शांति-बलि
वह बलिदान जो यहोवा के साथ शांति कायम करने के लिए उसे दिया जाता था। बलिदान देनेवाला और उसका घराना, बलिदान चढ़ानेवाला याजक और मंदिर में सेवा करनेवाले याजक, सब मिलकर उस बलिदान में से खाते थे। जानवर की जलायी चरबी से जो धुआँ उठता वह मानो यहोवा को दिया जाता था। जानवर का खून जो जीवन को दर्शाता है, वह भी उसे अर्पित किया जाता था। यह ऐसा था मानो याजक और उपासक सब मिलकर यहोवा के साथ खाना खा रहे हों, जो उनके बीच शांति के रिश्ते को दिखाता था।—लैव 7:29, 32; व्य 27:7.