आँसू उल्लास में बदल गए
अध्याय ४७
आँसू उल्लास में बदल गए
जब याईर उस स्त्री को रक्तस्राव से चंगा होते देखता है, तब बेशक यीशु की चमत्कारिक शक्ति पर उसका भरोसा बढ़ जाता है। कुछ देर पहले, याईर ने यीशु से बिनती की थी कि वह आकर उसकी प्रिय १२-वर्षीय बेटी की सहायता करें जो मरने पर थी। बहरहाल, अब, याईर को जिसका डर था वही हो जाता है। जब यीशु उस स्त्री से कुछ कह ही रहा है, कुछ आदमी आकर धीरे से याईर से कहते हैं: “तेरी बेटी मर गयी! अब गुरु को क्यों दुःख देता है?”
यह कैसी कलेजा फटनेवाली ख़बर है! ज़रा सोचिए: यह व्यक्ति, जिसकी बिरादरी में बहुत इज़्ज़त है, अपनी बेटी की मृत्यु की ख़बर पाते ही बिल्कुल असहाय है। तथापि, यीशु इस बातचीत को सुन लेते हैं। अतः याईर की ओर मुड़कर, वह प्रोत्साहक रूप से कहते हैं: “मत डर, केवल विश्वास रख।”
यीशु इस शोकमग्न व्यक्ति के साथ उसके घर जाते हैं। जब वे पहुँचते हैं, वे रोने-धोने और विलाप करने का शोरगुल मचा हुआ पाते हैं। लोगों की भीड़ जम गयी है, और शोक से अपनी छाती पीट रहे हैं। जब यीशु भीतर आते हैं, वे पूछते हैं: “तुम क्यों हल्ला मचाते और रोते हो? लड़की मरी नहीं, परन्तु सो रही है।”
यह सुनकर, लोग यीशु का अपमान करते हुए, हँसना शुरू करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि दरअसल लड़की मर चुकी है। तथापि, यीशु कहते हैं कि वह केवल सो रही है। अपनी ईश्वर-प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करने के द्वारा, वे दिखाएँगे कि लोगों को मृतावस्था से उतनी ही आसानी से जिलाया जा सकता है जितनी कि उन्हें गहरे नींद से जगाया जा सकता है।
अब यीशु पतरस, याकूब, यूहन्ना और उस मृत लड़की के माता-पिता को छोड़ सब को बाहर भेज देते हैं। फिर वह उन पाँचों को लेकर वहाँ आता है जहाँ वह छोटी लड़की लेटी है। उसका हाथ पकड़कर, यीशु कहते हैं: “तल’ई.ता कू’मी,” जिसका अर्थ है: “हे लड़की, मैं तुझ से कहता हूँ, उठ।” और फ़ौरन वह लड़की उठकर चलने लगती है! इस नज़ारे से उसके माता-पिता उल्लास से लगभग पागल हो जाते हैं।
यह आदेश देने के बाद कि बच्ची को कुछ खाने दिया जाए, यीशु याईर और उसकी पत्नी को आज्ञा देते हैं कि जो हुआ, उसे वे किसी को न बताएँ। लेकिन यीशु के कहने के बावजूद, उस सारे इलाके में यह ख़बर फैल जाती है। यह यीशु का किया हुआ दूसरा पुनरुत्थान है। मत्ती ९:१८-२६; मरकुस ५:३५-४३; लूका ८:४१-५६.
▪ याईर को क्या ख़बर मिलती है, और यीशु उसे कैसे प्रोत्साहित करते हैं?
▪ जब वे याईर के घर पहुँचते हैं तो वहाँ की स्थिति कैसी है?
▪ यीशु ऐसा क्यों कहते हैं कि मरी हुई बच्ची सिर्फ़ सोयी हुई है?
▪ यीशु के साथ वे पाँच लोग कौन हैं जो पुनरुत्थान के गवाह हैं?