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खुशखबरी की किताब

खुशखबरी की किताब

आम तौर पर मसीही यूनानी शास्त्र की पहली चार किताबों को ‘खुशखबरी की किताबें’ कहा जाता है। इन किताबों में यीशु मसीह की ज़िंदगी और सेवा से जुड़ी घटनाएँ दर्ज़ हैं।

अँग्रेज़ी भाषा का शब्द “गॉस्पल” पुरानी अँग्रेज़ी का है जिसका मतलब है, “सुसमाचार; शुभ-संदेश।” बाइबल के कुछ अनुवादों में यूनानी शब्द इयूएजीलियोन का अनुवाद “खुशखबरी” किया गया है। (मत 4:23; 24:14; मर 1:14) बाइबल में शब्द “खुशखबरी” का मतलब है, परमेश्‍वर के राज के बारे में संदेश और यह भी कि यीशु मसीह पर विश्‍वास करने से उद्धार मिलता है।

मरकुस की किताब की शुरूआत में ये शब्द दिए गए हैं: “परमेश्‍वर के बेटे यीशु मसीह के बारे में खुशखबरी यूँ शुरू होती है।” कुछ विद्वानों का मानना है कि शायद इसी वजह से चारों किताबों को “खुशखबरी” की किताबें कहा गया है।

हालाँकि खुशखबरी की किताबों के किसी भी लेखक ने यह नहीं बताया कि उसने यह किताब लिखी है, मगर कई सबूतों से पता चलता है कि मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्‍ना ने ही वे किताबें लिखीं। पहली तीन किताबों को कभी-कभी समदर्शी (मतलब, “एक-जैसा नज़रिया”) कहा जाता है क्योंकि लेखकों ने यीशु की बातों और कामों के बारे में जिस तरह लिखा, वह एक-दूसरे से मिलता-जुलता है। लेकिन परमेश्‍वर ने उन चारों लेखकों को अपने-अपने अंदाज़ में लिखने की छूट दी जिससे उनकी शख्सियत के बारे में भी पता चलता है।