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काना में रहते समय एक और चमत्कार

काना में रहते समय एक और चमत्कार

अध्याय २०

काना में रहते समय एक और चमत्कार

यहूदिया में एक विस्तारित प्रचार कार्य के अभियान के बाद यीशु अपने गृह क्षेत्र को विश्राम करने नहीं लौटते हैं। वरन्‌, वे गलील में, वह देश जहाँ वे बड़े हुए थे, उससे भी बड़े पैमाने पर सेवकाई आरंभ करते हैं। पर उनके शिष्य, उनके साथ रहने के बदले, अपने परिवारों के पास और अपने भूतपूर्व व्यवसायों को करने घर लौट जाते हैं।

कौनसा संदेश यीशु प्रचार करना आरंभ करते हैं? यह: “परमेश्‍वर का राज्य निकट आ गया है। मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्‍वास करो।” और प्रतिक्रिया? गलील के निवासी यीशु को स्वीकारते हैं। सभी उसकी इज़्ज़त करते हैं। तथापि, ऐसा ख़ासकर उस संदेश के कारण नहीं होता, बल्कि, इसलिए ऐसा होता है क्योंकि उन में से अनेक जन कुछ महीने पहले फसह मनाने के लिए यरूशलेम गए थे और उन्होंने उसके ज़रिये किए गए अद्‌भुत चिह्नों को देखा था।

स्पष्टतया यीशु गलील की अपनी महान सेवकाई काना में शुरू करते हैं। आप को याद होगा, इससे पहले, यहूदिया से लौटने पर, उसने वहाँ शादी की दावत में जल को दाखरस में बदल दिया था। इस दूसरे अवसर पर, राजा हेरोदेस अन्तिपास का एक सरकारी अधिकारी का बच्चा बहुत बीमार है। यह सुनकर कि यीशु यहूदिया से काना आए हुए हैं, वह अधिकारी यीशु को खोजने के लिए अपने घर कफरनहूम से यात्रा करता है। दुःख से पीड़ित होकर, वह मनुष्य अनुनय-विनय करता है: “मेरे बालक के मृत्यु होने से पहले चल।”

यीशु जवाब देते हैं: ‘अपने घर वापस जा। तेरा पुत्र चंगा हो गया है!’ हेरोदेस का अधिकारी विश्‍वास करता है और घर की लम्बा सफ़र पर निकल पड़ता है। रास्ते में, उसके दास उसे मिलते हैं, जो यह कहने तेज़ी से आ रहे थे कि सब कुछ कुशल है—उसका बेटा अब अच्छा हो गया है! ‘वह किस घड़ी अच्छा हुआ था?’ वह पूछता है।

‘कल दोपहर १ बजे,’ उन्होंने जवाब दिया।—NW.

अधिकारी समझ जाता है कि यह वही घड़ी है जब यीशु ने कहा था, ‘तेरा पुत्र चंगा हो गया है!’ उसके बाद, वह मनुष्य और उसका सारा घराना मसीह के शिष्य बन जाते हैं।

इस प्रकार काना एक कृपा-प्राप्त स्थान बना जहाँ, यहूदिया से अपनी वापसी के संकेत में, यीशु ने दो बार चमत्कार किए। निश्‍चय ही, इस समय तक उन्होंने किए हुए चमत्कार इतने ही नहीं है, पर वे अर्थपूर्ण हैं क्योंकि वे उसकी गलील को वापसी चिह्नित करते हैं।

यीशु अब नासरत अपने घर की ओर प्रस्थान करते हैं। वहाँ उनका क्या होगा? यूहन्‍ना ४:४३-५४; मरकुस १:१४, १५; लूका ४:१४, १५.

▪ जब यीशु वापस गलील आते हैं, उसके शिष्यों को क्या होता है, और लोग उसे कैसे स्वीकार करते हैं?

▪ यीशु क्या चमत्कार करते हैं, और कैसे यह सम्मिलित व्यक्‍तियों को प्रभावित करता है?

▪ किस प्रकार काना यीशु के ज़रिये कृपा-प्राप्त हुआ?