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प्रायश्‍चित

प्रायश्‍चित

इब्रानी शास्त्र के मुताबिक लोगों को अपने पापों का प्रायश्‍चित करने के लिए बलिदान चढ़ाने होते थे ताकि वे परमेश्‍वर के सामने आ सकें और उसकी उपासना कर सकें। जब एक इंसान या पूरा राष्ट्र पाप करता था, तो मूसा के कानून की माँग थी कि परमेश्‍वर से सुलह करने के लिए उन्हें बलिदान चढ़ाना था। और हर साल प्रायश्‍चित के दिन ऐसा करना और भी ज़रूरी हो जाता था। ये बलिदान यीशु के बलिदान की झलक थे, जिससे एक ही बार में इंसान के पापों का पूरी तरह प्रायश्‍चित हुआ और लोगों को यहोवा से सुलह करने का मौका मिला।​—लैव 5:10; 23:28; कुल 1:20; इब्र 9:12.