सही मार्गदर्शन की तलाश में
लोमू ने गौर किया कि उनके पड़ोसी, पासन और उसकी पत्नी नीमा कितने सुख-चैन से रहते हैं। इसलिए लोमू ने अपने पति लाक्ता से कहा कि वह नीमा से उनकी खुशी का राज़ पूछेगी। जब लोमू, नीमा से मिली तो उसने उससे वह राज़ पूछा।
नीमा ने कहा, “दरअसल हम भी आप ही की तरह ज़िंदगी में मुश्किलों का सामना करते हैं। लेकिन कुछ सालों पहले हमें एक किताब मिली। उसमें परिवार के बारे में बहुत ही बढ़िया सलाह दी गयी है। और उन सलाहों को मानकर हमें बहुत फायदा हुआ है। यही नहीं, इस किताब की मदद से हम सुख-शांति का मार्ग भी जान पाए हैं। और चिंताओं और समस्याओं के बावजूद अपनी खुशी बरकरार रख पाए हैं।”
यह सुनकर लोमू की दिलचस्पी जागी और उसने नीमा से उस किताब के बारे में और भी बताने के लिए कहा। नीमा ने कहा, “यह दुनिया की सबसे पुरानी किताब है। हालाँकि इसे इसराइल और उसके आसपास के इलाकों में लिखा गया, लेकिन यह सब लोगों के लिए है। फिर चाहे एक इंसान किसी भी धर्म या जाति से हो। यही नहीं, इस किताब का सैकड़ों भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है और करीब-करीब हर इंसान इसे अपनी भाषा में पढ़ सकता है।” नीमा ने यह भी बताया कि बड़े-बड़े शिक्षकों ने इस किताब से हवाले दिए हैं। इतना ही नहीं, इसके आधार पर कई देशों में कानून बनाए गए हैं।
यह सब सुनकर लोमू किताब देखने के लिए बेताब हो उठी। उससे रहा नहीं गया और वह उसी दिन दोपहर में नीमा के घर जा पहुँची। नीमा ने उसे वह किताब दिखायी और जीवन से जुड़े कुछ मामलों पर उसमें दी कारगर सलाहें भी बतायीं। जैसे:
बच्चों की परवरिश
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“लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।”
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“हे पिताओ, अपने बच्चों को चिढ़ मत दिलाओ।”
काम और पैसा
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“जो चोरी करता है वह अब से चोरी न करे। इसके बजाय, कड़ी मेहनत करे और अपने हाथों से ईमानदारी का काम करे, ताकि किसी ज़रूरतमंद को देने के लिए उसके पास कुछ हो।”
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“अगर कोई काम नहीं करना चाहता, तो उसे खाने का भी हक नहीं।”
नशीली दवाएँ और शराब
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“आओ हम तन और मन की हर गंदगी को दूर कर खुद को शुद्ध करें।”
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“दाखमधु ठट्ठा करनेवाला और मदिरा हल्ला मचानेवाली है; जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं।”
नैतिक मूल्य
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“शादी सब लोगों के बीच आदर की बात हो और शादी की सेज दूषित न की जाए।”
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“व्यभिचार से दूर रहो।”
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“हर वह आदमी जो किसी स्त्री को ऐसी नज़र से देखता रहता है जिससे उसके मन में स्त्री के लिए वासना पैदा हो, वह अपने दिल में उस स्त्री के साथ व्यभिचार कर चुका।”
परिवार में आदर दिखाना
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“अपने पिता और अपनी माँ का आदर कर।”
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“अपने जन्मानेवाले की सुनना, और जब तेरी माता बुढ़िया हो जाए, तब भी उसे तुच्छ न जानना।”
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“तुम में से हरेक अपनी पत्नी से वैसा ही प्यार करे जैसा वह अपने आप से करता है। और पत्नी भी अपने पति का गहरा आदर करे।”