फारस; फारसी
फारस एक देश का नाम था और उसके लोगों को फारसी कहा जाता था। इनका ज़िक्र अकसर मादियों के साथ आता है जिससे ज़ाहिर है कि उन दोनों का कोई नाता था। फारस के शुरू के इतिहास के मुताबिक इसके लोग ईरान के पठार के सिर्फ दक्षिण-पश्चिम हिस्से में रहते थे। कुसरू महान के राज में मादियों से ज़्यादा फारसियों का दबदबा था, इसके बावजूद कि साम्राज्य दोनों से मिलकर बना था। (कुछ प्राचीन इतिहासकारों का मानना था कि कुसरू का पिता फारसी था और माँ मादी।) कुसरू ने ई.पू. 539 में बैबिलोन साम्राज्य को जीत लिया और बँधुआई में पड़े यहूदियों को वापस उनके देश जाने दिया। फारस साम्राज्य पूरब में सिंधु नदी से लेकर पश्चिम में एजियन सागर तक फैला था। ई.पू. 331 में सिकंदर महान ने फारस को हरा दिया। उस वक्त तक यहूदी लोग फारस की हुकूमत के अधीन थे। दानियेल ने एक दर्शन में फारस साम्राज्य को उभरते देखा था। इसके अलावा, इस साम्राज्य का ज़िक्र एज्रा, नहेमायाह और एस्तेर में मिलता है। (एज 1:1; दान 5:28; 8:20)—अति. ख9 देखें।