कहानी 73
इसराएल का आखिरी अच्छा राजा
योशिय्याह को जब दक्षिण के दो गोत्रवाले राज्य का राजा बनाया गया, तब वह सिर्फ आठ साल का था। पूरे देश का राज-पाट सँभालने के लिए वह बहुत छोटा था। इसलिए शुरू-शुरू में कुछ बड़े लोगों ने उसे राज करने में मदद दी।
जब योशिय्याह को राजा बने सात साल हो गए, तो वह यहोवा के बारे में जानने की कोशिश करने लगा। वह दाऊद, यहोशापात और हिजकिय्याह जैसे अच्छे राजाओं की मिसाल पर चला। जब वह करीब 19 साल का था, तो उसने बड़ी बहादुरी का काम किया।
दरअसल बहुत सारे इस्राएली काफी समय से गलत काम कर रहे थे। वे झूठे देवी-देवताओं की पूजा करते थे और मूर्तियों के आगे सिर झुकाते थे। इसलिए योशिय्याह अपने आदमियों को लेकर पूरे देश से झूठी उपासना मिटाने के लिए निकल पड़ा। यह एक बड़ा काम था, क्योंकि बहुत-से लोग झूठे देवी-देवताओं की पूजा करते थे। आप यहाँ योशिय्याह और उसके आदमियों को मूर्तियाँ तोड़ते देख सकते हैं।
इसके बाद योशिय्याह ने तीन आदमियों को यहोवा के मंदिर की मरम्मत करवाने का काम सौंपा। इस काम के लिए लोगों से पैसा इकट्ठा किया गया। फिर यह पैसा उन तीनों को दिया गया जिन्हें मंदिर की मरम्मत का काम सौंपा गया था, ताकि वे मरम्मत करनेवालों को मज़दूरी दे सकें। जब मंदिर की मरम्मत का काम चल रहा था, तो महायाजक हिल्किय्याह को एक कीमती चीज़ मिली। एक किताब जिसे मूसा ने अपने हाथों से बहुत, बहुत पहले लिखा था। उसमें यहोवा के दिए सारे नियम-कानून थे। वह किताब कई साल पहले गुम हो गयी थी।
वह किताब योशिय्याह के पास लायी गयी। योशिय्याह ने उस किताब को पढ़कर सुनाने के लिए कहा। जब वह किताब पढ़ी जा रही थी, तो योशिय्याह समझ गया कि लोग यहोवा के नियम के मुताबिक नहीं चल रहे हैं। इस वजह से वह बहुत दुःखी हो गया। उसने अपने कपड़े फाड़ दिए, जैसा कि आप इस तसवीर में देख सकते हैं। उसने कहा: ‘हमारे बाप-दादों ने इस किताब में लिखे नियमों को नहीं माना, इसलिए यहोवा हमसे नाराज़ है।’
योशिय्याह ने महायाजक हिल्किय्याह से यह पता करने को कहा कि अब यहोवा उनके साथ क्या करेगा। इस बारे में पूछने के लिए हिल्किय्याह, हुल्दा नाम की एक स्त्री के पास गया, जो एक नबिया थी। हुल्दा ने यहोवा की तरफ से योशिय्याह के लिए यह संदेश दिया: ‘यरूशलेम और उसमें रहनेवालों को उनके किए की सज़ा मिलेगी। क्योंकि उन्होंने झूठे देवी-देवताओं की पूजा की है। और हर तरफ बुराई फैलायी है। पर योशिय्याह तुमने अच्छा काम किया है, इसलिए तुम्हारे जीते-जी इस्राएलियों को यह सज़ा नहीं दी जाएगी।’