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मैं एक सफल कोर्टशिप कैसे चलाऊँ?

मैं एक सफल कोर्टशिप कैसे चलाऊँ?

अध्याय ३२

मैं एक सफल कोर्टशिप कैसे चलाऊँ?

“अधिकतर असफल विवाह असफल कोर्टशिप के कारण होते हैं। यह बात जितनी बार दोहरायी जाए कम है।” ऐसा पारिवारिक जीवन के विषय पर एक अनुसंधायक, पॉल एच. लैंडिस ने कहा। लूइज़ इस कथन की सत्यता का प्रमाण दे सकती है। वह बताती है: “मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी ऐन्डी से भावात्मक रूप से जुड़ना इससे पहले कि मैं देख पाती कि एक व्यक्‍ति के रूप में वह कैसा है। हमारी कोर्टशिप काफ़ी हद तक हम-और-तुम माहौल तक सीमित थी। मैंने कभी नहीं देखा कि वह इन ‘आदर्श’ स्थितियों के बाहर कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है।” उनका विवाह तलाक़ होकर टूट गया। ऐसी त्रासदी से बचने की कुंजी? एक सफल कोर्टशिप चलाना!

डेटिंग करने से पहले

“चतुर मनुष्य समझ बूझकर चलता है।” (नीतिवचन १४:१५) जिस व्यक्‍ति को आप शायद ही जानते हैं उसके लिए रोमांटिक भावनाएँ विकसित करना विपत्ति को न्योता देता है—वह व्यक्‍ति आकर्षक लगे तो भी। यह एक ऐसे व्यक्‍ति के साथ विवाह की ओर ले जा सकता है जिसकी भावनाएँ और लक्ष्य आपसे कोसों दूर हैं! इसलिए यह समझदारी की बात है कि पहले उस व्यक्‍ति को सामूहिक माहौल में देखें, संभवतः जब आप किसी क़िस्म के मनबहलाव का आनन्द ले रहे हैं।

“मैं जानता था कि यदि मैं शुरू में बहुत क़रीब आ जाता, तो मेरी भावनाएँ मेरी परख को धुँधला कर देतीं,” मनोहरन ने बताया, जिसके सुखी विवाहित जीवन के अब दस साल हो गए। “सो मैंने सुन्दरी की जानकारी के बिना कि मुझे उसमें दिलचस्पी है उसे दूर से देखा। मैं देख सका कि वह दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करती है, या क्या वह इश्‍कबाज़ है। साधारण बातचीत में, मैंने उसकी परिस्थितियों और लक्ष्यों का पता लगाया।” उसे अच्छी तरह जाननेवाले किसी व्यक्‍ति के साथ बात करने से भी यह पता लगाने में मदद मिलती है कि उसका कैसा नाम है।—नीतिवचन ३१:३१ से तुलना कीजिए।

शुरू-शुरू की डेटिंग

यह फ़ैसला करने के बाद कि यह व्यक्‍ति आपके लिए उपयुक्‍त विवाह-साथी हो सकता है, आप उसके पास जाकर उसे बता सकते हैं कि आप उसे ज़्यादा अच्छी तरह जानने की इच्छा रखते हैं। * यह मानते हुए कि उधर से हाँ होती है, आपकी पहली डेटिंग को कोई भव्य आयोजन होने की ज़रूरत नहीं। शायद भोजन के लिए साथ जाना या एक सामूहिक डेटिंग पर जाना भी आपको ज़्यादा अच्छी तरह परिचित होने में समर्थ करेगा ताकि आप फ़ैसला कर सकें कि आप सम्बन्ध को आगे बढ़ाना चाहते हैं या नहीं। बातों को थोड़ा-बहुत अनौपचारिक रखना कुछ बेचैनी दूर करने में मदद देता है जो शुरू-शुरू में दोनों को हो सकती है। और असमय वचन देने से बचने के द्वारा, आप ठुकराए जाने—या लज्जा—की भावनाओं को कम कर सकते हैं यदि आपमें से एक की दिलचस्पी चली जाती है।

चाहे जिस भी क़िस्म की डेटिंग करने की सोची हो, समय पर आइए, स्वच्छ और उपयुक्‍त रीति से तैयार होकर आइए। अच्छी तरह बातचीत करने की पटुता दिखाइए। ध्यान से सुनिए। (याकूब १:१९) जबकि ऐसे मामलों में कोई पक्के नियम नहीं हैं, एक युवक स्थानीय शिष्टाचार के नियमों का पालन करना चाहेगा। इनमें युवती के लिए द्वार खोलना या उसके लिए कुर्सी रखना शामिल हो सकता है। एक युवती यह अपेक्षा नहीं करेगी कि उसके साथ किसी राजकुमारी के जैसा व्यवहार किया जाए, बल्कि उसे अपने डेटिंगवाले के प्रयासों में मर्यादा से सहयोग देना चाहिए। एक दूसरे के साथ आपसी आदर से व्यवहार करने के द्वारा, युगल भविष्य के लिए एक आदत बना सकते हैं। पति को आज्ञा दी गयी है कि ‘अपनी पत्नी को निर्बल पात्र जानकर उसका आदर करे।’ और पत्नी को ‘अपने पति के लिए गहरा आदर’ रखना चाहिए।—१ पतरस ३:७; इफिसियों ५:३३, NW.

क्या हाथ थामना, चूमना, या गले लगाना उपयुक्‍त है, और यदि हाँ तो कब? जब प्रीति की सच्ची अभिव्यक्‍तियों के रूप में किए जाएँ और स्वार्थी वासना के लिए नहीं, तब स्नेह के प्रदर्शन साफ़ भी और उचित भी हो सकते हैं। बाइबल की श्रेष्ठगीत नामक पुस्तक सूचित करती है कि शूलेम्मिन कन्या और उस चरवाहे लड़के के बीच प्रीति की कुछ उपयुक्‍त अभिव्यक्‍तियाँ हुई थीं जिससे वह प्रेम करती थी और जल्द ही विवाह करनेवाली थी। (श्रेष्ठगीत १:२; २:६; ८:५) लेकिन उस निष्कलंक जोड़े की तरह, युगल यह भी ध्यान रखेंगे कि स्नेह के प्रदर्शन गंदे न हो जाएँ या लैंगिक अनैतिकता की ओर न ले जाएँ। * (गलतियों ५:१९, २१) यह तर्कसंगत है कि प्रीति की ऐसी अभिव्यक्‍तियाँ केवल तब की जानी चाहिए जब सम्बन्ध उस हद पर पहुँच गया है जहाँ आपसी वचनबद्धता विकसित हो गयी है और विवाह सामने दिखायी पड़ता है। आत्म-संयम दिखाने के द्वारा, आप सफल कोर्टशिप के मुख्य लक्ष्य से विकर्षित होने से बच सकते हैं, अर्थात्‌ . . .

“गुप्त मनुष्यत्व” को जानना

एक अनुसंधान टीम ने विवाह और परिवार पत्रिका (अंग्रेज़ी) के मई १९८० अंक में रिपोर्ट किया: “यदि लोग एक दूसरे के आन्तरिक व्यक्‍तित्व के काफ़ी कुछ ज्ञान के साथ विवाह में प्रवेश करते हैं तो उसके चलने और पनपने की संभावना अधिक दिखती है।” जी हाँ, अपने साथी के “गुप्त मनुष्यत्व” को जानना अत्यावश्‍यक है।—१ पतरस ३:४.

फिर भी, दूसरे के हृदय के विचार ‘निकालने’ में प्रयास और समझ की ज़रूरत होती है। (नीतिवचन २०:५) सो ऐसी गतिविधियों की योजना बनाइए जो आपके साथी के आन्तरिक व्यक्‍तित्व को देखने में संभवतः आपकी अधिक मदद करेंगी। जबकि फ़िल्म देखने जाना या संगीत-समारोह में जाना शुरू में शायद काफ़ी हो, लेकिन ऐसी गतिविधियों में भाग लेना जो बातचीत करने का अधिक अवसर देती हैं (जैसे रोलर-स्केटिंग करना, गेंद खेलना, चिड़ियाघर, संग्रहालय, और कला प्रदर्शनियों में जाना) ज़्यादा अच्छी तरह परिचित होने में आपकी और मदद कर सकता है।

अपने साथी की भावनाओं की एक झलक पाने के लिए, इस प्रकार के प्रश्‍न पूछकर देखिए, जैसे ‘आप अपना खाली समय कैसे बिताते हैं?’ ‘यदि पैसा कोई बाधा न हो, तो आप क्या करना चाहेंगे?’ ‘परमेश्‍वर के प्रति हमारी उपासना का कौन-सा पहलू आपको सबसे अच्छा लगता है? क्यों?’ ये अन्दर के विचार निकालते हैं जो आपको यह जानने में मदद देते हैं कि आपका साथी किन बातों को महत्त्वपूर्ण समझता है।

जैसे-जैसे सम्बन्ध गहरा होता जाता है और आप दोनों विवाह पर अधिक गंभीरता से विचार करते हैं, महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीरता से बात करने की ज़रूरत है, जैसे आपकी मान्यताएँ; आप कहाँ और कैसे रहेंगे; आर्थिक मामले, जिसमें यह सम्मिलित है कि क्या आप दोनों नौकरी करेंगे; बच्चे; गर्भ निरोधक; विवाह में प्रत्येक की भूमिका के बारे में धारणाएँ; और दोनों ही, तात्कालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य और उन्हें प्राप्त करने की आपकी क्या योजना है। यहोवा के अनेक युवा साक्षी स्कूल समाप्त करने के बाद पूर्ण-समय के सुसमाचारक बन जाते हैं और विवाह के बाद भी उसी रूप से सेवा करते रहने की इच्छा रखते हैं। यह समय है कि आप दोनों यह निश्‍चित करें कि आपके आध्यात्मिक लक्ष्य एकसमान हैं। यह बातें बताने का भी समय है, संभवतः अपने अतीत की बातें जो विवाह को प्रभावित कर सकती हैं। ये किसी बड़े कर्ज़ या ज़िम्मेदारी के बारे में हो सकती हैं। स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कोई गंभीर बीमारी, और उनके परिणामों की भी खुलकर चर्चा की जानी चाहिए।

ऐसी चर्चाओं में, एलीहू के उदाहरण का पालन कीजिए, जिसने कहा: “मैं सीधे अपने हृदय से बोलता हूँ और निष्कपटता से कहता हूँ।” (अय्यूब ३३:३, द होली बाइबल इन द लैंगुएज ऑफ़ टुडे, विलियम बॆक द्वारा) यह समझाते हुए कि कैसे उसकी कोर्टशिप ने उसे विवाह के लिए तैयार किया जो कि सुखी साबित हुआ, ऎस्तर ने कहा: “मैंने कभी ‘ढोंग करने’ या यह कहने की कोशिश नहीं की कि मैं जे के साथ सहमत हूँ यदि मेरा विचार अलग होता था। मैं अभी भी नहीं करती। मैं हमेशा सच बोलने की कोशिश करती हूँ।”

अपने साथी को उलझन में डालने के डर से नाज़ुक विषयों से कतराइए नहीं अथवा उन पर परदा मत डालिए। जॉन के साथ अपनी कोर्टशिप के दौरान बॆथ ने यही ग़लती की। बॆथ ने कहा कि वह भविष्य के लिए बचत करने और पैसा बरबाद न करने में विश्‍वास करती है। जॉन ने कहा कि वह सहमत है। बॆथ ने यह सोचते हुए कि आर्थिक मामलों में वे एकमत हैं और प्रश्‍न नहीं किए। लेकिन हुआ यह कि भविष्य के लिए बचत करने के बारे में जॉन का विचार था एक नयी स्पोट्‌र्स कार के लिए बचत करना! पैसा कैसे ख़र्च करना है इस पर उनका मतभेद विवाह के बाद दुःखद रूप से स्पष्ट हो गया।

ऐसी ग़लतफ़हमियों से बचा जा सकता है। पहले उल्लिखित, लूइज़ अपनी कोर्टशिप को याद करते हुए कहती है: “मुझे और ढेर सारे प्रश्‍न पूछने चाहिए थे, जैसे ‘यदि मैं गर्भवती हो जाऊँ और आप बच्चा नहीं चाहते, तो आप क्या करेंगे?’ या ‘यदि हम कर्ज़ में हों और मैं घर पर रहकर हमारे बच्चे की देखभाल करना चाहूँ, तो आप स्थिति कैसे संभालेंगे?’ तब मैंने ध्यानपूर्वक उसकी प्रतिक्रिया नोट की होती।” ऐसी बातचीत हृदय के गुण सामने ला सकती है जिन्हें विवाह से पहले ज़रूर देख लेना चाहिए।

उसे हरकत में देखिए!

“एक व्यक्‍ति हम-और-तुम माहौल में आपके साथ बहुत अच्छा हो सकता है,” ऎस्तर ने बताया। “लेकिन जब दूसरे आस-पास होते हैं तब वह अकसर एक अनपेक्षित स्थिति में पड़ जाता है। आपका एक मित्र आपके साथी को कुछ कह सकता है जो शायद उसे पसन्द न आए। अब आप देख पाते हैं कि दबाव में वह कैसी प्रतिक्रिया दिखाता है। क्या वह उस व्यक्‍ति पर झल्लाएगा या व्यंग्य कसेगा?” अन्त में वह कहती है: “अपनी कोर्टशिप के दौरान एक दूसरे के मित्रों और परिवार के साथ मिलने-जुलने से हमें बहुत मदद मिली।”

मनबहलाव के साथ-साथ, एकसाथ काम करने में समय बिताइए। मसीही कामों में भाग लीजिए, जिसमें परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन और मसीही सेवकाई सम्मिलित है। साथ ही, कुछ दैनिक काम-काज कीजिए जो विवाह के बाद जीवन-शैली बन जाएँगे—भोजन वस्तुएँ ख़रीदना, खाना पकाना, बर्तन धोना, और घर साफ़ करना। असली-जीवन परिस्थितियों में एकसाथ होने के द्वारा—जब आपका साथी अपने सबसे बुरे रूप में भी हो सकता है—आप किसी दिखावटी मुखौटे के पीछे देख सकते हैं।

श्रेष्ठगीत के चरवाहे लड़के ने देखा कि उसकी प्रेमिका उस समय कैसा व्यवहार करती थी जब वह निराश होती थी या जब वह चिलचिलाती धूप में मेहनत कर रही होती थी—पसीने-पसीने और थकी हुई। (श्रेष्ठगीत १:५, ६; २:१५) यह भी देखने के बाद कि कैसे उसने धनी राजा सुलैमान के प्रलोभनों का निष्ठा से विरोध किया, उसने कहा: “हे मेरी प्रिय तू सर्वांग सुन्दरी है; तुझ में कोई दोष नहीं।” (श्रेष्ठगीत ४:७) निश्‍चित ही उसका यह अर्थ नहीं था कि वह परिपूर्ण थी, बल्कि यह कि उसमें कोई मूल नैतिक दोष या कलंक नहीं था। उसकी शारीरिक सुन्दरता में उसकी नैतिक शक्‍ति ने चार चाँद लगाए, जो उसकी किसी कमज़ोरी से अधिक महत्त्व की थी।—अय्यूब ३१:७ से तुलना कीजिए।

ऐसी जाँच-परख करने में समय लगता है। सो अंधाधुंध कोर्टशिप मत कीजिए। (नीतिवचन २१:५) अकसर एक पुरुष और स्त्री एक दूसरे का प्रेम जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन यदि पर्याप्त समय दिया जाए, तो अप्रीतिकर आदतों और प्रवृत्तियों को प्रकट होने का रास्ता मिलता है। जो युगल न सिर्फ़ समय लेते हैं बल्कि कोर्टशिप के दौरान उसका सदुपयोग भी करते हैं संभवतः विवाह के बाद मेल बैठाना ज़्यादा आसान पाएँगे। पूरी तरह आँखें खोले हुए, वे विवाह में इस विश्‍वास के साथ प्रवेश कर सकते हैं कि वे उठनेवाले मतभेदों को दूर कर पाएँगे। सफल कोर्टशिप ने उन्हें एक सफल और सुखी विवाह के लिए तैयार कर दिया है।

[फुटनोट]

^ पैरा. 8 यह उन देशों में लागू होता है जहाँ डेटिंग सामान्य है और इसे मसीहियों के लिए उचित आचरण समझा जाता है। प्रायः पुरुष पहल करता है, परन्तु ऐसा कोई शास्त्रीय सिद्धान्त नहीं जो एक युवती को मर्यादित ढंग से अपनी भावनाएँ व्यक्‍त करने से रोके यदि युवक शर्मीला या संकोची प्रतीत होता है।—श्रेष्ठगीत ८:६ से तुलना कीजिए।

^ पैरा. 10 अध्याय २४ देखिए, “मैं विवाहपूर्व सॆक्स के लिए न कैसे कहूँ?”

चर्चा के लिए प्रश्‍न

◻ कोर्टशिप का एक मुख्य लक्ष्य क्या है, और यह वैवाहिक सुख के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है?

◻ कौन-सी बात आपको दूसरे का “आन्तरिक व्यक्‍तित्व” जानने में मदद देगी?

◻ किस क़िस्म की बातचीत एक सफल कोर्टशिप में योग देती है?

◻ तरह-तरह की परिस्थितियों में एकसाथ समय बिताना क्यों सहायक है?

◻ कौन-सी कुछ बातें संकेत देती हैं कि सम्बन्ध में कुछ गड़बड़ है?

◻ कब एक कोर्टशिप को रोक देना चाहिए?

[पेज 255 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

“यदि लोग एक दूसरे के आन्तरिक व्यक्‍तित्व के काफ़ी कुछ ज्ञान के साथ विवाह में प्रवेश करते हैं तो उसके चलने और पनपने की संभावना अधिक दिखती है।”—विवाह और परिवार पत्रिका

[पेज 256, 257 पर बक्स/तसवीर]

क्या हम सम्बन्ध तोड़ दें?

जब रोमांस उस चौराहे पर आ खड़ा होता है जहाँ फ़ैसला लेना ज़रूरी है, तब शंकाएँ उठना कोई अनोखी बात नहीं। तब क्या यदि ऐसी शंकाएँ उस व्यक्‍ति की बड़ी कमियों के कारण उठी हैं जिसके साथ आप डेटिंग कर रहे हैं या स्वयं सम्बन्ध में कमियों के कारण उठी हैं?

उदाहरण के लिए, यह सच है कि जो लोग एक दूसरे से प्रेम करते हैं उनमें भी कभी-कभी मतभेद होते हैं। (उत्पत्ति ३०:२; प्रेरितों १५:३९ से तुलना कीजिए।) लेकिन यदि हर बात पर आपका मतभेद होता है, यदि हर चर्चा झगड़े में बदल जाती है, या यदि आपका सम्बन्ध टूटने-जुड़ने का अन्तहीन चक्र है तो सावधान! ४०० चिकित्सकों के एक सर्वेक्षण ने प्रकट किया कि हमेशा की किचकिच “विवाह के लिए भावात्मक रूप से तैयार न होने” का एक बड़ा संकेत है, संभवतः यह “युगल के बीच अनपलट विरोध” भी दिखाती है।

चिन्ता का एक और कारण हो सकता है एक भावी साथी के व्यक्‍तित्व की परेशान करनेवाली कमियों के बारे में आपको पता चलना। हिंसक क्रोध का प्रदर्शन अथवा स्वार्थ, अपरिपक्वता, तुनकमिज़ाजी, या ज़िद्दीपन का हलका संकेत भी आपको सोच में डाल सकता है कि आप इस व्यक्‍ति के साथ अपना बाक़ी का जीवन बिताना चाहते हैं या नहीं। लेकिन अनेक लोग ऐसी कमियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं या उनकी सफ़ाई देने की कोशिश करते हैं और हर क़ीमत पर सम्बन्ध को सफल बनाने के लिए निश्‍चित दिखायी पड़ते हैं। ऐसा क्यों है?

क्योंकि सच्चे मसीहियों के बीच कोर्टशिप को गंभीरता से लिया जाता है—जो कि सही है—कुछ लोग उस व्यक्‍ति से विवाह करने का दबाव महसूस करते हैं जिसके साथ वे डेटिंग कर रहे हैं। उन्हें शायद उस व्यक्‍ति का सामना करने और संभवतः उसे चोट पहुँचाने की भी दहशत हो। दूसरों को शायद बस यह डर हो कि विवाह करने के लिए वे किसी और को नहीं ढूँढ पाएँगे। फिर भी, ये एक समस्या-ग्रस्त कोर्टशिप को आगे घसीटने के अच्छे कारण नहीं हैं।

कोर्टशिप का उद्देश्‍य है विवाह की संभावना का पता चलाना। और यदि एक मसीही साफ़ मन से कोर्टशिप शुरू करता है, और वह ठीक नहीं चलती तो उस पर आगे बढ़ने की कोई बाध्यता नहीं। इसके अलावा, क्या यह मानकर कि ‘शायद मुझे कोई और न मिले,’ एक बिगड़ते सम्बन्ध को आगे घसीटना ग़लत और स्वार्थी नहीं होगा? (फिलिप्पियों २:४ से तुलना कीजिए।) अतः यह महत्त्वपूर्ण है कि आप दोनों मिलकर अपनी समस्याओं का सामना करें—उनसे कतराएँ नहीं। जिसके साथ आप डेटिंग कर रहे हैं उस पर एक सूक्ष्म दृष्टि डालने के द्वारा शुरूआत कीजिए।

उदाहरण के लिए, क्या इसका सबूत है कि यह ऐसी स्त्री है जो अधीनता में रहेगी, एक कुशल पत्नी बनेगी? (नीतिवचन ३१:१०-३१) क्या इसका सबूत है कि यह ऐसा पुरुष है जो आत्म-त्यागी प्रेम दिखाएगा और भरण-पोषण करने में समर्थ होगा? (इफिसियों ५:२८, २९; १ तीमुथियुस ५:८) एक व्यक्‍ति परमेश्‍वर का जोशीला सेवक होने का दावा कर सकता है, लेकिन क्या उसके काम विश्‍वास के ऐसे दावे की पुष्टि करते हैं?—याकूब २:१७, १८.

निःसंदेह, यदि आपने एक सम्बन्ध विकसित करने में काफ़ी समय और भावनाएँ लगायी हैं तो सिर्फ़ इस कारण उसे तोड़ने की जल्दबाज़ी मत कीजिए कि वह व्यक्‍ति परिपूर्ण नहीं है और आप यह बात जान गए हैं। (याकूब ३:२) संभवतः उस व्यक्‍ति की कमियाँ ऐसी हैं जिनके साथ आप जी सकते हैं।

तब क्या यदि वे ऐसी नहीं हैं? इस पर बात कीजिए। क्या आपके लक्ष्य या दृष्टिकोण बहुत अलग-अलग हैं? या क्या बस ग़लतफ़हमियाँ हो गयी हैं? क्या यह हो सकता है कि आप दोनों को ‘अपनी आत्मा वश में’ करना और मामलों को ज़्यादा शान्ति से सुलझाना सीखने की ज़रूरत है? (नीतिवचन २५:२८) यदि उसके व्यक्‍तित्व की खिजाऊ आदतें आपको चिन्तित करती हैं, तो क्या वह अपनी कमियों को नम्रता से स्वीकार करता/ती है और सुधार करने की इच्छा दिखाता/ती है? क्या आपको कम भावुक, कम छुईमुई होने की ज़रूरत है? (सभोपदेशक ७:९) ‘प्रेम से एक दूसरे की सह लेना’ अच्छे विवाह का मूल-मंत्र है।—इफिसियों ४:२.

मामलों पर बात करना, आपके सम्बन्ध को नष्ट करने के बजाय भविष्य में इसके बढ़ने की क्षमता को प्रकट कर सकता है! लेकिन यदि फिर से चर्चा का कोई परिणाम नहीं निकलता जो कि कुंठित करता है, तो निकट आते संकट के स्पष्ट संकेतों को नज़रअंदाज़ मत कीजिए। (नीतिवचन २२:३) विवाह के बाद स्थिति के सुधरने की संभावना कम है। कोर्टशिप रोकना आप दोनों के हित में हो सकता है।

[पेज 253 पर तसवीर]

समूह में एक दूसरे को देखना आपको रोमांटिक लगाव के बिना परिचित होने में मदद दे सकता है

[पेज 254 पर तसवीर]

स्थानीय शिष्टाचार के नियमों और अच्छे तौर-तरीक़ों का पालन करना आपसी आदर की आदत डालता है जो विवाह के बाद भी बनी रह सकती है

[पेज 259 पर तसवीर]

जब यह प्रत्यक्ष हो जाता है कि एक कोर्टशिप सफल नहीं हो रही, तब आमने-सामने बात करना, यह समझाना कि इस सम्बन्ध को क्यों समाप्त किया जाना चाहिए, भली बात है