यहोवा एक मगरूर नगर का घमंड चूर करता है
चौदहवाँ अध्याय
यहोवा एक मगरूर नगर का घमंड चूर करता है
1. अब यशायाह की किताब किस समय के बारे में भविष्यवाणी करती है?
यशायाह की भविष्यवाणियों की किताब, सा.यु.पू. आठवीं सदी में उस दौरान लिखी गयी थी, जब अश्शूर इस्राएल देश पर चढ़ाई कर रहा था। जैसा कि यशायाह की किताब के पिछले अध्यायों से हमने जाना, इस दौरान होनेवाली घटनाओं की उसने बिलकुल सही-सही भविष्यवाणी की थी। इतना ही नहीं, यह किताब उस वक्त के बाद की भी भविष्यवाणी करती है, जब अश्शूर दुनिया के तख्ते पर नहीं होगा। यह भविष्यवाणी करती है कि किस तरह यहोवा के चुने हुए लोग अलग-अलग देशों की बंधुआई से छूटकर वापस आएँगे। इन देशों में शिनार का इलाका भी शामिल है, जहाँ बाबुल था। (यशायाह 11:11) यशायाह के 13वें अध्याय में, हमें एक ऐसी अद्भुत भविष्यवाणी मिलती है जिसके पूरा होने से परमेश्वर के लोगों के इस छुटकारे का रास्ता खुल जाएगा और वे अपने वतन वापस आ पाएँगे। इस भविष्यवाणी की शुरूआत इन शब्दों से की गई है: “बाबुल के विषय की भारी भविष्यवाणी जिसको आमोस के पुत्र यशायाह ने दर्शन में पाया।”—यशायाह 13:1.
‘मैं घमण्ड को तोड़ूंगा’
2. (क) हिजकिय्याह, बाबुल देश के संपर्क में कैसे आता है? (ख) वह “झंडा” क्या है जिसे खड़ा किया जाएगा?
2 यशायाह के जीवन के दौरान ही, यहूदा देश का बाबुल के साथ संपर्क होता है। यह तब होता है जब बीमारी की वजह से राजा हिजकिय्याह की हालत बहुत गंभीर हो जाती है, मगर बाद में वह ठीक हो जाता है। उसकी तबियत ठीक होने पर बाबुल के राजदूत आकर उसे बधाई देते हैं, मगर उनके आने का एक खुफिया इरादा है। वे हिजकिय्याह को अपना साथी बनाकर अश्शूर के खिलाफ यशायाह 39:1-7) यह भविष्यवाणी सा.यु.पू. 607 में पूरी हुई जब बाबुल के लोग यरूशलेम को तबाह करके इस्राएल जाति को बंधुआ बनाकर ले गए। मगर, परमेश्वर के चुने हुए लोग सदा के लिए बाबुल में नहीं रहेंगे। यहोवा भविष्यवाणी करता है कि कैसे वह उनके लिए रास्ता खोल देगा ताकि वे अपने वतन लौट सकें। वह कहता है: “मुंडे पहाड़ पर एक झंडा खड़ा करो, हाथ से सैन करो और उन से ऊंचे स्वर से पुकारो कि वे सरदारों के फाटकों में प्रवेश करें।” (यशायाह 13:2) यहाँ जिसे “झंडा” कहा गया है, वह उभरती हुई एक विश्वशक्ति है जो बाबुल को उसके ऊँचे स्थान से उखाड़ फेंकेगी। यह झंडा ‘मुंडे हुए पहाड़ पर’ खड़ा किया जाएगा और इसलिए यह काफी दूर से भी साफ दिखायी देगा। बाबुल पर धावा बोलने का हुक्म पाकर, यह नयी विश्वशक्ति पूरे बल से “सरदारों के फाटकों में प्रवेश” करेगी यानी वह बाबुल के बड़े-बड़े फाटकों से प्रवेश करेगी और उसे जीत लेगी।
लड़ने के लिए उसे राज़ी करना चाहते हैं। नादानों की तरह, हिजकिय्याह उनको अपना सारा खज़ाना दिखा देता है। उसके इस काम की वजह से, यशायाह हिजकिय्याह से कहता है कि उसकी मौत के बाद, ये सारी दौलत बाबुल ले जायी जाएगी। (3. (क) ये ‘पवित्र किए हुए’ लोग कौन हैं, जिन्हें यहोवा खड़ा करेगा? (ख) अन्यजातियों की सेनाएँ किस मायने में ‘पवित्र की हुई’ हैं?
3 यहोवा अब कहता है: “मैं ने स्वयं अपने पवित्र किए हुओं को आज्ञा दी है, मैं ने अपने क्रोध के लिये अपने वीरों को बुलाया है जो मेरे प्रताप के कारण प्रसन्न हैं। पहाड़ों पर एक बड़ी भीड़ का सा कोलाहल हो रहा है, मानो एक बड़ी फ़ौज की हलचल हो। राज्य राज्य की इकट्ठी की हुई जातियां हलचल मचा रही हैं। सेनाओं का यहोवा युद्ध के लिये अपनी सेना इकट्ठी कर रहा है।” (यशायाह 13:3,4) ‘पवित्र किए हुए’ ये लोग कौन हैं जो मगरूर बाबुल का घमंड चूर करेंगे? ये राष्ट्रों की मिली-जुली सेनाएँ, यानी “इकट्ठी की हुई जातियां” हैं। ये बाबुल के खिलाफ दूर पहाड़ी इलाके से उतरकर आ रही हैं। “वे दूर देश से, आकाश की छोर से आए हैं।” (यशायाह 13:5) इन्हें किस मायने में पवित्र किया गया है? बेशक, शुद्ध या पावन होने के लिए तो नहीं क्योंकि ये सेनाएँ, अन्यजातियों के लोगों की हैं जिन्हें यहोवा की सेवा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। और इब्रानी शास्त्र में ‘पवित्र किए हुए’ का मतलब “परमेश्वर द्वारा इस्तेमाल होने के लिए अलग किया” जाना भी है। यहोवा चाहे तो राष्ट्रों की सेनाओं को अपनी मरज़ी पूरी करवाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है और उनके स्वार्थी मनसूबों के ज़रिए अपनी जलजलाहट प्रकट कर सकता है। उसने पहले अश्शूर को इसी तरीके से इस्तेमाल किया था। वह बाबुल को भी ऐसे ही इस्तेमाल करेगा। (यशायाह 10:5; यिर्मयाह 25:9) और खुद बाबुल को सज़ा देने के लिए वह दूसरे देशों को इस्तेमाल करेगा।
4, 5. (क) यहोवा, बाबुल के बारे में क्या भविष्यवाणी करता है? (ख) बाबुल पर हमला करनेवालों को किन-किन बाधाओं का सामना करना पड़ेगा?
4 बाबुल अभी एक विश्वशक्ति के रूप में नहीं उभरा है। फिर भी, यहोवा भविष्य में उस वक्त को देख सकता है जब बाबुल एक विश्वशक्ति होगा। और वह यशायाह के ज़रिए यह भी भविष्यवाणी करता है कि एक ऐसा वक्त आएगा जब बाबुल गिर जाएगा। वह कहता है: “हाय-हाय करो, क्योंकि यहोवा का दिन समीप है; वह सर्वशक्तिमान् की ओर से मानो सत्यानाश करने के लिये आता है।” (यशायाह 13:6) जी हाँ, बाबुल बड़ी-बड़ी डींगें मारने की जगह शोक से हाय-हाय करेगा। क्यों? क्योंकि “यहोवा का” ठहराया हुआ “दिन” आएगा और उस दिन यहोवा उसे सज़ा देगा।
5 लेकिन, बाबुल का सत्यानाश कैसे मुमकिन है? जब यहोवा का ठहराया हुआ वक्त आएगा, तब देखने में तो यह नगर बहुत ही मज़बूत और सुरक्षित लगेगा। इस पर हमला करनेवाली सेनाओं को पहले, सबसे बड़ी बाधा यानी फरात नदी का सामना करना होगा। यह नदी नगर के बीचों बीच से गुज़रती थी, और इसका पानी नगर के लोगों के लिए पीने के काम आता था। और नगर की हिफाज़त के लिए उसकी शहरपनाह के बाहर जो गहरी खाई बनाई गई थी, वह भी फरात नदी के पानी से भरी थी। इसके अलावा, बाबुल नगर की एक की जगह दो-दो शहरपनाहें थीं, जिन्हें भेदकर अंदर जाना लगभग नामुमकिन था। और फिर, नगर में खाने-पीने के भंडारों के अंबार भी थे। डेली बाइबल इलस्ट्रेशन्स किताब कहती है कि बाबुल के आखिरी राजा नबोनाइडस ने “नगर के भोजन के भंडारों को भरने के लिए बहुत ही बड़े पैमाने पर काम किया था, और अनुमान लगाया जाता है कि उस नगर में इतना [भोजन] जमा कर लिया गया था कि वे लोग 20 साल तक आराम से गुज़ारा कर सकते थे।”
6. भविष्यवाणी के मुताबिक जब बाबुल पर अचानक कब्ज़ा किया जाएगा तो क्या होगा?
6 मगर, कभी-कभी बाहरी रूप नज़र का धोखा भी साबित हो सकता है। यशायाह 13:7,8, NHT) जब सेनाएँ नगर पर धावा बोलेंगी तो उसमें रहनेवालों का चैन उड़न-छू हो जाएगा और अचानक उन्हें ऐसी ज़बरदस्त पीड़ा उठेगी जैसी किसी बच्चा जननेवाली स्त्री को उठती है। डर के मारे उनका दिल सीने में ही पिघल जाएगा। वे अपनी सुध-बुध खो बैठेंगे, उनके हाथ ठंडे पड़ जाएँगे और वे अपनी रक्षा करने के लिए उन्हें हिला तक नहीं पाएँगे। खौफ और पीड़ा से उनके चेहरे “तमतमाएंगे।” वे फटी-फटी आँखों से एक-दूसरे का मुँह ताकेंगे कि आखिर हमारा आलीशान नगर गिरा तो गिरा कैसे।
यशायाह कहता है: “इसलिए सब हाथ ढीले पड़ जाएंगे, और प्रत्येक मनुष्य का हृदय पिघल जाएगा। वे घबरा जाएंगे; पीड़ा और वेदना उनको आ दबाएगी; उन्हें ज़च्चा की-सी पीड़ाएं उठेंगी, वे विस्मय से एक दूसरे को ताकेंगे; उनके मुख तमतमाएंगे।” (7. “यहोवा का” कौन-सा “दिन” आ रहा है, और उसमें बाबुल का क्या अंजाम होगा?
7 जो भी हो, बाबुल का गिरना तो तय है। जल्द ही जब बाबुल से उसके कामों का हिसाब लिया जाएगा, तब वह “यहोवा का दिन” देखेगा और वह दिन वाकई बहुत दर्दनाक होगा। सारी दुनिया के न्यायी का क्रोध भड़केगा और वह बाबुल के पापी निवासियों को उनकी करनी की सज़ा देगा। भविष्यवाणी कहती है: “देखो, यहोवा का दिन जो क्रूर है तथा प्रकोप और जलजलाहट से भरा है, आ रहा है कि देश को उजाड़ डाले और पापियों को उसमें से मिटा डाले।” (यशायाह 13:9, NHT) बाबुल का भविष्य गहरे अंधकार में है। मानो सूरज, चाँद और तारों में से कोई भी उसे रोशनी नहीं दे रहा। “क्योंकि आकाश के तारागण और बड़े बड़े नक्षत्र अपना प्रकाश न देंगे, और सूर्य उदय होते होते अन्धेरा हो जाएगा, और चन्द्रमा अपना प्रकाश न देगा।”—यशायाह 13:10.
8. यहोवा बाबुल के सत्यानाश का फैसला क्यों सुनाता है?
8 इस घमंडी नगर का ऐसा हश्र क्यों होगा? यहोवा बताता है: “मैं जगत के लोगों को उनकी बुराई के कारण, और दुष्टों को उनके अधर्म का दण्ड दूंगा; मैं अभिमानियों के अभिमान को नाश करूंगा, और उपद्रव करनेवालों के घमण्ड को तोड़ूंगा।” (यशायाह 13:11) बाबुल ने परमेश्वर के लोगों के साथ दरिंदों की तरह व्यवहार किया है, इसलिए यहोवा अपना क्रोध भड़काकर उन्हें इसकी सज़ा देगा। बाबुलियों की दुष्टता की वजह से सारे देश को तकलीफ सहनी पड़ेगी। इसके बाद, उपद्रव करनेवाले ये घमंडी लोग फिर कभी यहोवा के खिलाफ जाने की जुर्रत नहीं करेंगे!
9. यहोवा के न्याय के दिन बाबुल के साथ क्या होगा?
9 यहोवा कहता है: “मैं नश्वर मनुष्य को चोखे सोने जैसा और मनुष्य जाति को ओपीर के सोने के समान दुर्लभ कर दूंगा।” (यशायाह 13:12, NHT) जी हाँ, वह नगर उजाड़ और सुनसान हो जाएगा। यहोवा आगे कहता है: “इसलिये मैं आकाश को कंपाऊंगा, और पृथ्वी अपने स्थान से टल जाएगी; यह सेनाओं के यहोवा के रोष के कारण और उसके भड़के हुए क्रोध के दिन होगा।” (यशायाह 13:13) बाबुल का “आकाश,” उसके ढेरों देवी-देवता हैं जो काँप उठेंगे, और ज़रूरत के वक्त वे इस नगर की कुछ भी मदद नहीं कर पाएँगे। “पृथ्वी” यानी बाबुल साम्राज्य अपने स्थान से उखड़ जाएगा और इतिहास के पन्नों में दफन होकर रह जाएगा। “वे खदेड़े हुए हरिण, वा बिन चरवाहे की भेड़ों की नाईं अपने अपने लोगों की ओर फिरेंगे, और अपने अपने देश को भाग जाएंगे।” (यशायाह 13:14) बाबुल की हिमायत करनेवाले दूसरे देशों के लोग उसे छोड़कर भाग जाएँगे और जीतनेवाली नयी विश्वशक्ति के साथ हाथ मिलाने की कोशिश करेंगे। आखिरकार बाबुल भी वह दर्द महसूस करेगा जो एक हारे हुए नगर को सहना पड़ता है, क्योंकि उसने अपने वैभव के दिनों में दूसरे कितने ही देशों को ऐसा दर्द दिया था। “जो कोई मिले सो बेधा जाएगा, और जो कोई पकड़ा जाए, वह तलवार से मार डाला जाएगा। उनके बाल-बच्चे उनके साम्हने पटक दिए जाएंगे; और उनके घर लूटे जाएंगे, और उनकी स्त्रियां भ्रष्ट की जाएंगी।”—यशायाह 13:15,16.
विनाश करने का परमेश्वर का हथियार
10. बाबुल को हराने के लिए यहोवा किसे इस्तेमाल करेगा?
10 बाबुल को मिटाने के लिए यहोवा किस हुकूमत का इस्तेमाल करेगा? इस सवाल का जवाब यहोवा ने करीब 200 साल पहले ही बता दिया था: “देखो, मैं उनके विरुद्ध मादियों को उभारने पर हूं, जो न तो चांदी की परवाह और न सोने का लालच करेंगे। उनके धनुष जवानों को मार गिराएंगे। न तो वे गर्भ के फल पर तरस खाएंगे, और न उनकी आंखों में बच्चों के प्रति कोई दया होगी। और बेबीलोन जो राज्यों का शिरोमणि है और जिसकी शोभा पर कसदी लोग यशायाह 13:17-19, NHT) आलीशान बाबुल गिर पड़ेगा और इसे गिराने के लिए यहोवा का हथियार है, दूर देश से मादियों के पहाड़ी इलाकों से आनेवाली सेनाएँ। * आखिरकार, बाबुल भी वैसे ही उजड़ जाएगा जैसे घोर अनैतिक काम करनेवाले सदोम और अमोरा के नगर उजड़ गए थे।—उत्पत्ति 13:13; 19:13,24.
घमण्ड करते हैं, वह ऐसा हो जाएगा जैसे सदोम और अमोरा जब परमेश्वर ने उन्हें उलट दिया था।” (11, 12. (क) मादी जाति एक विश्वशक्ति कैसे बनी? (ख) भविष्यवाणी में मादी जाति की सेनाओं के बारे में कौन-सी अनोखी बात बतायी गयी है?
11 यशायाह के दिनों में, मादी जाति और बाबुल दोनों ही अश्शूर के गुलाम हैं। इसके करीब सौ साल बाद, सा.यु.पू. 632 में मादी जाति और बाबुलियों की फौजें मिलकर अश्शूरियों की राजधानी नीनवे को हरा देती हैं। इसी घटना के साथ बाबुल को एक विश्वशक्ति बनकर उभरने का मौका मिलता है। मगर उसे कहाँ पता है कि करीब 100 साल बाद, उसका साथ देनेवाली मादी जाति ही उसकी बरबादी का सबब बनेगी! यहोवा के सिवाय कौन ऐसी भविष्यवाणियाँ कर सकता है?
* इसलिए कोई ताज्जुब नहीं कि फारसी राजा कुस्रू ने जब इस्राएलियों को बाबुल की बंधुआई से आज़ाद किया तो उसने उन्हें सोने और चाँदी के ऐसे हज़ारों पात्र लौटा दिए जिन्हें नबूकदनेस्सर यरूशलेम के मंदिर से लूटकर ले आया था।—एज्रा 1:7-11.
12 जब यहोवा अपने विनाशकारी हथियार यानी मादियों की सेना की पहचान बताता है तब वह कहता है कि वे ‘न तो चांदी की परवाह और न सोने का लालच करती हैं।’ युद्ध लड़नेवाले पत्थर-दिल सैनिक लूट में सोना-चांदी नहीं चाहते, कितने ताज्जुब की बात है! बाइबल विद्वान अल्बर्ट बार्न्स कहते हैं: “विरले ही ऐसी कोई हमलावर सेना हुई होगी जो दुश्मनों की धन-दौलत लूटने की उम्मीद ना करती हो।” क्या मादियों की सेना ने इस मामले में यहोवा की बात को सच ठहराया? जी हाँ, ज़रूर। जे. ग्लेन्टवर्थ बटलर की किताब, द बाइबल-वर्क में कही गयी इस बात पर गौर कीजिए: “आज तक जिन देशों ने लड़ाइयाँ लड़ी हैं, उन सभी से मादी और फारसी हटकर थे। उनकी नज़र में जीत से मिलनेवाली शोहरत, सोने-चाँदी से ज़्यादा अहमियत रखती थी।”13, 14. (क) हालाँकि मादी-फारस के योद्धा लूट के माल की परवाह नहीं करते, फिर भी वे क्या इरादा रखते हैं? (ख) बाबुल को अपनी किलेबंदी पर जो गुरूर था उसे कुस्रू ने कैसे चूर-चूर किया?
13 हालाँकि मादी और फारसी योद्धाओं को लूट के माल से कोई लगाव नहीं, फिर भी उन्हें कामयाबी की बुलंदियाँ छूने से ज़रूर लगाव है। वे दुनिया के किसी भी देश से दूसरे नंबर पर दिखाई नहीं देना चाहते। और फिर, यहोवा भी उनके मन में “सत्यानाश करने” का विचार डालता है। (यशायाह 13:6) इसलिए धातु से बने अपने धनुषों से वे न सिर्फ तीर चलाते हैं, बल्कि दुश्मन के सैनिकों पर वार करके उन्हें कुचल डालते हैं। बाबुल की माताओं के लाल उनके हाथों मारे जाएँगे। वे बाबुल पर जीत पाने की ठान चुके हैं।
14 मादी-फारस की सेनाओं का प्रधान कुस्रू, बाबुल की किलेबंदी को देखकर पीछे नहीं हटता। सा.यु.पू. 539 के अक्टूबर 5/6 की रात को, वह हुक्म देता है कि फरात नदी के पानी का कटाव करके उसका रुख मोड़ दिया जाए। जब दानिय्येल 5:30) यहोवा परमेश्वर, यशायाह को इन घटनाओं की भविष्यवाणी करने की प्रेरणा देता है ताकि इसमें शक की कोई गुंजाइश न रहे कि वही है जिसने यह सब कुछ करना तय किया है।
नदी का पानी कम हो जाता है, तो उसकी हमलावर फौजें चुपके से उस नदी के घुटनों तक गहरे पानी से होकर नगर में घुस जाती हैं। बाबुल के लोग इस हमले के लिए तैयार नहीं हैं और बाबुल गिर पड़ता है। (15. बाबुल का क्या अंजाम होना है?
15 बाबुल का विनाश किस हद तक किया जाएगा? यहोवा के इस फैसले को सुनिए: “वह फिर कभी न बसेगा और युग युग उस में कोई वास न करेगा; अरबी लोग भी उस में डेरा खड़ा न करेंगे, और न चरवाहे उस में अपने पशु बैठाएंगे। वहां जंगली जन्तु बैठेंगे, और उल्लू उनके घरों में भरे रहेंगे; वहां शुतुर्मुर्ग बसेंगे, और छगलमानस वहां नाचेंगे। उस नगर के राज-भवनों में हुंडार, और उसके सुख-विलास के मन्दिरों में गीदड़ बोला करेंगे; उसके नाश होने का समय निकट आ गया है, और उसके दिन अब बहुत नहीं रहे।” (यशायाह 13:20-22) इस नगर को पूरी तरह बरबाद किया जाएगा और इसमें कुछ भी बाकी नहीं बचेगा।
16. आज बाबुल की जो हालत है, उसे देखकर हम क्या भरोसा रख सकते हैं?
16 यह सब कुछ सा.यु.पू. 539 में फौरन नहीं हो गया। लेकिन आज यह बिलकुल साफ देखा जा सकता है कि यशायाह ने बाबुल के बारे में जो कुछ कहा था वह सच साबित हुआ है। बाइबल के एक व्याख्याकार के मुताबिक, पहले जहाँ बाबुल था “आज वह जगह सदियों से उजाड़ पड़ी है। और जहाँ देखो वहाँ बस खंडहरों का ढेर ही दिखाई देता है।” इसके बाद वे आगे कहते हैं: “हो नहीं सकता कि आप यह नज़ारा देख रहे हों और आपके मन में यह बात ना आए कि यशायाह और यिर्मयाह की भविष्यवाणियों का एक-एक शब्द कितनी अच्छी तरह पूरा हुआ है।” तो ज़ाहिर है कि यशायाह के दिनों में रहनेवाला कोई भी इंसान यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता था कि एक दिन बाबुल गिर पड़ेगा और बाद में पूरी तरह उजड़ जाएगा। क्योंकि गौर करने लायक बात है कि यशायाह के अपनी किताब में ये भविष्यवाणियाँ लिखने के 200 साल बाद मादियों और फारसियों के हाथों बाबुल गिरा था! और उसे पूरी तरह उजड़ जाने 2 तीमुथियुस 3:16) यही नहीं, यह देखकर कि गुज़रे वक्तों में भी यहोवा ने हर भविष्यवाणी का एक-एक शब्द पूरा किया था, हम पूरा भरोसा रख सकते हैं कि बाइबल की जो भविष्यवाणियाँ अब तक पूरी नहीं हुई हैं, वे भी परमेश्वर के ठहराए हुए समय में ज़रूर पूरी होंगी।
में तो कई सदियाँ लग गयीं। इस बात से, क्या हमारा विश्वास मज़बूत नहीं होता कि बाइबल परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया वचन है? (‘तेरी पीड़ा से विश्राम’
17, 18. बाबुल की हार से इस्राएल को कौन-सी आशीषें मिलेंगी?
17 बाबुल के गिरने से इस्राएलियों को चैन मिलेगा। उन्हें बंधुआई से आज़ादी मिलेगी और वादा किए हुए अपने देश लौटने का मौका भी मिलेगा। इसलिए यशायाह अब कहता है: “यहोवा याकूब पर दया करेगा, और इस्राएल को फिर अपनाकर, उन्हीं के देश में बसाएगा, और परदेशी उन से मिल जाएंगे और अपने अपने को याकूब के घराने से मिला लेंगे। और देश देश के लोग उनको उन्हीं के स्थान में पहुंचाएंगे, और इस्राएल का घराना यहोवा की भूमि पर उनका अधिकारी होकर उनको दास और दासियां बनाएगा; क्योंकि वे अपने बंधुआई में ले जानेवालों को बंधुआ करेंगे, और जो उन पर अत्याचार करते थे उन पर वे शासन करेंगे।” (यशायाह 14:1,2) यहाँ “याकूब” का मतलब है इस्राएल के सभी 12 गोत्र। यहोवा “याकूब” पर दया करके, उस जाति को अपने वतन वापस जाने का मौका देगा। उनके साथ हज़ारों परदेशी भी होंगे, और इनमें से कई परदेशी मंदिर में दासों का काम करके इस्राएलियों की सेवा करेंगे। कुछ इस्राएली तो उन लोगों पर शासन करेंगे जो पहले उन पर हुक्म चलाते थे। *
18 बंधुआई में जीने के दुःख के बजाय, यहोवा अपने लोगों को “पीड़ा और घबराहट से और उस कठिन श्रम से जिसमें [वे] दास [थे], विश्राम देगा।” (यशायाह 14:3, NHT) गुलामी की कड़ी मेहनत और तकलीफों से छुटकारा पाने के बाद, इस्राएलियों को अब झूठे देवताओं को पूजनेवाले लोगों के बीच रहने की पीड़ा और घबराहट नहीं सहनी पड़ेगी। (एज्रा 3:1; यशायाह ) बाइबल के देश और लोग (अँग्रेज़ी) किताब इस बात पर टिप्पणी करती है: “जैसे बाबुल के लोग चरित्रहीन थे, वैसे ही उनके देवता भी अवगुणों की खान थे। वे डरपोक, पियक्कड़ और मूर्ख थे।” झूठे धर्म के ऐसे भ्रष्ट माहौल से बच निकलने से यहोवा के लोगों ने कैसी राहत की सांस ली होगी! 32:18
19. यहोवा से माफी पाने के लिए इस्राएल को क्या करना चाहिए, और इससे हम क्या सीख सकते हैं?
19 मगर फिर भी, यहोवा की दया हासिल करने की कुछ शर्तें हैं। अपने लोगों की जिस दुष्टता की वजह से परमेश्वर ने उन्हें इतनी सख्ती से दंड दिया था, उसके लिए उन्हें प्रायश्चित्त करना चाहिए। (यिर्मयाह 3:25) उन्हें खुलकर अपने पापों को स्वीकार करना है और उनके लिए दिल से पछतावा ज़ाहिर करना है, तभी यहोवा उन्हें माफ करेगा। (नहेमायाह 9:6-37; दानिय्येल 9:5 देखिए।) यही सिद्धांत आज भी लागू होता है। “निष्पाप तो कोई मनुष्य नहीं है,” इसलिए हम सभी को यहोवा की दया की ज़रूरत है। (2 इतिहास 6:36) दया का सागर, यहोवा हमें बड़े प्यार से बुलाता है कि अपने पापों को स्वीकार करें, पछतावा दिखाएँ और किसी भी गलत मार्ग पर चलना छोड़ दें ताकि हम चंगे हो सकें। (व्यवस्थाविवरण 4:31; यशायाह 1:18; याकूब 5:16) इससे न सिर्फ हम पर फिर से परमेश्वर की कृपा-दृष्टि होगी बल्कि हमें शांति भी मिलेगी।—भजन 51:1; नीतिवचन 28:13; 2 कुरिन्थियों 2:7.
बाबुल के खिलाफ ‘ताना मारना’
20, 21. बाबुल के पड़ोसी उसके गिराए जाने से कैसे खुशियाँ मनाते हैं?
20 दुनिया की मशहूर विश्वशक्ति के रूप में उभरने से 100 से भी ज़्यादा साल पहले, यशायाह ने भविष्यवाणी की कि बाबुल के गिरने पर लोग क्या कहेंगे। भविष्यवाणी में, वह बाबुल की बंधुआई से छूटनेवाले इस्राएलियों को यह आज्ञा देता है: “उस दिन तू बाबुल के राजा पर ताना मारकर कहेगा कि परिश्रम करानेवाला कैसा नाश हो गया है, सुनहले मन्दिरों से भरी नगरी कैसी नाश हो गई है! यहोवा ने दुष्टों के सोंटे को और अन्याय से शासन करनेवालों के लठ को तोड़ दिया है, जिस से वे मनुष्यों को लगातार रोष से मारते रहते थे, और जाति जाति पर क्रोध से प्रभुता करते और लगातार उनके पीछे पड़े रहते थे।” (यशायाह 14:4-6) बाबुल एक विजेता के नाम से और एक ऐसे जल्लाद के नाम से मशहूर हुआ है जो आज़ाद लोगों को अपना गुलाम बना लेता है। तो कितना सही है कि जब वह गिरे तो खुशियाँ मनाते वक्त सीधे बाबुल के राजवंश पर यह ‘ताना मारा’ जाए। इस राजवंश की शुरूआत नबूकदनेस्सर ने की और इसका अंत नबोनाइडस और बेलशस्सर से हुआ। यही वह राजवंश था जो इस गौरवशाली नगर के उन दिनों में राज करता था, जब यह अपने पूरे वैभव पर था।
21 उसके गिरने से कितना कुछ बदल जाएगा! “अब सारी पृथ्वी को विश्राम मिला है, वह चैन से है; लोग ऊंचे स्वर से गा उठे हैं। सनौवर और लबानोन के देवदार भी तुझ पर आनन्द करके कहते हैं, जब से तू गिराया गया तब से कोई हमें काटने को नहीं आया।” (यशायाह 14:7,8) आसपास के देशों के राजा, बाबुल के राजाओं की नज़रों में ऐसे थे जैसे एक लकड़हारे की नज़र में पेड़ होते हैं जिन्हें काटकर वह अपनी मरज़ी से इस्तेमाल कर सकता है। मगर अब वे दिन गए। बाबुली लकड़हारे ने जो आखिरी पेड़ काटना था, वह काट चुका!
22. बाबुली राजवंश के गिरने पर अधोलोक में जो खलबली मचती है, इसकी किन शब्दों से तसवीर खींची गई है?
22 बाबुल का गिरना इतना विस्मयकारी है कि अधोलोक में भी खलबली मच जाती है: “पाताल के नीचे अधोलोक में तुझ से मिलने के लिये हलचल हो रही है; वह तेरे लिये मुर्दों को अर्थात् पृथ्वी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाति जाति के सब राजाओं को उनके सिंहासन पर से उठा खड़ा करता है। वे सब तुझ से कहेंगे, क्या तू भी हमारी नाईं निर्बल हो गया है? क्या तू हमारे समान ही बन गया? तेरा विभव और तेरी सारंगियों का शब्द अधोलोक में उतारा गया है; कीड़े तेरा बिछौना और केचुए तेरा ओढ़ना हैं।” (यशायाह 14:9-11) इन शब्दों के ज़रिए क्या ही ज़बरदस्त तसवीर खींची गयी है! मानो खुद कब्रिस्तान उन सभी राजाओं को जगा रहा हो जो बाबुल के राजवंश से पहले मौत की नींद सो गए हैं, ताकि वे एक नए राजा के स्वागत के लिए तैयार हो सकें। फिर वे मिलकर, बाबुल के राजवंश की खिल्ली उड़ाते हैं जो अब एकदम लाचार है और महँगे पलंग पर लेटने के बजाय अब उसे कीड़ों के बिछौने पर सोना पड़ रहा है, मलमल की चादरों के बजाय केंचुओं ने उसे ढक दिया है।
“लताड़ी हुई लोथ के समान”
23, 24. बाबुल के राजाओं का हद-से-ज़्यादा अहंकार कैसे दिखाई देता है?
23 यशायाह इस ताने को जारी रखते हुए कहता है: “हे भोर के चमकनेवाले तारे तू क्योंकर आकाश से गिर पड़ा है? तू जो जाति जाति को हरा देता था, तू अब कैसे काटकर भूमि पर गिराया गया है?” (यशायाह 14:12) अपने स्वार्थ और घमंड की वजह से बाबुल के राजाओं ने खुद को दूसरों से बहुत ऊँचा उठा लिया है। जैसे आकाश में भोर के तारे की चमक बहुत तेज़ होती है, वैसे ही वे बड़े घमंड के साथ अपनी ताकत और अधिकार का ज़ोर चलाते हैं। नबूकदनेस्सर को खास तौर पर इस बात का घमंड है कि उसने यरूशलेम को जीतकर वह कर दिखाया, जो अश्शूर न कर सका था। यशायाह के इस ताने में बताया गया है कि बाबुल का घमंडी राजवंश क्या कहता है: “मैं स्वर्ग पर चढ़ूंगा; मैं अपने सिंहासन को ईश्वर के तारागण से अधिक ऊंचा करूंगा; और उत्तर दिशा की छोर पर सभा के पर्वत पर बिराजूंगा; मैं मेघों से भी ऊंचे ऊंचे स्थानों के ऊपर चढ़ूंगा, मैं परमप्रधान के तुल्य हो जाऊंगा।” (यशायाह 14:13,14) क्या इससे बड़ी कोई और गुस्ताखी हो सकती है?
24 बाइबल में राजा दाऊद के शाही घराने के राजाओं को तारों जैसा बताया गया है। (गिनती 24:17) दाऊद के बाद से ये ‘तारे’ सिय्योन पर्वत से राज करते थे। सुलैमान ने जब यरूशलेम में मंदिर बनवाया तो उसके बाद से सारे नगर का नाम सिय्योन पड़ गया। मूसा की कानून-व्यवस्था में, इस्राएल के सभी पुरुषों को साल में तीन बार सिय्योन जाने की आज्ञा दी गयी थी। इसलिए, यह ‘सभा का पर्वत’ कहलाया जाने लगा। जब नबूकदनेस्सर ने यह ठाना कि वह यहूदा के राजाओं को हराकर उन्हें उस पर्वत से हटा देगा, तो वह खुद को इन “तारागण” से अधिक ऊँचा करने का अपना इरादा ज़ाहिर कर रहा था। यहूदा के राजाओं पर जीत पाने का श्रेय वह यहोवा को नहीं देता। इसके बजाय, वह ऐसा करके यहोवा की बराबरी करने की जुर्रत करता है।
25, 26. किस तरह बाबुल के राजवंश का बड़ी तौहीन के साथ अंत होता है?
यशायाह 14:15-17) आसमान को छूने का ख्वाब देखनेवाला यह राजवंश, नाशमान इंसान की तरह खाक में मिल जाएगा।
25 बाबुल के अहंकारी राजवंश का जल्द ही तख्ता पलटनेवाला है। बाबुल, हरगिज़ परमेश्वर के तारों से ऊँचा नहीं उठ पाएगा। इसके बजाय, यहोवा कहता है: “तू अधोलोक में उस गड़हे की तह तक उतारा जाएगा। जो तुझे देखेंगे तुझ को ताकते हुए तेरे विषय में सोच सोचकर कहेंगे, क्या यह वही पुरुष है जो पृथ्वी को चैन से रहने न देता था और राज्य राज्य में घबराहट डाल देता था; जो जगत को जंगल बनाता और उसके नगरों को ढा देता था, और अपने बंधुओं को घर जाने नहीं देता था?” (26 तब वह विश्वशक्ति कहाँ होगी, जिसने इतने देशों पर जीत पायी थी, उपजाऊ ज़मीन को बंजर बना दिया था और बेहिसाब नगरों को तबाह कर डाला था? तब वह विश्वशक्ति कहाँ रहेगी जो लोगों को बंदी बनाकर ले जाती थी और फिर कभी उन्हें घर लौटने नहीं देती थी? यह तो कुछ नहीं, बाबुल के राजवंश को इज़्ज़त की मौत भी हासिल नहीं होगी! यहोवा कहता है: “जाति जाति के सब राजा अपनी अपनी क़ब्र में वैभव सहित पड़े हैं। परन्तु तू निकम्मी शाख के समान अपनी क़ब्र में से निकाल फेंका गया [“बिना दफनाए ही फेंक दिया गया,” नयी हिन्दी बाइबिल] है। तू तलवार से बेधे हुओं की उन लाशों से लिपटा है जो उस गड्ढे के पत्थरों में लताड़ी हुई लोथ के समान फेंक दिए गए हों। तुझे उनके साथ मिट्टी न दी जाएगी, क्योंकि तू ने अपने देश को उजाड़ दिया, तू ने अपनी प्रजा का वध किया है। कुकर्मियों के वंशजों का नाम भी फिर कभी लिया न जा सकेगा।” (यशायाह 14:18-20, NHT) पुराने ज़माने में, अगर एक राजा को इज़्ज़त से दफनाया नहीं जाता था तो यह उसकी बहुत बड़ी तौहीन मानी जाती थी। तो फिर, बाबुल के राजवंश का क्या? यह सच है कि उसके अलग-अलग राजाओं को इज़्ज़त के साथ दफनाया गया, मगर नबूकदनेस्सर से निकला राजवंश ऐसे फेंक दिया जाता है जैसे कोई “निकम्मी शाख” फेंक दी जाती है। मानो इस राजवंश को एक ऐसी कब्र में फेंक दिया गया जो बेनाम होती है, वैसे ही जैसे युद्ध में मरनेवाले किसी पैदल सैनिक को बेनाम कब्र में फेंक दिया जाता है। कितनी बड़ी तौहीन!
27. बाबुलियों की आनेवाली पीढ़ियाँ अपने पूर्वजों के अधर्म का फल कैसे भुगतेंगी?
27 इस ताने के आखिर में, विजेता मादियों और फारसियों को हुक्म दिया जाता है: “उनके पूर्वजों के अधर्म के कारण पुत्रों के घात की तैयारी करो, ऐसा न हो कि वे फिर उठकर पृथ्वी के अधिकारी हो जाएं, और जगत में बहुत से नगर बसाएं।” (यशायाह 14:21) बाबुल गिरकर अब फिर कभी नहीं उठेगा। बाबुल का राजवंश जड़ से उखड़ जाएगा। इसकी कोई भी डाली दोबारा कभी पनप नहीं सकेगी। इस तरह बाबुल के लोगों की आनेवाली पीढ़ियाँ अपने “पूर्वजों के अधर्म” का फल भुगतेंगी।
28. बाबुल के राजाओं के पाप की जड़ क्या थी, और इससे हम क्या सबक सीख सकते हैं?
28 बाबुल के राजवंश के खिलाफ सुनाए गए दंड से हमें एक बहुत ही कीमती सबक सीखने को मिलता है। बाबुल के राजाओं के पाप की जड़, सबसे ऊँचा उठने की उनकी कभी न बुझनेवाली प्यास थी। (दानिय्येल 5:23) उनके दिलों में ताकत पाने की भूख थी। वे हमेशा दूसरों पर हुकूमत करना चाहते थे। (यशायाह 47:5,6) वे इंसानों से मिलनेवाली महिमा के भूखे थे, जिसका असली हकदार सिर्फ परमेश्वर है। (प्रकाशितवाक्य 4:11) यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जिनके पास अधिकार है, चाहे वे मसीही कलीसिया में ही क्यों न हों। महत्वाकांक्षा, स्वार्थ और अहंकार ऐसे अवगुण हैं जिन्हें यहोवा कभी-भी बरदाश्त नहीं करेगा, चाहे वे किसी व्यक्ति में या फिर राष्ट्रों में ही क्यों न हों।
29. बाबुल के राजाओं के घमंड और गंदे इरादों में क्या नज़र आता था?
29 बाबुल के राजाओं के घमंड में “इस संसार के ईश्वर” शैतान या इब्लीस की आत्मा नज़र आती थी। (2 कुरिन्थियों 4:4) उसे भी ताकत पाने की भूख है और वह खुद को यहोवा परमेश्वर से भी ऊँचा उठाना चाहता है। जैसा बाबुल का राजा था और जो उसने अपने अधीन लोगों के साथ किया, उसी तरह आज शैतान भी है। अपने गंदे इरादों की वजह से उसने इंसान को दुःखों और मुसीबतों के दलदल में ढकेल दिया है।
30. बाइबल में किस दूसरे बाबुल का ज़िक्र किया गया है, और उसने कैसी आत्मा दिखाई है?
30 इतना ही नहीं, बाइबल की प्रकाशितवाक्य की किताब में हम एक और बाबुल के बारे में पढ़ते हैं, जिसे “बड़ा बाबुल” कहा गया है। (प्रकाशितवाक्य 18:2) दुनिया भर में अपना साम्राज्य फैलानेवाले झूठे धर्म के इस संगठन ने भी यह दिखा दिया है कि वह अहंकारी, सितम करनेवाला और बेरहम है। इसलिए, इसे ‘यहोवा के दिन’ का सामना करना पड़ेगा और परमेश्वर के ठहराए हुए समय में इसे भी पूरी तरह खाक में मिला दिया जाएगा। (यशायाह 13:6) सन् 1919 से सारी धरती पर इस संदेश का ऐलान किया जा रहा है: “बड़ा बाबुल गिर पड़ा”! (प्रकाशितवाक्य 14:8) जब वह परमेश्वर के लोगों को बंधुआई में नहीं रख सका, तब वह गिर पड़ा। बहुत जल्द उसका नामो-निशान ही मिटा दिया जाएगा। प्राचीन बाबुल के बारे में यहोवा ने आज्ञा दी थी: “उसके काम का बदला उसे देओ, जैसा उस ने किया है, ठीक वैसा ही उसके साथ करो; क्योंकि उस ने यहोवा इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध अभिमान किया है।” (यिर्मयाह 50:29; याकूब 2:13) बड़े बाबुल को भी यही सज़ा मिलनेवाली है।
31. बड़े बाबुल का जल्द ही क्या होनेवाला है?
31 इसलिए, यशायाह की इस भविष्यवाणी में यहोवा ने आखिर में जो कहा वह न सिर्फ प्राचीन बाबुल पर बल्कि बड़े बाबुल पर भी लागू होता है: “मैं उनके विरुद्ध उठूंगा, और बाबुल का नाम और निशान मिटा डालूंगा, और बेटों-पोतों को काट डालूंगा, . . . मैं उसको साही की मान्द और जल की झीलें कर दूंगा, और मैं उसे सत्यानाश के झाड़ू से झाड़ डालूंगा।” (यशायाह 14:22,23) प्राचीन बाबुल के खंडहर गवाही दे रहे हैं कि यहोवा जल्द ही बड़े बाबुल का क्या हश्र करेगा। यहोवा के इस वादे से सच्ची उपासना के प्रेमियों को कितना चैन मिलता है! यही नहीं, बाबुल के साथ जो हुआ, वह हमें उकसाता है कि हम कभी-भी घमंड, अकड़ या क्रूरता जैसे शैतानी अवगुणों को अपने अंदर पनपने ना दें!
[फुटनोट]
^ पैरा. 10 हालाँकि यशायाह ने सिर्फ मादियों का नाम बताया है, मगर बाबुल के खिलाफ मादी जाति, फारस, एलाम और कई और छोटे-छोटे देश मिलकर चढ़ाई करेंगे। (यिर्मयाह 50:9; 51:24,27,28) पड़ोसी देश, मादियों और फारसियों दोनों को ही ‘मादी लोग’ कहकर बुलाते थे। इसके अलावा, आगे चलकर कुस्रू के राज में हालाँकि फारस ज़्यादा शक्तिशाली हुआ था मगर उससे पहले यशायाह के दिनों में तो मादी जाति ही ज़्यादा ताकतवर थी।
^ पैरा. 12 लेकिन, ऐसा लगता है कि बाद में मादी और फारसी सुख-सुविधा की चीज़ों और ऐशो-आराम को बहुत ज़्यादा पसंद करने लगे।—एस्तेर 1:1-7.
^ पैरा. 17 मिसाल के लिए दानिय्येल को, मादियों और फारसियों के राज में बाबुल में एक ऊँचे ओहदे पर नियुक्त किया गया। इसके करीब 60 साल बाद एस्तेर, फारसी राजा क्षयर्ष की रानी बनी और मोर्दकै दूर-दूर तक फैले फारसी साम्राज्य का प्रधान मंत्री बना।
[अध्ययन के लिए सवाल]
[पेज 178 पर तसवीर]
गिरा हुआ बाबुल, बीहड़ों में बसेरा करनेवाले जीव-जंतुओं का अड्डा बन जाएगा
[पेज 186 पर तसवीरें]
प्राचीन बाबुल की तरह, बड़ा बाबुल भी खंडहरों का ढेर बन जाएगा