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मसीहियों का व्यवहार

मसीहियों का व्यवहार

मसीही जो सिखाते हैं उन्हें क्यों उसके मुताबिक चलना भी चाहिए?

मसीहियों को किसकी मिसाल पर चलना चाहिए?

जब मसीही परमेश्‍वर के स्तरों के मुताबिक जीते हैं, तो इसका क्या नतीजा होता है?

किन बातों का ध्यान रखने से मसीही गलत काम करने से दूर रहेंगे?

नीत 4:23-27; याकू 1:14, 15

ये भी देखें: मत 5:28; 15:19; रोम 1:26, 27; इफ 2:2, 3

  • इससे जुड़े किस्से:

    • उत 3:1-6​—हव्वा ने अपनी गलत इच्छाओं पर काबू नहीं रखा

    • यह 7:1, 4, 5, 20-25​—जब आकान ने यहोवा की बात नहीं मानी, तो बहुत-से लोगों को इसका अंजाम भुगतना पड़ा

किन बातों का ध्यान रखने से मसीही सही काम करेंगे?

रोम 12:2; इफ 4:22-24; फिल 4:8; कुल 3:9, 10

ये भी देखें: नीत 1:10-19; 2:10-15; 1पत 1:14-16

  • इससे जुड़े किस्से:

    • उत 39:7-12​—जब पोतीफर की पत्नी ने यूसुफ को फुसलाया तो यूसुफ भाग गया

    • अय 31:1, 9-11​—अय्यूब ने ठान लिया था कि वह दूसरी औरतों को गलत नज़र से नहीं देखेगा

    • मत 4:1-11​—जब शैतान ने यीशु को फुसलाया, तो यीशु उसकी बातों में नहीं आया

मसीहियों को किन रवैयों से दूर रहना चाहिए?

ये देखें: “गलत रवैए

मसीहियों को किन गलत कामों से दूर रहना चाहिए?

ये देखें: “गलत काम

मसीहियों में कौन-से गुण होने चाहिए?

अच्छी और हौसला बढ़ानेवाली बातें बोलना

नीत 12:18; 16:24; कुल 4:6; तीत 2:6-8

ये भी देखें: नीत 10:11; 25:11; कुल 3:8

  • इससे जुड़े किस्से:

    • भज 45:2​—मसीहा के बारे में यह भविष्यवाणी बताती है कि यहोवा के ठहराए राजा के बोल सुहावने होंगे

    • लूक 4:22​—यीशु ने अपनी बातों से लोगों का दिल जीत लिया

अधीन रहना

इफ 5:21; इब्र 13:17

ये भी देखें: यूह 6:38; इफ 5:22-24; कुल 3:18

  • इससे जुड़े किस्से:

    • लूक 22:40-43​—यीशु मुश्‍किल-से-मुश्‍किल हालात में भी अपने पिता के अधीन रहा और उसकी मरज़ी पूरी की

    • 1पत 3:1-6​—पतरस ने बताया कि पत्नियों को सारा की तरह अपने-अपने पति के अधीन रहना चाहिए

आज्ञा मानना

ये देखें: “आज्ञा मानना

आदर करना

फिल 2:3, 4; 1पत 3:15

ये भी देखें: इफ 5:33; 1पत 3:1, 2, 7

  • इससे जुड़े किस्से:

    • गि 14:1-4, 11​—जब इसराएलियों ने भविष्यवक्‍ता मूसा और महायाजक हारून का अनादर किया, तो यह यहोवा के लिए ऐसा था मानो वे उसका अनादर कर रहे हैं

    • मत 21:33-41​—यीशु ने एक मिसाल देकर समझाया कि उन लोगों का क्या होगा, जो यहोवा के भविष्यवक्‍ताओं और उसके बेटे का अनादर करते हैं

ईमानदारी

ये देखें: “ईमानदारी

करुणा

ये देखें: “करुणा

जितना है उतने में खुश रहना

ये देखें: “संतुष्ट रहना

दया

ये देखें: “दया

दरियादिली

ये देखें: “दरियादिली

दूसरों का हौसला बढ़ाना, हिम्मत देना

यश 35:3, 4; रोम 1:11, 12; इब्र 10:24, 25

ये भी देखें: रोम 15:2; 1थि 5:11

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 1शम 23:15-18​—जब राजा शाऊल दाविद की जान के पीछे पड़ा था, तो योनातान ने दाविद की हिम्मत बँधायी

    • प्रेष 15:22-31​—पहली सदी में शासी निकाय ने मंडलियों को चिट्ठी भेजी, जिसे पढ़कर उन्हें बहुत हौसला मिला

दूसरों के भले के बारे में सोचना

दूसरों को खुद से बेहतर समझना

ये देखें: “नम्रता

धीरज, अटल रहना

मत 24:13; लूक 21:19; 1कुर 15:58; गल 6:9; इब्र 10:36

ये भी देखें: रोम 12:12; 1ती 4:16; प्रक 2:2, 3

  • इससे जुड़े किस्से:

    • इब्र 12:1-3​—पौलुस ने यीशु की मिसाल देकर मसीहियों को बढ़ावा दिया कि वे धीरज रखें

    • याकू 5:10, 11​—याकूब ने अय्यूब के बारे में यह लिखा कि उसने धीरज रखा और इसके लिए यहोवा ने उसे इनाम दिया

नम्रता, अपनी हद में रहना

ये देखें: “नम्रता

परमेश्‍वर की भक्‍ति करना

1ती 6:6; 2पत 2:9; 3:11

ये भी देखें: 1ती 5:4; 2ती 3:12

  • इससे जुड़े किस्से:

    • प्रेष 10:1-7​—कुरनेलियुस एक यहूदी नहीं था, फिर भी यहोवा ने ध्यान दिया कि वह एक भक्‍त इंसान था जो परमेश्‍वर का डर मानता था, उससे प्रार्थना करता था और दरियादिल था

    • 1ती 3:16​—परमेश्‍वर की भक्‍ति करने में यीशु सबसे बढ़िया मिसाल है

परमेश्‍वर के वफादार

पवित्रता, साफ चरित्र

2कुर 11:3; 1ती 4:12; 5:1, 2, 22; 1पत 3:1, 2

ये भी देखें: फिल 4:8; तीत 2:3-5

  • इससे जुड़े किस्से:

    • उत 39:4-12​—यूसुफ ने अपना चरित्र साफ बनाए रखा। पोतीफर की पत्नी के बार-बार फुसलाने पर भी उसने उसके साथ संबंध नहीं रखे

    • श्रेष 4:12; 8:6​—शूलेम्मिन लड़की “एक बंद बगिया जैसी” थी। वह जिस लड़के से प्यार करती थी उसकी वफादार रही, उसने किसी और के साथ संबंध नहीं रखे

पवित्र शक्‍ति का फल

भेदभाव या तरफदारी ना करना

ये देखें: “भेदभाव ना करना

माफ करने को तैयार

ये देखें: “माफी

मिलकर काम करना

सभ 4:9, 10; 1कुर 16:16; इफ 4:15, 16

ये भी देखें: भज 110:3; फिल 1:27, 28; इब्र 13:17

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 1इत 25:1-8​—राजा दाविद ने गायकों और संगीतकारों का इस तरह इंतज़ाम किया ताकि वे मिलकर मंदिर में अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर सकें

    • नहे 3:1, 2, 8, 9, 12; 4:6-8, 14-18, 22, 23; 5:16; 6:15​—लोग मिलकर काम करने के लिए तैयार थे, इसलिए यहोवा की आशीष से उन्होंने 52 दिनों के अंदर ही यरूशलेम की शहरपनाह फिर से खड़ी कर दी

मेहनती, लगन, पूरे दिल से काम करना

ये देखें: “काम, नौकरी

मेहमान-नवाज़ी करना

ये देखें: “मेहमान-नवाज़ी

यहोवा का डर मानना

अय 28:28; भज 33:8; नीत 1:7

ये भी देखें: भज 111:10

  • इससे जुड़े किस्से:

    • नहे 5:14-19​—नहेमायाह यहोवा का डर मानता था, इसलिए वह दूसरे राज्यपालों की तरह नहीं था जो लोगों का फायदा उठाते थे

    • इब्र 5:7, 8​—परमेश्‍वर का डर मानने में यीशु एक अच्छी मिसाल है

यहोवा के साथ मज़बूत रिश्‍ता, उसकी मरज़ी को पहली जगह देना

मत 6:33; रोम 8:5; 1कुर 2:14-16

  • इससे जुड़े किस्से:

    • इब्र 11:8-10​—अब्राहम एक दूसरे देश में तंबुओं में रहा क्योंकि उसके लिए परमेश्‍वर का राज असल था

    • इब्र 11:24-27​—मूसा ने अपनी ज़िंदगी में जो-जो फैसले लिए, वे दिखाते हैं कि यहोवा उसके लिए असल था

यहोवा पर भरोसा

ये देखें: “यहोवा पर भरोसा

लगातार प्रार्थना करना

वफादारी

संयम

सच बोलना

ये देखें: “ईमानदारी

सबकुछ कायदे से करना

गल 5:25; 1ती 3:2

ये भी देखें: फिल 3:16

हर बात में भरोसेमंद

लूक 16:10

ये भी देखें: उत 6:22; निर्ग 40:16

  • इससे जुड़े किस्से:

    • दान 1:3-5, 8-20​—दानियेल और उसके तीन साथियों ने खाने-पीने के मामले में वे नियम माने, जो मूसा के कानून में दिए गए थे

    • लूक 21:1-4​—यीशु ने गरीब विधवा की तारीफ की क्योंकि भले ही उसके पास ज़्यादा पैसे नहीं थे, फिर भी उसने दान दिया और दिखाया कि वह भरोसेमंद है

हिम्मत

ये देखें: “हिम्मत