क्या यूहन्ना में विश्वास की कमी थी?
अध्याय ३८
क्या यूहन्ना में विश्वास की कमी थी?
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, जो क़ैदखाने में लगभग एक साल बिता चुका है, नाईन में उस विधवा के पुत्र के पुनरुत्थान की ख़बर पाता है। लेकिन यूहन्ना प्रत्यक्ष रीति से यीशु से इसके अर्थ के बारे में सुनना चाहता है, इसलिए वह अपने दो शिष्यों को यह पता लगाने के लिए भेजता है: “क्या आनेवाला तू ही है, या हम दूसरे की राह देखें?”—NW.
यह एक अनोखा सवाल प्रतीत हो सकता है, ख़ासकर इसलिए क्योंकि यूहन्ना ने यीशु पर परमेश्वर की आत्मा उतरते देखा और परमेश्वर की स्वीकृति की आवाज़ को लगभग दो साल पहले यीशु को बपतिस्मा देते वक़्त सुनी थी। यूहन्ना का सवाल कुछ लोगों को यह निष्कर्ष निकालने का कारण बन सकता है कि उसका विश्वास कमज़ोर हो गया है। पर ऐसी कोई बात नहीं। अगर यूहन्ना शक़ करने लगा है, तो यीशु उसकी इतनी प्रशंसा नहीं करते, जितनी वह इस अवसर पर करते हैं। फिर, यूहन्ना यह सवाल क्यों पूछता है?
शायद यूहन्ना यीशु से केवल एक प्रमाणीकरण चाहता है कि वही मसीहा है। जैसे यूहन्ना क़ैदखाने में दुःख से दिन काट रहा है, यह उसे बलदायक सिद्ध हो सकता है। लेकिन स्पष्टतया यूहन्ना के सवाल में इस से भी कुछ अधिक है। वह स्पष्ट रूप से जानना चाहता है कि क्या कोई और आनेवाला है, कोई उत्तराधिकारी, जो उन बातों की पूर्ति को पूरा करेगा जो मसीहा के ज़रिये पूरे किए जाने की भविष्यवाणी की गयी थी।
बाइबल की भविष्यवाणियों के मुताबिक जिससे यूहन्ना वाक़िफ़ है, परमेश्वर का अभिषिक्त जन एक राजा, एक उद्धारक, होगा। फिर भी, यीशु के बपतिस्मा के कई महीनों बाद भी, यूहन्ना अभी तक एक क़ैदी रखा गया है। इसलिए स्पष्टतया यूहन्ना यीशु से पूछता है: ‘क्या आप असल में वही हैं जो परमेश्वर के राज्य को दृष्य शक्ति में स्थापित करेगा, या कोई और है, कोई उत्तराधिकारी, जिस के लिए हम इंतज़ार करें जो मसीहा की महिमा से संबंधित सभी आश्चर्यजनक भविष्यवाणियों को पूरा करेगा?’
यूहन्ना के चेलों से यह कहने के बजाय, ‘बेशक मैं वही हूँ जिसे आना था!’, उसी क्षण यीशु अनेक लोगों के हर तरह की बीमारियाँ और रोगों को चंगा करने के ज़रिये एक असाधारण प्रदर्शन प्रस्तुत करते हैं। फिर वह चेलों से कहता है: “जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो: अंधे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, बहरे सुनते हैं, मुरदे जिलाए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।”
अर्थात, यूहन्ना का सवाल एक उम्मीद समाविष्ट करता है कि यीशु अब जो कुछ कर रहे हैं उससे ज़्यादा करेंगे और शायद ख़ुद यूहन्ना को आज़ाद करेंगे। बहरहाल, यीशु यूहन्ना से कह रहे हैं कि वह इन चमत्कारों से ज़्यादा उम्मीद न करें।
जब यूहन्ना के चेले चले जाते हैं, यीशु भीड़ की ओर मुड़कर उन से कहते हैं कि मलाकी ३:१ में भविष्यवाणी की गयी यहोवा का “संदेशवाहक” और मलाकी ४:५, ६ में भविष्यवाणी की गयी भविष्यवक्ता एलिय्याह यूहन्ना है। इस प्रकार समझाते हुए, उससे पहले ज़िन्दा किसी भी भविष्यवक्ता के बराबर यीशु यूहन्ना का गुणगान करते हैं: “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उससे बड़ा है। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य पर ज़ोर होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं।”
यहाँ यीशु दिखा रहे हैं कि यूहन्ना स्वर्गीय राज्य में नहीं होगा, क्योंकि वहाँ छोटा से छोटा यूहन्ना से बड़ा है। यूहन्ना ने यीशु के लिए मार्ग तैयार किया था लेकिन इससे पहले कि मसीह अपने शिष्यों के साथ उस के राज्य में सह-शासक होने का वाचा, या इक़रारनामा पर मुहर लगाए, उसकी मृत्यु होती है। इसीलिए यीशु कहते हैं कि यूहन्ना स्वर्गीय राज्य में नहीं होगा। इसके बजाय यूहन्ना परमेश्वर के राज्य का एक पार्थिव नागरिक होगा। लूका ७:१८-३०; मत्ती ११:२-१५.
▪ क्यों यूहन्ना पूछता है कि आनेवाला यीशु ही है या किसी और की प्रतीक्षा करनी चाहिए?
▪ यीशु किस भविष्यवाणी के बारे में कहते हैं जिसे यूहन्ना ने पूरा किया?
▪ क्यों यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला यीशु के साथ स्वर्ग में नहीं होगा?