भाग पाँच
‘मैं उनके बीच निवास करूँगा’—यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल
भाग किस बारे में है: यहेजकेल ने मंदिर के दर्शन में क्या-क्या देखा और उससे हम शुद्ध उपासना के बारे में क्या सीखते हैं
यहोवा ने भविष्यवक्ता यहेजकेल और प्रेषित यूहन्ना को कुछ ऐसे दर्शन दिखाए जिनमें कुछ अनोखी समानताएँ थीं। इन दर्शनों से हम जान सकते हैं कि हमें यहोवा की उपासना कैसे करनी चाहिए। हम यह भी जान सकते हैं कि आनेवाले फिरदौस में ज़िंदगी कैसी होगी।
इस भाग में
अध्याय 19
‘जहाँ कहीं नदी बहेगी, वहाँ हर जीव ज़िंदा रह पाएगा’
यहेजकेल ने दर्शन में देखा कि मंदिर से एक नदी बह रही है। इस दर्शन की भविष्यवाणी पुराने ज़माने में कैसे पूरी हुई, आज कैसे पूरी हो रही है और भविष्य में कैसे पूरी होगी?
अध्याय 20
‘देश की ज़मीन विरासत में बाँटो’
एक दर्शन में यहोवा यहेजकेल से और बँधुआई में रहनेवाले बाकी यहूदियों से कहता है कि वे वादा किए गए देश की ज़मीन इसराएल के सब गोत्रों में बाँट दें।
अध्याय 21
“शहर का नाम होगा, ‘यहोवा वहाँ है’”
यहेजकेल ने दर्शन में जो शहर देखा, उससे और उसके अनोखे नाम से हमें क्या सीख मिलती है?
अध्याय 22
“परमेश्वर की उपासना कर”
यह किताब इसलिए तैयार की गयी है ताकि इसे पढ़ने से हमारा यह इरादा मज़बूत हो कि हम सिर्फ और सिर्फ यहोवा परमेश्वर की उपासना करें।