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कहानी 93

यीशु ने हज़ारों को भरपेट खिलाया

यीशु ने हज़ारों को भरपेट खिलाया

एक दिन एक बहुत बुरी घटना घटी। यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाले को मार डाला गया। क्यों? क्योंकि वहाँ के राजा की बीवी हेरोदियास को यूहन्‍ना बिलकुल पसंद नहीं था। इसलिए उसने राजा से कहकर उसका सिर कटवा दिया।

जब यीशु को इसका पता चला, तो वह बहुत दुःखी हुआ। वह अकेला एक सुनसान जगह चला गया। लेकिन उसके पीछे-पीछे बहुत-से लोग वहाँ पहुँच गए। जब यीशु ने उन्हें देखा, तो उसे उन पर तरस आया। इसलिए वह उन्हें परमेश्‍वर के राज्य के बारे में बताने लगा। जो लोग बीमार थे, उन्हें यीशु ने ठीक किया।

शाम को उसके चेले उसके पास आए और कहने लगे: ‘अब दिन ढल चुका है और यह सुनसान जगह है। इसलिए इन लोगों को विदा कर, ताकि ये आस-पास के गाँवों में जाकर कुछ खा सकें।’

यीशु ने कहा: ‘उन्हें जाने की क्या ज़रूरत? तुम ही उन्हें कुछ खिला दो।’ फिर यीशु ने फिलिप्पुस से पूछा: ‘इतने लोगों को खिलाने के लिए हम कहाँ से खाना खरीद सकते हैं?’

फिलिप्पुस ने जवाब दिया: ‘इतने सारे लोगों को थोड़ा-थोड़ा खिलाने के लिए भी ढेर सारा पैसा चाहिए।’ तब अन्द्रियास ने कहा: ‘इस लड़के के पास पाँच रोटी और दो मछलियाँ हैं। लेकिन यह इतने सारे लोगों के लिए काफी नहीं।’

यीशु ने कहा: ‘सब लोगों से घास पर बैठ जाने को कहो।’ फिर उसने खाने के लिए परमेश्‍वर का धन्यवाद किया और रोटी और मछलियों के टुकड़े किए। चेले रोटी और मछली सब लोगों में बाँटने लगे। वहाँ 5,000 आदमी और कई हज़ार औरतें और बच्चे थे। उन सब ने भरपेट खाना खाया। जब चेलों ने बचा हुआ खाना इकट्ठा किया, तो उससे पूरी 12 टोकरियाँ भर गयीं!

इसके बाद यीशु ने अपने चेलों को नाव से गलील सागर के उस पार जाने के लिए कहा। रात हो गयी थी और वे नाव से सफर कर ही रहे थे कि अचानक बहुत बड़ा तूफान आया। इससे नाव डगमगाने लगी। डर के मारे चेलों के पसीने छूटने लगे। तभी आधी रात को उन्होंने किसी को पानी पर चलकर अपनी तरफ आते देखा। इस पर उनके मुँह से चीख निकल गयी, क्योंकि उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह है कौन।

वह कोई और नहीं, यीशु था। यीशु ने उनसे कहा: ‘डरो नहीं, मैं हूँ।’ उन्हें अब भी अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था। इसलिए पतरस ने उससे कहा: ‘प्रभु, अगर आप हैं, तो मुझे पानी पर चलकर अपने पास आने दीजिए।’ यीशु ने कहा: ‘चले आओ!’ तब पतरस नाव से उतरकर पानी पर चलने लगा। लेकिन फिर वह डर गया और डूबने लगा। पर यीशु ने उसे बचा लिया।

कुछ समय बाद यीशु ने एक बार फिर हज़ारों लोगों को खाना खिलाया। इस बार उसने यह चमत्कार सात रोटी और कुछ छोटी मछलियों से किया। अब की भी सब ने पेट भरकर खाया। सचमुच यीशु को लोगों का कितना खयाल है! जब वह राजा के तौर पर राज करेगा, तब हमें किसी बात की चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी!