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धूप

धूप

सुगंधित गोंद और बलसाँ का मिश्रण, जो धीरे-धीरे जलता है और खुशबू फैलाता है। पवित्र डेरे और मंदिर के लिए धूप चार खास मसालों के मिश्रण से बनाया जाता था। पवित्र भाग में धूप की वेदी पर इसे सुबह-शाम जलाया जाता था। और प्रायश्‍चित के दिन इसे परम-पवित्र भाग में जलाया जाता था। धूप परमेश्‍वर के वफादार सेवकों की प्रार्थनाओं की निशानी था जो वह कबूल करता था। मसीहियों के लिए धूप जलाना एक माँग नहीं है।​—निर्ग 30:34, 35; लैव 16:13; प्रक 5:8.