बारे में उसने अपने नबी यशायाह को लिखने के लिए कहा। फिरदौस के बारे में यहोवा ने कहा कि उस समय ‘भेड़िया और भेड़ साथ मिलकर रहेंगे। शेर के बच्चे और बछड़े साथ-साथ चरेंगे और छोटे बच्चे उनकी देखभाल करेंगे। यहाँ तक कि नन्हे-मुन्‍ने भी ज़हरीले साँप के पास आराम से खेलेंगे और वह साँप उन्हें कुछ नहीं करेगा।’

यह सुनकर बहुत-से लोग शायद कहें: ‘ऐसा हो ही नहीं सकता। इस धरती पर हमेशा से परेशानियाँ रही हैं और हमेशा रहेंगी।’ लेकिन ज़रा सोचिए: परमेश्‍वर ने शुरू-शुरू में आदम और हव्वा को रहने के लिए कैसी जगह दी थी?

परमेश्‍वर ने उन्हें फिरदौस में रखा था। और क्योंकि उन्होंने परमेश्‍वर की बात नहीं मानी, इसलिए उन्हें उस सुंदर बगीचे से निकाल दिया गया। फिर वे बूढ़े होकर मर गए। परमेश्‍वर ने वादा किया है कि आदम और हव्वा ने जो चीज़ें खो दी थीं, वही सब वह उन लोगों को देगा जो उससे प्यार करते हैं।

आनेवाले फिरदौस में न तो दुःख-दर्द होगा और ना ही कोई किसी को नुकसान पहुँचाएगा। चारों तरफ शांति होगी। सब लोग तंदुरुस्त और खुशहाल होंगे। सबकुछ बिलकुल वैसा ही होगा, जैसा परमेश्‍वर ने शुरू में चाहा था। लेकिन यह सब परमेश्‍वर कैसे करेगा? इस बारे में हम आगे सीखेंगे।