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भाग दो

‘तूने मेरे पवित्र-स्थान को दूषित कर दिया’—शुद्ध उपासना दूषित हो गयी

‘तूने मेरे पवित्र-स्थान को दूषित कर दिया’—शुद्ध उपासना दूषित हो गयी

यहेजकेल 5:11

भाग किस बारे में है: यहूदा और यरूशलेम के लोगों की उपासना दूषित हो गयी और वे अनैतिक काम करने लगे

यहोवा इसराएलियों को अपनी “अनमोल जायदाद” समझकर उनसे प्यार करता था और उनकी देखभाल करता था। (निर्ग. 19:5, फु.) लेकिन बदले में इसराएलियों ने क्या किया? उन्होंने यहोवा के मंदिर में ही, जिससे उसका नाम जुड़ा था, झूठे देवताओं को पूजने की जुर्रत की! उन्होंने यहोवा का दिल तोड़ दिया और उसका नाम बदनाम कर दिया। इस भाग से जानिए कि इसराएली इस हद तक कैसे गिर गए। यरूशलेम के नाश के बारे में यहेजकेल की भविष्यवाणी से हम क्या सीख सकते हैं? इसराएल ने पड़ोसी राष्ट्रों से जो मेल-जोल रखा और उन राष्ट्रों ने इसराएल के साथ जो व्यवहार किया, उससे हमें क्या सीख मिलती है?

इस भाग में

अध्याय 5

“देख कि वहाँ लोग कितने बुरे और घिनौने काम कर रहे हैं”

यहेजकेल ऐसी घिनौनी बातें देखता है जिनसे पता चलता है कि पूरा इसराएल राष्ट्र परमेश्‍वर से दूर जा चुका था।

अध्याय 6

“तुम पर अंत आनेवाला है”

यहेजकेल ने अभिनय के रूप में भविष्यवाणी की कि यरूशलेम पर यहोवा का क्रोध कैसे भड़क उठेगा।

अध्याय 7

राष्ट्रों को “जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ”

जिन राष्ट्रों ने यहोवा का नाम बदनाम किया और उसके लोगों को सताया और उन्हें बुरे कामों में फँसाया, वे अपने बुरे कामों के अंजाम से बच नहीं सकते। इसराएलियों ने उन राष्ट्रों के साथ जो व्यवहार किया उससे हमें क्या सबक मिलता है?