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पाठ 11

परमेश्वर के स्वर्गदूतों से मदद

परमेश्वर के स्वर्गदूतों से मदद

कुछ लोग कहते हैं कि वे सिर्फ उन्हीं चीज़ों पर यकीन करते हैं, जिन्हें वे अपनी आँखों से देख सकते हैं। मगर ऐसा करना नासमझी है। क्योंकि ऐसी कई चीज़ें हैं, जिन्हें हमने कभी नहीं देखा। क्या आप ऐसी किसी चीज़ का नाम बता सकते हो?—

हवा को लीजिए। क्या हम इसे महसूस कर सकते हैं?— अच्छा ज़रा अपना हाथ उठाओ और इस पर फूँक मारो। क्या आपको कुछ महसूस हुआ?— हाँ, ज़रूर हुआ। मगर क्या आपने हवा को देखा?—

पिछले पाठ में हमने आत्मिक प्राणियों के बारे में सीखा था, जिन्हें हम देख नहीं सकते। हमने सीखा था कि इनमें से कुछ अच्छे हैं, तो कुछ बुरे। क्या आप कुछ अच्छे आत्मिक प्राणियों के नाम बता सकते हो?— सही कहा आपने, यहोवा परमेश्वर, यीशु मसीह और कुछ स्वर्गदूत भी अच्छे हैं। क्या बुरे स्वर्गदूत भी हैं?— हाँ। बाइबल कहती है, कुछ स्वर्गदूत बुरे हैं। अच्छा बताओ बुरे स्वर्गदूतों के बारे में आपने क्या सीखा था?—

एक बात तो हम जानते हैं, स्वर्गदूत हमसे कहीं ज़्यादा ताकतवर हैं, फिर चाहे वे अच्छे हों या बुरे। स्वर्गदूतों के बारे में महान शिक्षक यीशु को बहुत कुछ मालूम था। क्योंकि धरती पर पैदा होने से पहले वह एक स्वर्गदूत था। स्वर्ग में वह दूसरे स्वर्गदूतों के साथ रहता था। वह लाखों-करोड़ों स्वर्गदूतों को जानता था। क्या सभी स्वर्गदूतों का अपना एक नाम है?—

हमने सीखा था न, परमेश्वर ने हर तारे का नाम रखा है। इसलिए हम यह मान सकते हैं कि उसने सभी स्वर्गदूतों के भी नाम रखे होंगे। हम यह भी जानते हैं कि स्वर्गदूत आपस में बात कर सकते हैं। क्योंकि बाइबल ‘स्वर्गदूतों की भाषा’ के बारे में बताती है। (1 कुरिंथियों 13:1) आपको क्या लगता है, स्वर्गदूत किसके बारे में बात करते होंगे? क्या वे हम इंसानों के बारे में बात करते होंगे?—

हम जानते हैं कि शैतान के स्वर्गदूत हमेशा इस कोशिश में रहते हैं कि किसी तरह हम यहोवा की आज्ञा तोड़ दें। और वे ज़रूर इस बारे में बात करते होंगे। वे चाहते हैं कि हम भी उनके जैसे बुरे बन जाएँ, ताकि यहोवा उनकी तरह हमसे भी प्यार करना छोड़ दे। लेकिन क्या परमेश्वर के अच्छे स्वर्गदूत भी हमारे बारे में बात करते होंगे?— ज़रूर। वे हमारी मदद करना चाहते हैं। वे ऐसे लोगों की मदद करते हैं जो यहोवा से प्यार करते हैं और उसकी सेवा करते हैं। आओ मैं तुम्हें ऐसे कुछ लोगों के बारे में बताऊँ।

बहुत समय पहले की बात है। बैबिलोन देश में दानिय्येल नाम का एक आदमी रहता था। वहाँ बहुत-से लोग यहोवा को नहीं मानते थे। एक बार उन्होंने एक नियम बनाया। उस नियम में लिखा था कि जो कोई यहोवा परमेश्वर से प्रार्थना करेगा, उसे सज़ा दी जाएगी। मगर दानिय्येल ने यहोवा से प्रार्थना करना बंद नहीं किया। जानते हो तब उन लोगों ने दानिय्येल के साथ क्या किया?—

उन बुरे लोगों ने दानिय्येल को शेरों की माँद में फिंकवा दिया। वहाँ दानिय्येल को बचानेवाला कोई नहीं था। वह खूँखार और भूखे शेरों के बीच अकेला था। मालूम है फिर क्या हुआ?— ‘परमेश्वर ने अपना स्वर्गदूत भेजकर शेरों का मुँह बंद कर दिया।’ दानिय्येल को एक खरोंच तक नहीं आयी! तो देखा आपने, यहोवा की सेवा करनेवालों को स्वर्गदूत कैसे बचा सकते हैं।—दानिय्येल 6:18-22.

दानिय्येल को बचाने के लिए परमेश्वर ने क्या किया?

आपको महान शिक्षक यीशु मसीह का दोस्त पतरस याद है न? बात उस समय की है जब पतरस लोगों को बताता था कि यीशु परमेश्वर का बेटा है। मगर यह बात कुछ लोगों को अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए उन्होंने उसे पकड़कर जेल में डाल दिया। और पहरेदार तैनात कर दिए, ताकि वह भाग न जाए। क्या अब कोई उसकी मदद कर सकता था?—

पतरस दो पहरेदारों के बीच सो रहा था और उसके हाथ ज़ंजीरों से बंधे थे। तभी पता है क्या हुआ? बाइबल कहती है: ‘यहोवा का स्वर्गदूत वहाँ आया और जेल की कोठरी रौशनी से जगमगा उठी। स्वर्गदूत ने पतरस को थपथपाया और कहा: “उठ, जल्दी कर!”’

एक स्वर्गदूत ने कैसे पतरस को जेल से छुड़ाया?

पतरस के हाथों पर बँधी ज़ंजीरें खुल गयीं! स्वर्गदूत ने उससे कहा: ‘अपनी चप्पलें पहन और मेरे पीछे-पीछे आ।’ वहाँ तैनात पहरेदार कुछ नहीं कर पाए, क्योंकि एक स्वर्गदूत पतरस की मदद कर रहा था। कोठरी से निकलकर वे लोहे के एक फाटक के पास आए। वहाँ एक अजीब-सी बात हुई। पता है क्या हुआ? फाटक अपने आप खुल गया! इस तरह उस स्वर्गदूत ने पतरस को जेल से बाहर निकाला। अब पतरस फिर से प्रचार काम कर सकता था।—प्रेषितों 12:3-11.

क्या परमेश्वर के स्वर्गदूत हमारी भी मदद कर सकते हैं?— बिलकुल कर सकते हैं। तो क्या इसका मतलब वे हमें हर तकलीफ से बचाएँगे?— नहीं, ऐसी बात नहीं है। अगर हम कोई बेवकूफी-भरा काम करेंगे, तो स्वर्गदूत हमें बचाने नहीं आएँगे। लेकिन कभी-कभी तो हम कोई गलत काम नहीं करते, फिर भी हम मुसीबत में पड़ जाते हैं। क्या ऐसे में वे हमें बचाने नहीं आएँगे? नहीं। उन्हें यह काम नहीं दिया गया है कि वे हमें हर मुसीबत से बचाएँ। परमेश्वर ने उन्हें कुछ और खास काम दिया है।

बाइबल एक ऐसे स्वर्गदूत के बारे में बताती है, जो सब लोगों से कहता है कि वे परमेश्वर की उपासना करें। (प्रकाशितवाक्य 14:6, 7) यह बात स्वर्गदूत उन्हें कैसे बताता है? क्या वह स्वर्ग से चिल्ला-चिल्लाकर लोगों से कहता है कि परमेश्वर की उपासना करो?— नहीं, ऐसा नहीं है। असल में, यीशु के चेले लोगों को परमेश्वर के बारे में बताते हैं। और इस काम में स्वर्गदूत उनकी मदद करते हैं। स्वर्गदूत इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं कि जो लोग सचमुच में परमेश्वर को जानना चाहते हैं, उन्हें परमेश्वर के बारे में ज़रूर बताया जाए। हम भी लोगों को परमेश्वर के बारे में बता सकते हैं और इस काम में स्वर्गदूत हमारी मदद करेंगे।

लेकिन अगर परमेश्वर से नफरत करनेवाले हमारे लिए परेशानी खड़ी करें, तब हम क्या करेंगे? अगर वे हमें जेल में बंद कर दें, तब क्या होगा? क्या स्वर्गदूत हमें जेल से छुड़ाएँगे?— वे हमें छुड़ा सकते हैं, मगर वे ऐसा हमेशा नहीं करते।

स्वर्गदूत पौलुस से क्या कह रहा है?

एक बार की बात है, लोगों ने यीशु के एक चेले पौलुस को बंदी बना लिया था। उसे पानी के एक जहाज़ से दूसरी जगह ले जाया जा रहा था कि बीच समंदर में एक बड़ा भयानक तूफान आया। लेकिन स्वर्गदूत ने उसे कैद से नहीं छुड़ाया। पता है क्यों? क्योंकि उसे अभी बहुत-से लोगों को परमेश्वर के बारे में बताना था। एक स्वर्गदूत ने उससे कहा: “हे पौलुस, मत डर। तू सम्राट के सामने ज़रूर खड़ा होगा।” जी हाँ, पौलुस को उस वक्‍त के सबसे बड़े राजा के सामने हाज़िर होना था, ताकि वह उसे प्रचार कर सके। पौलुस कहाँ है यह बात स्वर्गदूतों को हमेशा पता रहती थी और वे उसकी मदद करते थे। अगर हम सच्चे दिल से परमेश्वर की सेवा करें, तो स्वर्गदूत हमारी भी मदद करेंगे।—प्रेषितों 27:23-25.

स्वर्गदूतों को एक और ज़रूरी काम सौंपा गया है, जिसे वे जल्द ही करेंगे। परमेश्वर का वह दिन बहुत नज़दीक आ गया है, जब दुष्ट लोगों को खत्म कर दिया जाएगा। जो लोग सच्चे परमेश्वर की उपासना नहीं करते, उन्हें नाश कर दिया जाएगा। जो लोग कहते हैं कि वे स्वर्गदूतों पर इसलिए यकीन नहीं करते, क्योंकि वे उन्हें देख नहीं सकते, उस वक्‍त उन्हें पता चल जाएगा कि वे कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं।—2 थिस्सलुनीकियों 1:6-8.

उस वक्‍त क्या परमेश्वर हमें बचाएगा?— अगर हम परमेश्वर के स्वर्गदूतों का साथ दें, तो वे ज़रूर हमारी मदद करेंगे। लेकिन क्या हम उनका साथ दे रहे हैं?— अगर हम यहोवा की सेवा कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हम स्वर्गदूतों का साथ दे रहे हैं। और हम दूसरों को भी यहोवा की सेवा करने के लिए कहेंगे।

स्वर्गदूत किस तरह लोगों की मदद करते हैं, इस बारे में और ज़्यादा जानने के लिए भजन 34:7; मत्ती 4:11; 18:10; लूका 22:43 और प्रेषितों 8:26-31 पढ़िए।