फैसले
अच्छे फैसले लेने कि लिए हम अपना मन कैसे तैयार कर सकते हैं?
भज 1:1-3; नीत 19:20; रोम 14:13; 1कुर 10:6-11
ये भी देखें: एज 7:10
बड़े फैसले लेते वक्त हमें क्यों जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए?
फैसले लेते वक्त हमें क्यों अपने दिल की नहीं सुननी चाहिए?
ये भी देखें: गि 15:39; नीत 14:12; सभ 11:9, 10
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इससे जुड़े किस्से:
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2इत 35:20-24—राजा योशियाह ने यहोवा की बात नहीं मानी और मिस्र के राजा निको से लड़ने चला गया
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ज़रूरी फैसले लेने से पहले हमें प्रार्थना क्यों करनी चाहिए?
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इससे जुड़े किस्से:
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लूक 6:12-16—यीशु ने अपने 12 प्रेषित चुनने से पहले पूरी रात प्रार्थना की
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2रा 19:10-20, 35—जब दुश्मनों की एक बड़ी सेना यरूशलेम पर हमला करनेवाली थी, तो राजा हिजकियाह ने यहोवा से प्रार्थना की और यहोवा ने अपने लोगों को बचाया
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सही फैसले लेने में कौन सबसे अच्छी तरह हमारी मदद कर सकता है और कैसे?
भज 119:105; नीत 3:5, 6; 2ती 3:16, 17
ये भी देखें: भज 19:7; नीत 6:23; यश 51:4
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इससे जुड़े किस्से:
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प्रेष 15:13-18—जब पहली सदी में शासी निकाय को एक बड़ा फैसला लेना था, तो उन्होंने शास्त्र की जाँच की
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मामले जिनमें फैसले लेने होते हैं:
इलाज
लैव 19:26; व्य 12:16, 23; लूक 5:31; प्रेष 15:28, 29
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इससे जुड़े किस्से:
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प्रेष 19:18-20—इफिसुस के मसीहियों ने दिखाया कि वे जादू-टोने से कोई नाता नहीं रखना चाहते
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छोटे-बड़े सभी मामले
नौकरी
ये देखें: “काम, नौकरी”
परमेश्वर की सेवा से जुड़े लक्ष्य
मनोरंजन
ये देखें: “मनोरंजन”
वक्त का इस्तेमाल
शादी
ये देखें: “शादी”
अनुभवी भाई-बहन अच्छे फैसले लेने में हमारी कैसे मदद कर सकते हैं?
अय 12:12; नीत 11:14; इब्र 5:14
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इससे जुड़े किस्से:
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1रा 1:11-31, 51-53—बतशेबा ने भविष्यवक्ता नातान की सलाह मानी, जिससे उसकी और उसके बेटे सुलैमान की जान बच गयी
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हमें दूसरों से क्यों नहीं कहना चाहिए कि वे हमारे लिए फैसले लें?
हमें क्यों परमेश्वर से मिलनेवाली सलाह को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए बल्कि हर हाल में उसे मानना चाहिए?
ये भी देखें: लूक 7:30
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इससे जुड़े किस्से:
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उत 19:12-14, 24, 25—लूत ने अपने होनेवाले दामादों को आनेवाले नाश के बारे में खबरदार किया, पर उन्होंने उसे अनसुना कर दिया
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2रा 17:5-17—इसराएलियों को बंदी बनाकर ले जाया गया क्योंकि उन्होंने बार-बार यहोवा की सलाह नज़रअंदाज़ की
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फैसले लेते वक्त हमें क्यों अपने ज़मीर की सुननी चाहिए?
हमारे फैसले का क्या असर हो सकता है, इस बारे में पहले से सोचना क्यों अच्छा है?
दूसरों पर असर
यहोवा के साथ हमारे रिश्ते पर असर
हमारे भविष्य पर असर
ये भी देखें: नीत 2:20, 21; 5:3-5
यह समझना क्यों ज़रूरी है कि हम खुद अपने फैसलों के लिए ज़िम्मेदार हैं?