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अपने प्रेरितों को चुनना

अपने प्रेरितों को चुनना

अध्याय ३४

अपने प्रेरितों को चुनना

बपतिस्मा देनेवाले यूहन्‍ना ने यीशु को परमेश्‍वर के मेम्ने के रूप में परिचय देकर और यीशु अपनी आम सेवकाई आरंभ करके डेढ़ साल बीत चुका है। उस समय अन्द्रियास, शमौन पतरस, यूहन्‍ना, और शायद याकूब (यूहन्‍ना का भाई), साथ ही फिलिप्पुस और नथनएल (जो बरतुलमै भी कहलाता है) उसके प्रथम शिष्य बन चुके थे। समय बीतने पर, अनेक जन इनकी संगति में होकर मसीह के अनुयायी बनने लगे।

अब यीशु अपने प्रेरितों को चुनने के लिए तैयार है। यह उसके निकटतम सहयोगी होंगे जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। पर उन्हें चुनने से पहले, यीशु एक पहाड़ पर जाते हैं और पूरी रात प्रार्थना में बिताते हैं, संभवतः परमेश्‍वर से बुद्धि और आशिष माँगते हैं। जब सुबह होती है, वह अपने शिष्यों को बुलाता है और उन में से १२ को चुनता है। तथापि, चूँकि वे यीशु के छात्र बने रहते हैं, अब तक उन्हें शिष्य कहा जाता है।

यीशु ने चुना हुआ छः प्रेरित, जिनके नाम उपर दिए गए हैं, उस के प्रथम शिष्य बन गए थे। मत्ती, जिसे यीशु ने उसकी महसूल चौकी से बुलाया, भी चुना जाता है। अन्य चुने हुए पाँच प्रेरित यहूदा (जो तद्दी भी कहलाता है), यहूदा इस्करियोती, शमौन कनानी, थोमा और हलफई का पुत्र याकूब हैं। इस याकूब को छोटा याकूब भी बुलाया जाता है, शायद इसलिए क्योंकि वह दूसरे प्रेरित याकूब से या तो शारीरिक ऊँचाई में छोटा है या उम्र में छोटा है।

अब तक ये १२ प्रेरित यीशु के साथ कुछ समय बिता चुके हैं, और वह उन्हें अच्छी तरह से जानता है। दरअसल, उन में से कुछ उसके अपने रिश्‍तेदार हैं। याकूब और उसका भाई यूहन्‍ना स्पष्टतया यीशु के मौसेरे भाई हैं। और यह संभव है कि हलफई यीशु के दत्तक पिता यूसुफ का भाई था। सो हलफई का पुत्र, प्रेरित याकूब, यीशु का चचेरा भाई हुआ।

बेशक, अपने प्रेरितों के नाम याद करने में यीशु को कोई कठिनाई नहीं हुई। पर क्या आप उन्हें याद कर सकते हैं? खैर, सिर्फ़ इतना याद रखें कि दो प्रेरित के नाम शमौन हैं, दो जिनके नाम याकूब हैं, और दो जिन के नाम यहूदा हैं, और शमौन का भाई अन्द्रियास है, और याकूब का भाई यूहन्‍ना है। आठ प्रेरितों को याद करने की कुंजी यही है। दूसरे चार में, महसूल लेनेवाला (मत्ती), वह जिसने बाद में संदेह किया (थोमा), वह जो वृक्ष के नीचे से बुलाया गया (नतनएल), और उसका दोस्त फिलिप्पुस शामिल हैं।

ग्यारह प्रेरित गलील से हैं, यीशु का गृह इलाका। नतनएल काना से है। फिलिप्पुस, पतरस, और अन्द्रियास मूलतः बैतसैदा से हैं, पतरस और अन्द्रियास बाद में कफरनहूम चले जाते हैं, जहाँ प्रतीत होता है कि मत्ती रहता था। याकूब और यूहन्‍ना मछुवाही व्यवसाय में थे और संभवतः कफरनहूम में या उसके निकट ही रहा करते थे। ऐसा प्रतीत होता है कि यहूदा इस्करियोती, जिसने बाद में यीशु को पकड़वाया, यहूदिया से एकमात्र प्रेरित है। मरकुस ३:१३-१९; लूका ६:१२-१६.

▪प्रेरितों में से कौन-कौन यीशु के रिश्‍तेदार हो सकते हैं?

▪यीशु के प्रेरित कौन हैं, और कैसे आप उनके नाम याद कर सकते हैं?

▪किन क्षेत्रों से प्रेरित आए थे?