कुछ और सुझाव—ग
खुशी से जीएँ किताब से बाइबल अध्ययन कैसे चलाऊँ?
खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! किताब को बहुत मेहनत से तैयार किया गया है। इसे तैयार करते वक्त भाइयों ने काफी खोजबीन की और बहुत प्रार्थना की। इसका अच्छे-से इस्तेमाल करने के लिए आप बाइबल अध्ययन चलाते वक्त आगे दिए कदम उठा सकते हैं।
अध्ययन से पहले
-
1. अच्छे-से तैयारी कीजिए। अपने विद्यार्थी की ज़रूरतों के बारे में सोचिए। उसके हालात के बारे में सोचिए। यह भी सोचिए कि वह क्या मानता आया है। यह देखने की कोशिश कीजिए कि क्या ऐसी कोई बात है जो उसे समझने या मानने में मुश्किल लगेगी। सोचिए कि “ये भी देखें” भाग की कौन-सी बात उसके काम आ सकती है और उस बारे में बात करने के लिए तैयार रहिए।
अध्ययन के दौरान
-
2. अगर विद्यार्थी को एतराज़ न हो, तो शुरू में और आखिर में प्रार्थना कीजिए।
-
3. ज़्यादा मत बोलिए। किताब में दी जानकारी पर चर्चा कीजिए और विद्यार्थी को बात करने दीजिए।
-
4. किताब का कोई नया भाग शुरू करने से पहले पढ़िए कि वह किस बारे में है और उस भाग में दिए कुछ खास विषयों पर ध्यान खींचिए।
-
5. जब कोई भाग खत्म हो जाता है तो उसके आखिर में दिए सवालों पर चर्चा कीजिए ताकि विद्यार्थी को याद रहे कि उसने उस भाग में क्या सीखा।
-
6. अध्ययन चलाने के लिए:
-
क. पैराग्राफ पढ़िए।
-
ख. उन सभी आयतों को पढ़िए जिनके आगे “पढ़िए” लिखा है।
-
ग. अगर ज़रूरत लगे तो दूसरी आयतें भी पढ़िए।
-
घ. वे सारे वीडियो देखिए जिनके आगे “वीडियो देखिए” लिखा है (अगर उपलब्ध हों तो)।
-
च. सभी सवालों के जवाब पूछिए।
-
छ. “और जानिए” भाग में दी तसवीरों पर ध्यान खींचिए और विद्यार्थी से पूछिए कि उसमें क्या बताया गया है।
-
ज. हर पाठ में “लक्ष्य” भाग पर ध्यान खींचिए। विद्यार्थी को बताइए कि वह उसमें दिया लक्ष्य रख सकता है और कुछ और लक्ष्य भी रख सकता है। ऐसा करने से वह खुद देख पाएगा कि वह आगे बढ़ रहा है या नहीं।
-
झ. विद्यार्थी से पूछिए कि क्या अध्ययन की तैयारी करते वक्त उसे “ये भी देखें” भाग का कोई वीडियो या लेख पसंद आया।
-
ट. एक बार में एक पाठ पूरा करने की कोशिश कीजिए।
-
अध्ययन के बाद
-
7. अपने विद्यार्थी के बारे में सोचते रहिए। यहोवा से प्रार्थना कीजिए कि वह आपके विद्यार्थी की मेहनत पर आशीष दे और वह आगे बढ़ता रहे। यहोवा से बुद्धि भी माँगिए ताकि आप अपने विद्यार्थी की मदद कर पाएँ।