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अपने पैरों पर उठ खड़े होने के लिए सहारा

अपने पैरों पर उठ खड़े होने के लिए सहारा

यहेजकेल 37:1-14 में बताए अनोखे दर्शन पर मनन करने से हमें मुश्‍किल हालात का सामना करने की हिम्मत मिलेगी। वह कैसे?

कभी-कभी ज़िंदगी की तकलीफें और परेशानियाँ झेलते-झेलते हम पस्त हो जाते हैं, इसलिए यहोवा की सेवा करने के लिए हमें कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में अगर हम बहाली के बारे में यहेजकेल के दर्शन पर ध्यान दें और उसने जो जीती-जागती तसवीर पेश की है उस पर मनन करें, तो हमें मुश्‍किलों से लड़ने की ताकत मिल सकती है। वह कैसे? हम इस भविष्यवाणी से सीखते हैं कि जब यहोवा बेजान हड्डियों में जान डाल सकता है, तो हमें भी मुश्‍किलों को पार करने की ताकत दे सकता है, फिर चाहे इन मुश्‍किलों को पार करना हमें नामुमकिन क्यों न लगे।​—भजन 18:29 पढ़िए; फिलि. 4:13.

यहेजकेल के दिनों से सदियों पहले मूसा ने बताया कि यहोवा के पास न सिर्फ अपने लोगों को बचाने की ताकत है, बल्कि वह ऐसा करना भी चाहता है। मूसा ने लिखा, “परमेश्‍वर मुद्दतों से तेरी पनाह रहा है, उसकी बाँहें तुझे सदा थामे रहेंगी।” (व्यव. 33:27) दुख की घड़ी में अगर हम अपने परमेश्‍वर यहोवा को पुकारें, तो वह अपना हाथ बढ़ाकर हमें थाम लेगा, प्यार से हमें उठाएगा और हमें अपने पैरों पर खड़ा करेगा।​—यहे. 37:10.