वादे जिन पर हम यकीन कर सकते हैं
लाक्ता ने पासन की कही बातों पर गहराई से सोचा। बाइबल के बारे में उसने पहले भी सुन रखा था। वह जानता था कि यह प्राचीन समय में लिखी गयी एक पवित्र किताब है। लेकिन अब वह सोचने लगा कि अगर बाइबल में दर्ज़ भविष्यवाणियाँ सच्ची हैं, तो यह एक पवित्र किताब से कहीं बढ़कर है। वह इस कशमकश में पड़ गया कि जिन लोगों ने बाइबल लिखी, उन्हें बरसों-बरस पहले से विज्ञान की सच्चाइयों और इतिहास की घटनाओं के बारे में कैसे पता था। उन्हें यह जानकारी कहाँ से मिली?
अगले ही दिन वह अपनी पत्नी लोमू को लेकर पासन और नीमा से मिलने गया। लाक्ता जिस सवाल को लेकर सोच में पड़ा था, वह उसने पासन से पूछा, “बाइबल के लेखकों ने जो जानकारी दर्ज़ की उन्हें वह पहले से कैसे पता चली?”
पासन ने उसे समझाते हुए कहा, “बाइबल के लेखकों ने जो बातें लिखीं, वह उनकी अपनी नहीं थी। वे तो सब सेक्रेटरी थे, जिन्होंने बतायी गयी जानकारी को सिर्फ दर्ज़ किया। असल में, बाइबल का रचनाकार हम सब इंसानों का पिता है।”
लाक्ता ने पूछा: “सब इंसानों का पिता,” वह कौन है?
पासन ने जवाब दिया: “वही जिसने शुरूआत में हम इंसानों को ज़िंदगी दी। और हर इंसानी पिता की तरह उसका भी एक नाम है।” फिर उसने अपनी बाइबल में भजन 83:18 खोला और लाक्ता को पढ़कर सुनाया। यह आयत कहती है:
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“जिस से यह जानें कि केवल तू जिसका नाम यहोवा है, सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है।”
यशायाह 46:10) इस आयत को समझाते हुए पासन ने कहा: “जिस तरह एक पिता को अपने बच्चे से ज़्यादा ज्ञान और तजुरबा होता है, उसी तरह सब इंसानों के पिता, यहोवा के पास हमसे कहीं बढ़कर बुद्धि और ज्ञान है और वह भविष्य के बारे में भी ठीक-ठीक बता सकता है। अपनी इसी काबिलीयत का इस्तेमाल कर यहोवा ने बाइबल के लेखकों से भविष्य में होनेवाली बातें लिखवायीं।”
पासन ने लाक्ता को एक और आयत दिखायी, जो यहोवा के बारे में कहती है कि वह ‘अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया है जो अब तक नहीं हुई।’ (लाक्ता ने झट से पूछा, “क्या यहोवा हमारे भविष्य के बारे में भी जानता है?”
पासन ने समझाया, “यहोवा पहले से तय नहीं कर देता कि हरेक इंसान की ज़िंदगी में क्या होगा। लेकिन एक पिता की तरह वह जानता है कि हम किन परेशानियों का सामना कर रहे हैं और वह हमारी मदद करना चाहता है।”
पासन ने लाक्ता को बताया कि वे बाइबल की मदद से जान सकते हैं कि यहोवा उन्हें खुशी और शांति-भरी ज़िंदगी जीने में कैसे मदद कर सकता है। साथ ही, वे जो फैसले लेते हैं, उनका आज और भविष्य पर कैसा असर पड़ता है।
लाक्ता को पासन की बात ठीक लगी क्योंकि वह खुद एक पिता था और अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मेहनत करता था। पासन ने लाक्ता और उसकी पत्नी को बाइबल से कुछ और वादे बताए। इन वादों में से कुछ आगे दिए गए हैं:
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“वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है।”—भजन 46:9.
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“वे घर बनाकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियां लगाकर उनका फल खाएंगे। ऐसा नहीं होगा कि वे बनाएं और दूसरा बसे; वा वे लगाएं, और दूसरा खाए; क्योंकि मेरी प्रजा की आयु वृक्षों की सी होगी।”—यशायाह 65:21, 22.
- “देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा अन्न होगा।”—
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“वह उनकी आँखों से हर आँसू पोंछ देगा, और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा। पिछली बातें खत्म हो चुकी हैं।”—प्रकाशितवाक्य 21:4.
बाइबल के ये शानदार वादे लाक्ता को बेहद पसंद आए। उसे एक ऐसी दुनिया के बारे में सुनकर अच्छा लगा जहाँ कोई ऊँच-नीच नहीं होगी, बीमारी और मौत का नामो-निशान नहीं रहेगा और सबके लिए भरपूर खाना होगा। लोमू को भी ये बातें भा गयीं, लेकिन उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये कभी पूरी भी होंगी।
पासन ने लोमू से कहा, “मैं समझ सकता हूँ कि आप कैसा महसूस कर रही हैं। लेकिन जैसा हमने पिछली बार देखा था कि बाइबल की बहुत-सी भविष्यवाणियाँ शब्द-ब-शब्द पूरी हुईं, तो क्या इससे हमें यकीन नहीं हो जाता कि जो वादे हमने अभी-अभी पढ़े हैं, वे भी ज़रूर पूरे होंगे? दरअसल बाइबल का रचनाकार खुद इस बात की गारंटी देता है कि ये वादे ज़रूर पूरे होंगे। उसने कहा है, ‘ये बातें लिख ले, क्योंकि ये विश्वास के योग्य और सच्ची हैं।’”—प्रकाशितवाक्य 21:5.