नज़राने की रोटी
बारह रोटियाँ जिनके छ:-छ: करके दो ढेर बनाए जाते थे। ये रोटियाँ, पवित्र डेरे और मंदिर के पवित्र भाग में मेज़ पर रखी जाती थीं। इन्हें “रोटियों का ढेर” और “चढ़ावे की रोटियाँ” भी कहा जाता था। हर सब्त के दिन चढ़ावे की इन रोटियों को हटाकर ताज़ी रोटियाँ रखी जाती थीं। हटायी गयी रोटियों को आम तौर पर सिर्फ याजक खाते थे। (2इत 2:4; मत 12:4; निर्ग 25:30; लैव 24:5-9; इब्र 9:2)—अति. ख5 देखें।