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दो अलग मंदिर​—उनसे मिलनेवाली सीख

दो अलग मंदिर​—उनसे मिलनेवाली सीख

यहेजकेल के दर्शन का मंदिर:

  • यहेजकेल ने इसका ब्यौरा बैबिलोन की बँधुआई में रहनेवाले यहूदियों को दिया

  • इसमें एक वेदी है जिस पर कई बलिदान चढ़ाए जाते हैं

  • इससे हम सीखते हैं कि उपासना के मामले में यहोवा के नेक स्तर क्या हैं

  • यह हमारा ध्यान इस बात की तरफ खींचता है कि 1919 से शुद्ध उपासना कैसे बहाल होने लगी

महान लाक्षणिक मंदिर:

  • पौलुस ने इसका ब्यौरा इब्रानी मसीहियों को दिया

  • इसमें एक वेदी है जिस पर सिर्फ एक बलिदान चढ़ाया गया, “एक ही बार हमेशा के लिए” (इब्रा. 10:10)

  • लाक्षणिक मंदिर का मतलब है, मसीह के फिरौती बलिदान के आधार पर शुद्ध उपासना करने के लिए यहोवा का इंतज़ाम। पवित्र डेरा और यरूशलेम में बनाए गए दोनों मंदिर इस इंतज़ाम को दर्शाते थे

  • ई. 29-33 तक मसीह ने सबसे बड़े महायाजक के नाते जो काम किया, उसकी तरफ यह मंदिर हमारा ध्यान खींचता है