माता-पिता
यहोवा ने शादी की शुरूआत क्यों की?
अपने बच्चों के बारे में माता-पिताओं की क्या सोच होनी चाहिए?
ये भी देखें: “बच्चे, नौजवान”
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इससे जुड़े किस्से:
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उत 33:4, 5—याकूब ने अपने बच्चों को यहोवा से मिला तोहफा समझा
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निर्ग 1:15, 16, 22; 2:1-4; 6:20—अमराम और योकेबेद का बेटा मूसा जब पैदा हुआ, तो उन्होंने उसे बचाने के लिए अपनी जान तक दाँव पर लगा दी
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माता-पिताओं की क्या ज़िम्मेदारी बनती है?
बच्चों को यहोवा की आज्ञा मानना सिखाने के क्या फायदे हैं?
ये भी देखें: 2ती 3:14, 15
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इससे जुड़े किस्से:
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1शम 2:18-21, 26; 3:19—शमूएल के माता-पिता ने उसे पवित्र डेरे में सेवा करने के लिए दे दिया। वे हर साल उससे मिलने आते थे और उसके लिए ज़रूरत की चीज़ें लाते थे। नतीजा, शमूएल यहोवा से प्यार करने लगा और बड़ा होकर भी वफादारी से उसकी सेवा करता रहा
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लूक 2:51, 52—यीशु अपने माता-पिता की बात मानता रहा, इसके बावजूद कि वे अपरिपूर्ण थे
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बच्चों की परवरिश करने के बारे में माता-पिता कहाँ से सीख सकते हैं?
व्य 6:4-9; इफ 6:4; 2ती 3:14-17
ये भी देखें: भज 127:1; नीत 16:3
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इससे जुड़े किस्से:
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न्या 13:2-8—जब मानोह को बताया गया कि उसके एक बेटा होगा, तो उसने यहोवा से पूछा कि वह उसकी परवरिश कैसे करे
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भज 78:3-8—यहोवा चाहता है कि माता-पिता बाइबल से जो भी बातें सीखते हैं, वे अपने बच्चों को सिखाएँ
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चाहे एक बच्चा एक ऐसे परिवार में पला-बढ़ा हो जो यहोवा से प्यार करता है, फिर भी वह परमेश्वर की सेवा करना क्यों छोड़ सकता है?
माता-पिताओं को कब से अपने बच्चों को यहोवा के बारे में सिखाना चाहिए?
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इससे जुड़े किस्से:
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व्य 29:10-12, 29; 31:12; एज 10:1—जब इसराएली यहोवा के बारे में सीखने के लिए इकट्ठा होते थे, तो वे अपने साथ बच्चों को भी लाते थे
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लूक 2:41-52—यूसुफ और मरियम हर साल फसह का त्योहार मनाने के लिए यीशु और बाकी बच्चों को लेकर यरूशलेम के मंदिर जाया करते थे
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माता-पिताओं को किनकी मिसालों पर चलकर अपने बच्चों को उन लोगों से बचाना चाहिए, जो उन्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं?
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इससे जुड़े किस्से:
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निर्ग 19:4; व्य 32:11, 12—यहोवा खुद की तुलना एक उकाब से करता है, जो अपने बच्चों को उठाता है, बचाता है और देखभाल करता है
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यश 49:15—यहोवा वादा करता है कि वह एक दूध पिलानेवाली माँ से भी बढ़कर अपने सेवकों की देखभाल और हिफाज़त करेगा
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मत 2:1-16—जब यीशु एक छोटा बच्चा था, तो शैतान उसे मार डालने के इरादे से ज्योतिषियों को दुष्ट राजा हेरोदेस के पास ले गया। तभी यहोवा ने यीशु को बचाने के लिए यूसुफ से कहा कि वह अपने परिवार को मिस्र ले जाए
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मत 23:37—यीशु ने बताया कि जैसे एक मुर्गी अपने चूज़ों को अपने पंखों तले इकट्ठा करके उन्हें बचाती है, वैसे ही वह लोगों की मदद करना चाहता है
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माता-पिता को क्यों अपने बच्चों को यौन-संबंध के बारे में समझाना चाहिए?
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लैव 15:2, 3, 16, 18, 19; व्य 31:10-13—मूसा के कानून में साफ बताया था कि यौन-संबंध के बारे में यहोवा का क्या नज़रिया है। यहोवा ने यह भी कहा था कि जब भी यह कानून पढ़कर सुनाया जाए, तो बच्चे भी मौजूद हों
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भज 139:13-16—यहोवा ने जिस तरह इंसान का शरीर बनाया है और उसे बच्चे पैदा करने की काबिलीयत दी है, उसके लिए दाविद ने यहोवा की तारीफ की
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नीत 2:10-15—यहोवा से मिलनेवाले ज्ञान और बुद्धि से हम ऐसे लोगों से बच सकते हैं, जो बहुत ही गिरे हुए और घिनौने काम करते हैं
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माता-पिता को क्यों प्यार से अपने बच्चों को सिखाना और सुधारना चाहिए?
यह क्यों कहा जा सकता है कि बच्चों को सुधारना भी उनसे प्यार करने का एक तरीका है?
ये भी देखें: नीत 15:32; प्रक 3:19