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एओरिस्ट काल

एओरिस्ट काल

बाइबल की यूनानी भाषा में एओरिस्ट को काल कहा गया है, मगर यह क्रिया का एक रूप है। आम तौर पर इससे पता चलता है कि कैसा काम हुआ, न कि वह काम कब हुआ। एओरिस्ट काल में इस्तेमाल हुई क्रियाओं का अनुवाद संदर्भ के मुताबिक कई तरह से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, एओरिस्ट काल से शायद एक ऐसे काम या कई कामों का पता लगता है जो पल-भर के लिए किए जाते हैं, न कि आदतन या लगातार किए जाते हैं।

पहला यूहन्‍ना 2:1 में “पाप करना” की यूनानी क्रिया एओरिस्ट काल में है और इसका अनुवाद “कोई पाप . . . करो” किया गया है। ज़ाहिर है कि यहाँ एओरिस्ट काल से पता चलता है कि एक बार किए गए पाप की बात की गयी है। वहीं दूसरी तरफ जब यूनानी क्रिया वर्तमान काल में लिखी जाती है तो अकसर उसका मतलब होता है, लगातार किया जानेवाला काम। उदाहरण के लिए, 1 यूहन्‍ना 3:6 में यही यूनानी क्रिया, “पाप करना” वर्तमान काल में है और इसका अनुवाद ‘पाप करते रहना’ और ‘पाप करने में लगे रहना’ किया गया है। मत्ती 4:9 में एओरिस्ट काल इस्तेमाल हुआ है जिससे शायद ज़ाहिर होता है कि शैतान यीशु से ‘बस एक बार उसकी उपासना करने’ को कह रहा था, न कि लगातार करते रहने को।

कोई आज्ञा भी एओरिस्ट काल में हो सकती है। जब किसी काम को न करने की आज्ञा वर्तमान काल में दी जाती है तो उसका अकसर मतलब होता है, जो काम किया जा रहा है उसे बंद करना। (लूक 5:10; 23:28; यूह 2:16) लेकिन जब ऐसी आज्ञा एओरिस्ट काल में दी जाती है तो उसका मतलब हो सकता है, कोई काम कभी-भी या किसी भी पल न करना। इसका एक उदाहरण मत्ती 6:34 में मिलता है जहाँ लिखा है, ”अगले दिन की चिंता कभी न करना।” यहाँ एओरिस्ट काल से पता चलता है कि कभी-भी या किसी भी पल चिंता न करना।