इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

चार शिष्य बुलाए जाते हैं

चार शिष्य बुलाए जाते हैं

अध्याय २२

चार शिष्य बुलाए जाते हैं

अपने गृहनगर नासरत में यीशु के जान पर प्राणघातक हमले के बाद, वे गलील समुद्र के निकट कफरनहूम शहर की ओर निकल पड़ते हैं। यह यशायाह की एक और भविष्यवाणी को पूरा करता है। यह वही भविष्यवाणी है जिस में बताया गया कि गलील के निवासी जो समुद्र के तट पर बसे हैं एक बड़ी ज्योति को देखेंगे।

जैसे यीशु यहाँ राज्य प्रचार का ज्योति देनेवाले कार्य को करते हैं, वे अपने चार शिष्यों को ढूँढ़ निकालते हैं। इन्होंने पहले उसके साथ यात्रा की थी, पर जब वे यहूदिया से यीशु के साथ लौटे वे अपने मछुवाही व्यवसाय करने लौट गए थे। संभवतः, यीशु उन्हें अब खोज निकालते हैं, क्योंकि यह दृढ़ और नियमित सहायक पाने का वक़्त है जिन्हें वे उनके जाने के बाद सेवकाई को जारी रखने के वास्ते प्रशिक्षण दे सकते हैं।

यीशु समुद्र के किनारे चलते-चलते शमौन पतरस और उसके साथियों को अपना जाल धोते हुए देखकर, उनके पास जाते हैं। वह पतरस की नाव पर चढ़ जाता है और किनारे से हटने को कहता है। जब वे कुछ दूर जाते हैं, यीशु नाव में बैठकर किनारे पर की भीड़ को सिखाने लगते हैं।

इसके बाद, यीशु पतरस से कहते हैं: “गहरे में ले चल, और मछलियाँ पकड़ने के लिए अपने जाल डाल।”

हे स्वामी,” पतरस जवाब देता है, “हम ने सारी रात मेहनत की और कुछ न पकड़ा, तो भी तेरे कहने से जाल डालूँगा।”

जब जाल नीचे छोड़ी जाती है तो इतनी मछलियाँ पकड़ी जाती हैं कि जाल फटने लगते हैं। फ़ौरन, यह मछुए पास की नाव में अपने साथियों को संकेत करते हैं कि आकर मदद करें। शिघ्र ही दोनों नाव इतनी मछलियों से भर जाती हैं कि वे डुबने लगती हैं। यह देखकर, पतरस यीशु के पाँवों पर गिर पड़ता है और कहता है: “हे प्रभु, मेरे पास से जा, क्योंकि मैं पापी मनुष्य हूँ।”

“मत डर,” यीशु जवाब देते हैं। “अब से तू मनुष्यों को जीवता पकड़ा करेगा।”

यीशु पतरस के भाई अन्द्रियास को भी आमंत्रित करते हैं: “मेरे पीछे चले आओ,” वे उन्हें उकसाते हैं, “तो मैं तुम को मनुष्यों को पकड़नेवाले बनाऊँगा।” उनके मछवारे साझेदार, जबदी के पुत्र, याकूब और यूहन्‍ना को भी यही आमंत्रण दिया जाता है, और वे भी बिना हिचकिचाहट के चले आते हैं। सो ये चारों अपना मछुवाही व्यवसाय को छोड़ देते हैं और यीशु के प्रथम चार दृढ़ और नियमित अनुयायी बन जाते हैं। लूका ५:१-११; मत्ती ४:१३-२२; मरकुस १:१६-२०; यशायाह ९:१, २.

▪ क्यों यीशु अपने शिष्यों को अपने पीछे हो लेने को कहते हैं, और वे कौन हैं?

▪ क्या चमत्कार से पतरस डर जाता है?

▪ यीशु अपने शिष्यों को किस प्रकार का मछुवाही के लिए आमंत्रित करते हैं?