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ज़मीर

ज़मीर

हम कैसे जानते हैं कि यहोवा ने सभी इंसानों को ज़मीर दिया है?

रोम 2:14, 15

ये भी देखें: 2कुर 4:2

अगर एक इंसान गलत काम करता रहे, तो इसका उसके ज़मीर पर क्या असर हो सकता है?

1ती 4:2; तीत 1:15

ये भी देखें: इब्र 10:22

अगर हमें लगे कि हम जो कर रहे हैं वह सही है, तो क्या इसका मतलब वह काम सही ही होगा?

यूह 16:2, 3; रोम 10:2, 3

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 2इत 18:1-3; 19:1, 2​—राजा यहोशापात को लगा कि दुष्ट राजा अहाब की मदद करके वह सही कर रहा है, पर यहोवा ने उसे डाँटा

    • प्रेष 22:19, 20; 26:9-11​—पौलुस ने बताया कि एक वक्‍त पर उसे लगता था कि यीशु के चेलों को सताने और मार डालने में कोई बुराई नहीं है

हमारा ज़मीर सही से काम करे, इसके लिए हमें क्या करना होगा?

2ती 3:16, 17; इब्र 5:14

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 1शम 24:2-7​—दाविद ने अपने ज़मीर की सुनी और यहोवा के अभिषिक्‍त राजा शाऊल पर हाथ नहीं उठाया

हम पापी होने के बावजूद परमेश्‍वर के सामने साफ ज़मीर कैसे बनाए रख सकते हैं?

इफ 1:7; इब्र 9:14; 1पत 3:21; 1यूह 1:7, 9; 2:1, 2

ये भी देखें: प्रक 1:5

  • इससे जुड़े किस्से:

    • यश 6:1-8​—यहोवा ने यशायाह को यकीन दिलाया कि उसके पाप माफ कर दिए गए हैं

    • प्रक 7:9-14​—यीशु के फिरौती बलिदान की वजह से बड़ी भीड़ के लोग साफ ज़मीर से यहोवा की सेवा कर पाते हैं

अगर हमारा ज़मीर हमें बाइबल के आधार पर कुछ करने के लिए कहता है, तो हमें क्यों उसकी सुननी चाहिए?

प्रेष 24:15, 16; 1ती 1:5, 6, 19; 1पत 3:16

ये भी देखें: रोम 13:5

  • इससे जुड़े किस्से:

    • उत 2:25; 3:6-13​—आदम और हव्वा ने अपने ज़मीर की नहीं सुनी और बाद में उन्हें पछताना पड़ा

    • नहे 5:1-13​—नहेमायाह के दिनों में कुछ लोग परमेश्‍वर का कानून नहीं मान रहे थे और अपने भाइयों से भारी ब्याज ले रहे थे। इसलिए नहेमायाह ने उन्हें बढ़ावा दिया कि वे अपने ज़मीर की सुनें

हमें क्यों कोई फैसला लेते वक्‍त दूसरे भाई-बहनों के ज़मीर के बारे में भी सोचना चाहिए?

हमें अपना ज़मीर कैसा बनाए रखना चाहिए?