याजक
वह आदमी जिसे परमेश्वर ने ठहराया था कि वह लोगों की सेवा करे और उन्हें परमेश्वर और उसके नियमों के बारे में सिखाए। इसके अलावा याजक लोगों की तरफ से परमेश्वर के सामने जाकर बलिदान चढ़ाता था और उनके पापों की माफी माँगता था। मूसा का कानून मिलने से पहले, परिवार का मुखिया ही अपने परिवार के लिए याजक हुआ करता था। मूसा के कानून के मुताबिक लेवी गोत्र से हारून के घराने के आदमियों को याजक ठहराया गया। लेवी गोत्र के बाकी आदमियों को उनकी मदद करने के लिए ठहराया गया। नए करार के शुरू होने पर परमेश्वर का इसराएल, याजकों का राष्ट्र बना जिसका महायाजक यीशु मसीह था।—निर्ग 28:41; इब्र 9:24; प्रक 5:10.