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पैदा होने से पहले सम्मानित किया गया

पैदा होने से पहले सम्मानित किया गया

अध्याय २

पैदा होने से पहले सम्मानित किया गया

जवान स्त्री मरियम को जब स्वर्गदूत जिब्राईल ने बताया कि वह एक बालक को जन्म देगी जो स्थिरस्थायी राजा बनेगा, मरियम पूछती है: “यह कैसे हो सकता है, क्योंकि अब तक मेरा किसी पुरुष से सम्बन्ध नहीं हुआ है?”—NW.

“पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा,” जिब्राईल स्पष्ट करता है, “और परम प्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी। और इस कारण, वह बालक पवित्र, परमेश्‍वर का पुत्र कहलाएगा।”—NW.

इस संदेश पर विश्‍वास करने में मरियम की मदद के लिए, जिब्राईल आगे बताता है: “और देख! तेरा रिश्‍तेदार इलीशिबा को भी बुढ़ापे में पुत्र होने वाला है, यह उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठवाँ महीना है; क्योंकि जो वचन परमेश्‍वर की ओर से होता है वह प्रभावरहित नहीं होता।”—NW.

मरियम जिब्राईल की बातों को स्वीकार करती है। और उसका जवाब क्या है? “देख! मैं प्रभु [यहोवा, NW.] की दासी हूँ,” वह चिल्ला उठती है। “मुझे तेरे वचन के अनुसार हो।”

जिब्राईल जाने के तुरन्त बाद, मरियम तैयार होती है और इलीशिबा से मुलाक़ात करने जाती है, जो अपने पति, जकरयाह, के साथ यहूदिया के पहाड़ी देश में रहती है। नासरत में मरियम के घर से यह शायद तीन या चार दिनों का एक लम्बा सफ़र है।

जब मरियम आखिरकार जकरयाह के घर पहुँचती है, वह प्रवेश करके प्रणाम करती है। उसी समय, इलीशिबा पवित्र आत्मा से भर जाती है, और मरियम से कहती है: “तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है! यह अनुग्रह मुझे कहाँ से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आयी? और देख! ज्योंही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा, त्योंही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।”

यह सुनकर मरियम हार्दिक कृतज्ञता से जवाब देती है: “मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है, और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्‍वर से आनन्दित हुई; क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है। इसलिए देखो! अब से सब युग-युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे; क्योंकि उस शक्‍तिमान ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं।” फिर भी, उसे दिखाई गई कृपा के बावजूद, मरियम परमेश्‍वर को सब आदर निर्दिष्ट करती है। “उसका नाम पवित्र है,” वह कहती है, “और उसकी दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।”

मरियम प्रेरितीय भविष्यसूचक गीत में यह कहते हुए परमेश्‍वर की स्तुति करती है: “उसने अपना भुजबल दिखाया, और जो अपने आप को बड़ा समझते थे, उन्हें तित्तर-बित्तर किया। उसने बलवानों को सिंहासनों से गिरा दिया और दीनों को ऊँचा किया; उसने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को खाली हाथ लौटा दिया। उसने अपने सेवक इस्राएल को सँभाल लिया, कि अपनी उस दया को याद करे, जो इब्राहीम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे बाप-दादों से कहा था।”—NW.

मरियम इलीशिबा के साथ लगभग तीन महीने रहती है, और बेशक इलीशिबा के गर्भकाल के उन अन्तिम सप्ताहों में वह काफी मददगार साबित होती है। यह निश्‍चय ही उत्तम है कि परमेश्‍वर की सहायता से गर्भ-धारण करनेवाली ये दो विश्‍वासी स्त्रियाँ, अपने जीवन के इस धन्य समय में एक साथ रह सकीं!

क्या आपने उस सम्मान पर ध्यान दिया जिसे यीशु को उसके पैदा होने से पहले दिया गया था? इलीशिबा ने उसे “मेरे प्रभु” कहा, और जब मरियम पहली बार दिखाई दी तब उसका अनजन्मा बच्चा आनंद से उछल पड़ा। दूसरी ओर, जैसा हम आगे देखेंगे, बाद में दूसरों ने मरियम और उसके अनजन्मे बच्चे को बहुत कम आदर दिया। लूका १:२६-५६.

▪ जिब्राईल ने मरियम से क्या कहा जिससे मरियम को यह समझने में मदद मिली कि वह कैसे गर्भवती होगी?

▪ कैसे यीशु पैदा होने से पहले सम्मानित किया गया?

▪ मरियम भविष्यसूचक गीत में परमेश्‍वर की स्तुति में क्या कहती है?

▪ मरियम इलीशिबा के साथ कितने समय तक रहती है, और क्यों यह उचित है कि मरियम इलीशिबा के साथ ऐसे वक़्त पर रहे?