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भाग 5

“जीवन की निगरानी करनेवाले के पास लौट” आओ

“जीवन की निगरानी करनेवाले के पास लौट” आओ

हमने इस ब्रोशर में जिन मुश्‍किलों के बारे में चर्चा की, क्या आप उनमें से किसी मुश्‍किल का सामना कर रहे हैं? अगर हाँ, तो यकीन मानिए कि आप अकेले नहीं हैं। बाइबल के ज़माने में और आज भी परमेश्‍वर के कई वफादार सेवकों ने इसी तरह की परेशानियों का सामना किया है। यहोवा ने इन मुश्‍किलों को पार करने में उनकी मदद की और वह आपकी भी मदद करेगा।

जब आप यहोवा के पास लौट आएँगे, तब वह हर कदम पर आपका साथ देगा

आप इस बात पर पूरा भरोसा रख सकते हैं कि जब आप यहोवा के पास लौट आएँगे, तब वह हर कदम पर आपका साथ देगा। वह चिंता से जूझने में आपकी मदद करेगा। अगर आपको ठेस पहुँची है, तो वह आपको सँभलने में मदद करेगा और आपके मन को शांति और राहत दिलाएगा, जो साफ ज़मीर के होने से मिलती है। तब आपका दिल एक बार फिर आपको अपने भाई-बहनों के साथ मिलकर यहोवा की सेवा करने के लिए उभारेगा। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपके बारे में भी यही कहा जा सकता है जो पहली सदी के कुछ मसीहियों के लिए प्रेषित पतरस ने लिखा था, “तुम उन भेड़ों की तरह थे जो भटक गयी थीं, मगर अब तुम अपने चरवाहे और तुम्हारे जीवन की निगरानी करनेवाले के पास लौट आए हो।”—1 पतरस 2:25.

इससे अच्छी बात और क्या होगी कि आप यहोवा के पास लौट आएँ। वह क्यों? वह इसलिए कि जब आप ऐसा करेंगे, तो यहोवा का दिल खुश होगा। (नीतिवचन 27:11) और आप यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि आप जो भी कदम उठाएँगे, उससे या तो यहोवा को दुख होगा या खुशी होगी। लेकिन यहोवा यह नहीं चाहता कि हम ज़बरदस्ती उससे प्यार करें और उसकी सेवा करें। (व्यवस्थाविवरण 30:19, 20) बाइबल पर खोजबीन करनेवाले एक व्यक्‍ति ने कहा, “आपके दिल का दरवाज़ा कोई और नहीं खोल सकता, उसे सिर्फ आप ही खोल सकते हैं।” जब हम यहोवा के लिए प्यार-भरे दिल से उसकी उपासना करते हैं, तो हम मानो अपने दिल का दरवाज़ा खोल देते हैं। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम यहोवा को एक बहुत ही कीमती तोहफा देते हैं और वह है उसके लिए हमारी भक्‍ति। साथ ही, हम यहोवा के दिल को बहुत खुश करते हैं। और जब हम यहोवा की उस तरह उपासना करते हैं, जिसका वह हकदार है, तो हमें बेइंतिहा खुशी मिलती है।—प्रेषितों 20:35; प्रकाशितवाक्य 4:11.

इसके अलावा, जब आप दोबारा यहोवा की उपासना करने लगेंगे, तो परमेश्‍वर से मार्गदर्शन पाने की आपकी ज़रूरत पूरी होगी। (मत्ती 5:3) दुनिया-भर में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है, ‘हमें क्यों बनाया गया?’ वे ज़िंदगी के मकसद से जुड़े इस तरह के सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, क्योंकि यहोवा ने हम इंसानों को इस तरह बनाया है कि हमें उसके मार्गदर्शन की ज़रूरत है। उसने हमें इस तरह बनाया है कि उसकी सेवा करने से हमें संतुष्टि मिलती है। और जब हमें इस बात का यकीन होता है कि हम यहोवा की उपासना प्यार की वजह से कर रहे हैं तो हमें बहुत संतुष्टि मिलती है।—भजन 63:1-5.

यहोवा चाहता है कि आप उसके पास लौट आएँ। आप इस बात का कैसे यकीन कर सकते हैं? ज़रा सोचिए कि इस ब्रोशर को तैयार करने के लिए बहुत प्रार्थना की गयी थी। फिर इसे बहुत-ही सोच-विचार करके तैयार किया गया। शायद किसी प्राचीन या फिर किसी और भाई या बहन ने आपको यह ब्रोशर दिया हो। फिर आप इसे पढ़ने के लिए और इसमें बतायी बातों पर चलने के लिए उभारे गए। ये सभी बातें इस बात का सबूत हैं कि यहोवा आपको भूला नहीं है। बल्कि वह प्यार से आपको दोबारा अपनी तरफ खींच रहा है।—यूहन्‍ना 6:44.

यह जानकर हमें दिलासा मिलता है कि यहोवा कभी अपने खोए हुए सेवकों को नहीं भूलता। डॉना नाम की एक बहन ने इस बात का अनुभव किया। वह बताती है, “धीरे-धीरे मैं सच्चाई से दूर चली गयी, मगर कई बार मैं भजन 139:23, 24 में कही बात पर मनन किया करती थी, जहाँ लिखा है, ‘हे ईश्‍वर, मुझे जाँचकर जान ले! मुझे परखकर मेरी चिन्ताओं को जान ले! और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर!’ मैं जानती थी कि मैं इस दुनिया के तौर-तरीके नहीं अपना सकती और यहोवा का संगठन ही वह जगह है, जहाँ मुझे होना चाहिए। फिर धीरे-धीरे मुझे यह एहसास हुआ कि यहोवा ने मुझे कभी छोड़ा ही नहीं था, बस देर इस बात की थी मैं उसके पास लौट आऊँ। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मैं यहोवा के पास लौट आयी!”

“धीरे-धीरे मुझे यह एहसास हुआ कि यहोवा ने मुझे कभी छोड़ा ही नहीं था, बस देर इस बात की थी मैं उसके पास लौट आऊँ”

हमारी दुआ है कि आप भी फिर से वह खुशी अनुभव करें, जो यहोवा से मिलती है। (नहेमायाह 8:10) यहोवा के पास लौट आने का आपको कभी अफसोस नहीं होगा।