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मैं अपने शिक्षक के साथ पटरी कैसे बैठाऊँ?

मैं अपने शिक्षक के साथ पटरी कैसे बैठाऊँ?

अध्याय २०

मैं अपने शिक्षक के साथ पटरी कैसे बैठाऊँ?

“पक्षपाती शिक्षक मुझे एक आँख नहीं भाता,” युवा मिनी कहती है। इसमें संदेह नहीं कि आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं। फिर भी, १९८१ में १,६०,००० अमरीकी युवाओं के एक सर्वेक्षण में, ७६ प्रतिशत ने अपने शिक्षकों पर किसी-न-किसी क़िस्म के पक्षपात का आरोप लगाया!

युवा दुःखी होते हैं जब उन्हें उस काम के लिए कम नम्बर मिलते हैं जिसके लिए उनके विचार से अधिक नम्बर मिलने चाहिए थे। वे खिजते हैं जब अनुशासन अत्यधिक या अनावश्‍यक प्रतीत होता है या जातीय पूर्वधारणा द्वारा प्रेरित लगता है। वे क्रोधित होते हैं जब शिक्षक के दुलारे को ख़ास ध्यान मिलता है या उसके साथ ज़्यादा अच्छा व्यवहार किया जाता है।

माना, शिक्षक अचूक नहीं हैं। उनकी भी कुछ विचित्रताएँ, समस्याएँ, और जी हाँ, पूर्वधारणाएँ होती हैं। लेकिन बाइबल चिताती है: “अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो।” (सभोपदेशक ७:९) शिक्षक भी “बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।” (याकूब ३:२) इसलिए क्या आप अपने शिक्षक को संदेह लाभ दे सकते हैं?

फ्रॆडी नाम के एक युवा ने नोट किया कि उसका शिक्षक “सभी पर झल्ला रहा था।” व्यवहार-कुशलता से फ्रॆडी शिक्षक के पास गया और इस चिड़चिड़े व्यवहार का कारण पता लगाया। “सुबह मेरी कार ख़राब हो गयी,” शिक्षक ने बताया। “रास्ते में वह बहुत गर्म हो गयी और मैं काम पर देर से पहुँचा।”

शिक्षक और उनके दुलारे

शिक्षक के दुलारों को जो ख़ास लाभ दिए जाते हैं उसके बारे में क्या? ध्यान रखिए कि एक शिक्षक के सामने अनोखी माँगें और दबाव आते हैं। पुस्तक किशोर होना (अंग्रेज़ी) कहती है कि शिक्षक एक “गंभीर स्थिति” का सामना करते हैं जिसमें उन्हें युवाओं के एक समूह का ध्यान खींचें रखने की कोशिश करनी पड़ती है “जिनका ध्यान सामान्यतः कहीं और होता है . . . उनके सामने बहुत ही मनमौजी, चुलबुले किशोरों का एक समूह होता है, जो सामान्यतः १५ मिनट से अधिक किसी बात पर ध्यान केंद्रित करने के आदी नहीं होते।”

तो फिर, क्या इसमें कोई आश्‍चर्य की बात है कि एक शिक्षक उस छात्र पर पूरा ध्यान देता है जो मन लगाकर पढ़ता है, ध्यान से सुनता है, या उसके साथ आदर से व्यवहार करता है? सच है, आपको शायद चिढ़ मचे जब प्रतीयमान ‘चापलूसों’ को आपसे अधिक ध्यान मिलता है। लेकिन जब तक कि आपकी शैक्षिक ज़रूरतों की उपेक्षा नहीं की जाती, इस बात से परेशान या ईर्ष्यालु क्यों हों कि कोई मेहनती छात्र एक शिक्षक का दुलारा है? इसके अलावा, यह विचार बुरा नहीं कि आप भी थोड़े और मेहनती बनें।

कक्षा में युद्ध

एक छात्र ने अपने शिक्षक के बारे में कहा: “वह सोचते रहे कि हम सब ने उनके साथ युद्ध छेड़ दिया है और इसलिए उन्होंने हम पर पहला वार करने का फ़ैसला किया। वह एक भयग्रस्त व्यक्‍ति थे।” लेकिन, अनेक शिक्षक महसूस करते हैं कि उन्हें थोड़ा “भयग्रस्त” होने का अधिकार है। जैसा बाइबल ने पूर्वबताया, ये “कठिन समय” हैं, और छात्र अकसर “असंयमी, कठोर, भले के बैरी” होते हैं। (२ तीमुथियुस ३:१-३) अतः यू.एस.न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट (अंग्रेज़ी) ने कहा: “अनेक शहरी स्कूल क्षेत्रों में शिक्षक हिंसा के भय के साथ जीते हैं।”

शिक्षकों के बारे में भूतपूर्व शिक्षक रॉनल्ड बॆट्‌स कहता है: “बच्चे इसे अपना जन्मजात कर्तव्य समझते हैं कि . . . [लाक्षणिक रूप से] उन्हें धकेलें और कोंचें और देखें कि वे किस हद तक झुकेंगे या खिंचेंगे इससे पहले कि वे हारकर टूट जाएँ . . . जब बच्चे यह भाँप लेते हैं कि उन्होंने एक नए शिक्षक को उस हद तक धकेल दिया है जहाँ टूटने के लिए बाल-भर का फ़ासला रह गया है, तब वे थोड़ा और धकेलते हैं।” क्या आप या आपके सहपाठियों ने शिक्षक-सताहट में भाग लिया है? तो फिर अपने शिक्षक की प्रतिक्रिया से चकित मत होइए।

बाइबल कहती है: “निश्‍चय अन्धेर से बुद्धिमान बावला हो जाता है।” (सभोपदेशक ७:७) भय और अनादर के माहौल में जो कई स्कूलों में व्याप्त है, स्वाभाविक है कि कुछ शिक्षक अति-प्रतिक्रिया दिखाते हैं और सख़्त अनुशासक बन जाते हैं। किशोरावस्था की पारिवारिक हस्त-पुस्तिका (अंग्रेज़ी) कहती है: “जो छात्र . . . अपने व्यवहार से शिक्षकों के विश्‍वासों की उपेक्षा करते प्रतीत होते हैं सामान्यतः बदले में उनकी भी उपेक्षा की जाती है।” जी हाँ, रूखे शिक्षक को अकसर उसके छात्र ही वैसा बनाते हैं!

साथ ही, कक्षा में क्रूर शरारतों के प्रभावों पर विचार कीजिए। युवा वैलॆरी थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर कहती है जब वह “उस यातना, उस उत्पीड़न” के बारे में बोलती है, जो युवाओं से एवज़ी शिक्षकों को सहनी पड़ती है। रॉनल्ड बॆट्‌स आगे कहता है: “एवज़ियों को उनकी कक्षाओं द्वारा निष्ठुरता से परेशान किया जाता है, अकसर चिटकने और टूटने की हद तक धकेला जाता है।” इस बारे में निश्‍चित कि वे इससे बच निकलेंगे, छात्रों को एकाएक फूहड़पन का ढोंग करने में मज़ा आता है—एकसाथ ज़मीन पर अपनी पुस्तकें या पॆन्सिलें गिराना। या ‘बुद्धू दिखने’ और ऐसा बनने के द्वारा मानो वे उसका एक शब्द नहीं समझ सकते, वे शायद अपने शिक्षक को कुंठित करने की कोशिश करें। “हम मज़े के लिए तोड़-फोड़ मचाते हैं,” युवा बॉबी कहता है।

फिर भी, यदि आप कक्षा-क्रूरता बोते हैं, तो चकित मत होइए यदि आप एक कठोर, रूखे शिक्षक की कटनी काटते हैं। (गलतियों ६:७ से तुलना कीजिए।) सुनहरा नियम याद रखिए: “इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो।” (मत्ती ७:१२) कक्षा-शरारतों में शामिल होने से इनकार कर दीजिए। अपने शिक्षक की बातें ध्यान से सुनिए। सहयोग दीजिए। संभवतः कुछ समय बाद वह कुछ कम रूखापन महसूस करेगा—कम-से-कम आपके प्रति।

‘मेरा शिक्षक मुझे पसन्द नहीं करता’

कभी-कभी व्यक्‍तित्व भेद या किसी क़िस्म की ग़लतफ़हमी आपके शिक्षक को आपके विरुद्ध कर देती है; जिज्ञासा को विद्रोह के साथ या थोड़ी-सी झक को मूर्खता के साथ गड़बड़ाया जाता है। और यदि एक शिक्षक आपको पसन्द नहीं करता, तो वह आपको लज्जित या अपमानित करने के लिए प्रवृत्त हो सकता है। परस्पर बैर पनप सकता है।

बाइबल कहती है: “बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; . . . जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।” (रोमियों १२:१७, १८) कोशिश कीजिए कि अपने शिक्षक का गुस्सा न भड़काएँ। बिना बात की भिड़न्त से बचिए। अपने शिक्षक को शिक़ायत का कोई उचित कारण मत दीजिए। बल्कि, मैत्रीपूर्ण होने की कोशिश कीजिए। ‘मैत्रीपूर्ण? उनके साथ?’ आप पूछते हैं। जी हाँ, जब आप कक्षा में आते हैं तब अपने शिक्षक को आदरपूर्वक नमस्कार करने के द्वारा शिष्टता दिखाइए। आपकी सतत भद्रता—समय-समय पर एक मुस्कान भी—शायद आपके बारे में उसकी राय बदल दे।—रोमियों १२:२०, २१ से तुलना कीजिए।

सच है, आप मुस्कराकर हमेशा एक स्थिति को नहीं सुधार सकते। लेकिन सभोपदेशक १०:४ सलाह देता है: “यदि हाकिम [या अधिकार रखनेवाले व्यक्‍ति] का क्रोध [तुझे ताड़ना देने के द्वारा] तुझ पर भड़के, तो अपना स्थान न छोड़ना, क्योंकि धीरज धरने से बड़े बड़े पाप रुकते हैं।” यह भी याद रखिए कि “कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठण्डी होती है।”—नीतिवचन १५:१.

‘मुझे अधिक नम्बर मिलने चाहिए थे’

यह एक आम शिक़ायत है। इस समस्या के बारे में अपने शिक्षक से बात करने की कोशिश कीजिए। बाइबल बताती है कि राजा दाऊद की एक गंभीर कमी को प्रकट करने के कठिन कार्य को नातान ने कैसे संभाला। नातान चिल्ला-चिल्लाकर आरोप लगाता हुआ महल में नहीं घुसा, बल्कि वह व्यवहार-कुशलता से दाऊद के पास गया।—२ शमूएल १२:१-७.

उसी प्रकार आप भी नम्रतापूर्वक, और शान्तिपूर्वक अपने शिक्षक के पास जा सकते हैं। भूतपूर्व स्कूल शिक्षक ब्रूस वॆबर हमें याद दिलाता है: “छात्र का विद्रोह, शिक्षक में हठ भड़काता है। यदि आप चीखते-चिल्लाते हैं या कहते हैं कि घोर अन्याय हुआ है और बदला लेने की क़सम खाते हैं, तो कुछ नहीं होनेवाला।” एक अधिक प्रौढ़ तरीक़ा अपनाकर देखिए। आप अपने शिक्षक से यह पूछने के द्वारा शुरू कर सकते हैं कि वह आपको उसके नम्बर देने का तरीक़ा समझने में मदद दे। फिर, वॆबर कहता है, आप ‘अपने आपको ख़राब फ़ैसले के बजाय भूल या ग़लत हिसाब का शिकार साबित करने की कोशिश कर सकते हैं। स्वयं अपनी शिक्षिका का नम्बर देने का तरीक़ा प्रयोग कीजिए; उसे दिखाइए कि आप अपने नम्बर में कहाँ ग़लती देखते हैं।’ चाहे आपके नम्बर नहीं बदले जाते, तो भी आपकी प्रौढ़ता संभवतः आपके शिक्षक पर एक सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

अपने माता-पिता को बताइए

लेकिन, कभी-कभी मात्र बात करना व्यर्थ साबित होता है। सूज़न के अनुभव को लीजिए। अव्वल छात्र होने के कारण, वह दंग रह गयी जब उसकी एक शिक्षिका ने उसे फ़ेल करना शुरू कर दिया। समस्या? सूज़न एक यहोवा की साक्षी थी, और उसकी शिक्षिका ने एक क़िस्म से स्वीकार किया कि वह सूज़न को इसी कारण नापसन्द करती थी। “मैं बहुत निराश हुई,” सूज़न कहती है, “और मैं नहीं जानती थी कि क्या करूँ।”

सूज़न याद करती है: “मैंने हिम्मत बटोरी और अपनी मम्मी [एक-जनक] को इस शिक्षिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘अच्छा, मैं आपकी शिक्षिका से बात करके देखती हूँ।’ और शिक्षक-अभिभावक सभा में वह मेरी शिक्षिका के पास गयीं और उनसे पूछा कि समस्या क्या है। मैंने सोचा कि मेरी मम्मी सचमुच भड़क उठेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने बस शान्ति से उनके साथ बात की।” उस शिक्षिका ने सूज़न के लिए दूसरी शिक्षिका का प्रबन्ध किया।

माना, सभी उलझनें आसानी से नहीं सुलझतीं, और कभी-कभी आपको धीरज धरना पड़ता है। लेकिन यदि आप इस सत्र में अपने शिक्षक के साथ शान्ति से रह सकते हैं, तो अगला साल आएगा ही, जब आपकी एक ताज़ा शुरूआत होगी, संभवतः अलग सहपाठी होंगे—और संभवतः एक नया शिक्षक भी होगा जिसके साथ पटरी बैठाने की कोशिश कर सकते हैं।

चर्चा के लिए प्रश्‍न

◻ आप उस शिक्षक को किस दृष्टि से देख सकते हैं जो आपके साथ पक्षपाती व्यवहार करता है?

◻ शिक्षक अकसर अपने दुलारों पर इतना ध्यान क्यों देते हैं?

◻ आप उस शिक्षक से कैसे सीख सकते हैं जो उबाऊ लगता है?

◻ कुछ शिक्षक अपने छात्रों के प्रति रूखे क्यों प्रतीत होते हैं?

◻ आप कक्षा में सुनहरा नियम कैसे लागू कर सकते हैं?

◻ यदि आपको लगता है कि आपको ठीक नम्बर नहीं दिए जा रहे या आपके साथ ठीक तरह से व्यवहार नहीं किया जा रहा, तो आप क्या कर सकते हैं?

[पेज 158 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

शिक्षक के दुलारों को दिया गया ध्यान प्रायः चिढ़ भड़काता है

[पेज 163 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

“अनेक शहरी स्कूल क्षेत्रों में शिक्षक हिंसा के भय के साथ जीते हैं।”—यू.एस.न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट

[पेज 160,161 पर बक्स/तसवीर]

‘मेरा शिक्षक उबाऊ है!’

किशोरावस्था की पारिवारिक हस्त-पुस्तिका कहती है: “कुछ सर्वेक्षण दिखाते हैं कि अधिकांश किशोर छात्र शिक्षकों की आलोचना करते हैं, शिक़ायत करते हैं कि वे उबाऊ हैं या उनमें हास्यभाव की कमी है।” आज नहीं तो कल, आपको भी एक शिक्षक मिल सकता है जो इतना उबाऊ हो कि आपको ‘रोना आ जाए।’ आप क्या कर सकते हैं?

हाल के एक प्रयोग ने प्रकट किया कि औद्योगिक कला, शारीरिक शिक्षा, और संगीत जैसी कक्षाओं में एक किशोर की एकाग्रता का स्तर काफ़ी ऊँचा होता है। लेकिन, भाषा और इतिहास की कक्षाओं में एकाग्रता का स्तर बिलकुल नीचे गिर जाता है।

क्या शारीरिक-शिक्षा या संगीत प्रशिक्षक किताबी विषयों के शिक्षकों से अधिक कुशल होते हैं? अति संभव नहीं। प्रत्यक्षतः, अनेक छात्रों की किताबी विषयों के प्रति एक नकारात्मक मनोवृत्ति होती है। और यदि छात्र पहले से फ़ैसला कर लेते हैं कि अमुक विषय उबाऊ है, तो सुकरात जितना कुशल शिक्षक भी उनका ध्यान खींचे रखना कठिन पाएगा! तो फिर, क्या यह हो सकता है कि कुछ विषयों के प्रति आपकी मनोवृत्ति में बदलाव की ज़रूरत है? जो आप सीखते हैं उसमें थोड़ी और दिलचस्पी लेने से शायद स्कूल से ऊब चली जाए।

कभी-कभी सीखने में दिलचस्पी रखनेवाले छात्र भी शिक़ायत करते हैं कि उनके शिक्षक “बेकार” हैं। लेकिन एक “अच्छा” शिक्षक कौन होता है? एक युवा लड़की ने कहा: “मुझे अपनी गणित की शिक्षिका पसन्द हैं क्योंकि वह बड़ी मज़ेदार हैं।” एक लड़के ने अपने अंग्रेज़ी के शिक्षक की प्रशंसा की क्योंकि वह ‘ढेर सारे चुटकुले सुनाते हैं।’

लेकिन जबकि रुचिकर या मनोरंजक तक होना एक शिक्षक की ख़ूबी हो सकती है, फिर भी यह बात उसके “औरों को . . . सिखाने के योग्य” होने के लिए एवज़ नहीं है। (२ तीमुथियुस २:२) जबकि बाइबल यहाँ आध्यात्मिक योग्यताओं का उल्लेख कर रही है, यह इस सच्चाई को विशिष्ट करता है कि एक अच्छे शिक्षक को अपना विषय जानना चाहिए।

दुःख की बात है, ज्ञान और एक आकर्षक व्यक्‍तित्व हमेशा एक ही व्यक्‍ति में नहीं होते। उदाहरण के लिए, प्रेरित पौलुस परमेश्‍वर के वचन के उपदेशक के रूप में बहुत ही योग्य था। फिर भी पौलुस के समय में कुछ मसीहियों ने शिक़ायत की कि “वह देह का निर्बल और वक्‍तव्य का हल्का जान पड़ता है।” पौलुस ने उत्तर दिया: “यदि मैं वक्‍तव्य में अनाड़ी हूं, तौभी ज्ञान में नहीं।” (२ कुरिन्थियों १०:१०; ११:६) यदि कुछ ने पौलुस की बातों की उपेक्षा की और सिर्फ़ एक वक्‍ता के रूप में उसकी तथाकथित कमियों को देखा, तो वे मूल्यवान ज्ञान पाने से चूक गए। जब स्कूल की बात आती है तब वही ग़लती मत कीजिए! एक शिक्षक को “बेकार” नाम देने से पहले, अपने आपसे पूछिए, ‘क्या वह अपना विषय अच्छी तरह जानते हैं? क्या मैं उनसे सीख सकता हूँ?’

शायद आपको उस शिक्षक की बातों पर थोड़ा ज़्यादा ही ध्यान लगाना पड़े जो एक नीरस वक्‍ता है। उसकी बातों पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए नोट्‌स लेकर देखिए। घर पर अधिक अध्ययन करने के द्वारा कक्षा की उबाऊ चर्चाओं की भरपाई कीजिए।

बार्बरा मेयर, जो स्वयं एक शिक्षिका है, आगे कहती है: “शिक्षक, जिन्होंने संभवतः इन्हीं पाठों को इतनी बार दोहराया होता है कि उन्हें याद भी नहीं होता, अकसर एक ढर्रे में पड़ जाते हैं।” स्थिति में जान भरने के लिए आप क्या कर सकते हैं? “अपना हाथ उठाकर अधिक जानकारी माँगकर देखिए . . . वह जो कुछ जानता है सब-का-सब आपको बताने के लिए उसे विवश कीजिए।” क्या शिक्षक इससे खिजेगा? नहीं, यदि आप ऐसा आदर के साथ करते हैं। (कुलुस्सियों ४:६) मेयर कहती है: “आप पाएँगे कि आपका शिक्षक कक्षा में थोड़ी और तैयारी करके, और सिर्फ़ ऊपरी जानकारी से कहीं अधिक के साथ आ रहा है।”

उत्साह फैलनेवाली चीज़ है, और सीखने की आपकी इच्छा शायद आपके शिक्षक में कुछ जान भर दे। निःसंदेह, बड़े परिवर्तन की अपेक्षा मत कीजिए। और शायद कुछ कक्षाएँ हों जो आपको सहनी ही पड़ेंगी। लेकिन यदि आप एक अच्छे श्रोता हैं और जो चल रहा है उसमें सच्ची दिलचस्पी रखते हैं, तो आप सीख सकते हैं—एक उबाऊ शिक्षक से भी।

[पेज 162 पर तसवीर]

स्कूल हिंसा के बढ़ते प्रभाव ने शिक्षक का काम कठिन बना दिया है

[पेज 164 पर तसवीर]

यदि आपको लगता है कि कोई अन्याय हुआ है, तो आदरपूर्वक अपने शिक्षक के पास जाइए